- पीएचक्यू ने ट्रेडमैनों की भर्ती के लिए अलग से जारी किया निर्देश
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस अमले की कमी है। इसके लिए लगातार मांग उठती रहती है कि जरूरत के हिसाब से पुलिस अमले में भर्तियां की जाए, ताकि आबादी के हिसाब से पुलिस बल की तैनाती हो सके। लेकिन पीएचक्यू के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है। अब जब सरकार ने सामान्य ड्यूटी (जीडी) और रेडियो के लिए आरक्षकों की भर्ती निकाली है तो अफसरों को अपनी चिंता सताने लगी है। इसके लिए पीएचक्यू ने अफसरों के बंगलों पर चाकरी करने के लिए ट्रेडमैनों की भर्ती करने का निर्देश जारी किया है।
गौरतलब है कि देश से अंग्रेज भले ही चले गए हैं, लेकिन अब भी पुलिस विभाग में लालफीताशाही हावी है। यही वजह है कि आरक्षकों की भर्ती में पीएचक्यू ने नया फरमान जारी कर दिया है। आईपीएस अफसरों के लिए अंग्रेजों के जमाने की खातिरदारी के लिए आरक्षकों के पद पर नाई,मोची, बढ़ई, टेंट खलासी और दर्जी जैसे ट्रेडमैनों के लिए भर्ती की जाएगी, जो अफसरों के बंगलों में ड्यूटी करेंगे।
जीडी और रेडियों के लिए नोटिफिकेशन
पुलिस विभाग में 7 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। पीईबी ने सिर्फ सामान्य ड्यूटी (जीडी) और रेडियो के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इन दोनों पदों के लिए अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अब आरक्षकों की भर्ती के बाद उन्हें ट्रेडमैन भी बनाया जाएगा। यह नोटिफिकेशन भी पीएचक्यू के चयन और भर्ती शाखा ने जारी किया है। अभी मध्य प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बल की कमी है। ऐसी स्थिति में आईपीएस अफसरों के लिए ट्रैडमैनों की भर्ती की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। पीएचक्यू ने अफसरों की खातिरदारी के लिए दर्जनभर से ज्यादा पदों पर आरक्षकों की भर्ती करने का रोस्टर भी जारी किया है। यानी कि जिन अभ्यर्थियों द्वारा मैदानी अमले और रेडियो आरक्षक में भर्ती होने के लिए परीक्षा दी गई थी, उन्हें अफसरों की चाकरी भी करनी होगी। मजे की बात है कि ट्रेडमैन में भर्ती होने के लिए आरक्षकों के पास भारत सरकार ने मान्यता प्राप्त संस्थाओं से सर्टिफिकेट भी लेकर आना होगा। बता दें कि अभी एसएएफ के जवान भी अफसरों के बंगलों पर प्यून, माली और ड्राइवर की ड्यूटी कर रहे हैं। उन्हें इन कार्यों से मुक्त कर दिया जाएगा, जिसके वजह से आरक्षकों का चयन किया जाएगा।
अफसरों के बंगलों पर लाखों खर्च
आईपीएस अफसरों के घरों में निजी कार्यों के लिए अटैच पुलिस वाहनों को लेकर पूर्व डीजीपी विवेक जौहरी ने सवाल उठाए थे। एक अफसर के लिए लाखों रुपए पुलिस वाहनों में खर्च को लेकर राज्य सरकार को जानकारी दी थी। यही नहीं, तत्कालीन राज्य सरकार ने अफसरों के लिए कई वाहनों की सुविधा को फिजूलखर्ची बताया था, जिसके बाद एडीजी रैंक के अफसरों के घरों में अटैच वाहनों को हटा लिया गया था। पुलिस भर्ती और चयन शाखा के अफसरों का कहना है कि लंबे समय से आरक्षकों में ट्रेडमैन की भर्ती नहीं हुई है। इसी के चलते आरक्षकों की भर्ती में ट्रैडमैन के पदों पर भीं भर्ती की जा रही है, जबकि उच्च शिक्षा सहित कई अन्य विभागों में ट्रैडमैनों की भर्ती बंद हो गई है। फिर भी, पुलिस मुख्यालय अफसरों की सुविधाओं लिए 20 हजार रुपए वेतन के साथ आरक्षकों को ट्रैडमैन के लिए भर्ती करने की तैयारी कर रहा है।
14/12/2022
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