- चुनावी साल में राज्य सरकार जनता को बड़ा तोहफा देने जा रही…
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सरकारी जमीन पर काबिज हजारों लोगों को उस जमीन का मालिकाना हक जल्द मिलेगा। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। अभी तक केवल वर्ष 2014 तक के कब्जाधारक पट्टे के लिए पात्र थे अब इसे बढ़ाकर 2020 किया जा रहा है। इससे प्रदेश के लाखों आमजन लाभान्वित होंगे। शासकीय भूमि का पट्टा मिलने के बाद प्रदेश के इन पट्टाधारकों को भविष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रदेश में पुन: शुरु होने पर इस योजना का लाभ भी दिया जाएगा। इससे नि:शुल्क पट्टा और पीएम आवास में राशि मिल सकेगी। इसके लिए बिजली बिल, जल प्रदाय बिल, किसी सरकारी दफ्तर का कोई पत्र या दस्तावेज, जनगणना 2011 में उल्लेखित पता सम्पत्ति कर, मतदाता सूची में नाम आदि के दस्तावेज देने होंगे। प्रदेश में शासकीय जमीन पर काबिज गरीब आवासहीनों को नि:शुल्क पट्टा देकर जमीन का मालिकाना हक देने के लिए मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना अधिनियम 1984 बना हुआ है। इसमें अभी तक केवल 31 दिसंबर 2014 तक के काबिज ही पात्र माने गए है। इस अवधि के बाद शासकीय जमीन पर रहने वालों को कोई पट्टा नहीं दिया गया है और फिलहाल वे अतिक्रमणकारी की श्रेणी में आते है। अब सरकार इस अधिनियम में पात्रता की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 करने जा रही है। यानि इस अवधि तक शासकीय भूमि पर काबिज गरीब भूमिहीन, आवासहीन व्यक्तियों को सरकार जमीन का नि:शुल्क पट्टा जारी कर उन्हें उस जमीन का मालिक बनाएगी। अधिनियम की मंजूरी मिलने के बाद अनुविभागीय दंडाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व , नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के अधिकारी पटवारी, राजस्व निरीक्षकों का दल शहरी क्षेत्रों में ऐसे शासकीय भूमि पर काबिज लोगों का सर्वे करेंगे। सर्वे के बाद सूची तैयार की जाएगी। जो पात्रता की श्रेणी में आएंगे उनका विभिन्न स्तर पर परीक्षण कराए जाने के बाद उन्हें शासकीय जमीन का पट्टा दिया जाएगा।
90 हजार परिवारों को मिलेगा लाभ
जानकारी के अनुसार दिसंबर 2014 के अनुसार करीब 30 हजार परिवारों को फायदा मिलता, अब नए नियम के मुताबिक इसका लाभ 90 हजार परिवार उठा सकेंगे। इसके साथ ही अब तक करीब 9 हजार 560 परिवारों ने मालिकाना हक के लिए आवेदन किया है। जिसमें 2 हजार 453 परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जा चुका है। शेष तीन हजार आवेदनों की जांच की जा रही है। सरकार ने सरकारी जमीन पर काबिज परिवारों को चार रुपए प्रति वर्गमीटर सालाना भू-भाटक पर जमीन की लीज देना पड़ेगी। जिसके तहत एक हजार वर्गफीट के मकान का सिर्फ चार सौ रुपए लीज रेंट सालाना जमा करना पड़ेगा। ऐसी जमीनें जो पहले से सरकारी थीं, वहां पर काबिज लोगों को वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन के रेट से पांच फीसदी प्रीमियम देना पड़ता था, जिसे घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है। धारण अधिकार के तहत वर्ष 1989 से 31 दिसंबर 2014 तक 25 साल रहने का प्रूफ पेश करना पड़ रहा था, जिसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर 2020 कर दिया है। जिसके तहत वर्ष 2020 तक काबिज होने का वेरिफिकेशन गूगल मैप से किया जाएगा, जिससे पता लगाया जा सके कि 2020 तक यहां पर मकान बना था या नहीं।
जानकारी छुपा कर पट्टा लेने पर सात साल जेल
जिस अधिनियम के तहत सरकारी जमीन का पट्टा दिया जाएगा उसमें पहले से प्रदेश में कहीं जमीन, भवन होंने की जानकारी छुपाते हुए खुद को भूमिहीन या आवासहीन बता का योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को सात वर्ष की कैद का प्रावधान भी है। इस अधिनियम में पट्टे की जमीन को बेचकर दूसरी बार योजना का लाभ लेने, पट्टे पर प्राप्त जमीन को किराये पर देने, योजना के तहत पट्टा पाने वाले व्यक्ति की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर जमीन हथियाने वाले व्यक्ति को भी सात साल की सजा का प्रावधान है। एक परिवार को पूरे जीवनकाल में केवल एक बार ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।