
- देरी से भेजे गए प्रस्ताव से अटका मामला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सेवा के तहत आने वाले वन विभाग और पुलिस अफसरों की पदोन्नति होने के बाद भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह है, उनकी डीपीसी के लिए भेजे जाने वाले प्रस्ताव में देरी होना। इसका नुकसान उन आठ अफसरों को उठाना पड़ रहा है, जिन्हें बीते साल ही आईएएस पद पर पदोन्नत हो जाना था। इसकी वजह से अब इस साल की डीपीसी के साथ ही बीते साल की भी डीपीसी होगी। इसकी वजह से बीते साल के आठ और इस साल के दस अफसरों को मिलाकर कुल डेढ़ दर्जन राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आईएएस बनने का मौका मिलेगा। डीपीसी में होने वाली देरी की वजह से अब राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों में नाराजगी दिखना शुरु हो गई।
वर्ष 2024 में आठ अधिकारियों को पदोन्नत होना था, लेकिन प्रस्ताव भेजने में देरी होने की वजह से संघ लोक सेवा आयोग ने डीपीसी के लिए तारीख नहीं दी है। इसकी वजह से अब माना जा रहा है कि वर्ष 2024 और 2025 की डीपीसी एक साथ मई-जून में हो सकती है। वर्ष 2024 के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आठ पद राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए स्वीकृत किए थे। संभागायुक्तों से जानकारी लेकर एक पद के विरुद्ध तीन अधिकारियों के नाम प्रस्तावित किए गए हैं। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के अनुमोदन से दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग भेजा गया, लेकिन विलंब होने के कारण विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक करने की तिथि अब तक नहीं मिल सकी है। सूत्रों का कहना है कि इस बार प्रस्ताव भेजने में विलंब हुआ है। आमतौर पर यह प्रस्ताव मई- जून में भेज दिया जाता है, जिससे सितंबर तक बैठक हो जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, इसलिए अब एक साथ दो वर्ष के पदों के लिए डीपीसी होगी। 2025 में दस पद मिलने की संभावना है।
दिसंबर में हुई थी रापुसे की डीपीसी
इस बार राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की डीपीसी भी विलंब से हुई। गृह विभाग का प्रस्ताव नवंबर 2024 में भेजा गया और 16 दिसंबर को बैठक हुई। छह जनवरी 2025 को चार अधिकारियों को आईएएस संवर्ग में पदोन्नत करने की अधिसूचना जारी हो गई। इसी तरह राज्य वन सेवा के 13 अधिकारियों की आइएफएस संवर्ग में पदोन्नत किया गया। वन विभाग ने पूरी प्रक्रिया समय रहते की, इसलिए इन्हें सबसे पहले पदोन्नति मिली।
सीएम से मुलाकात भी काम न आई
उधर, राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति में हो रही देरी को लेकर दस दिन पहले राज्य प्रशासनिक सेवा संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिला भी था, और जल्द डीपीसी बैठक कराने की मांग की थी, लेकिन अभी स्थिति जस की तस है। इसके चलते दो सालों की डीपीसी अभी तक नहीं हो सकी है।