- वर्तमान में 22 हजार मेगावॉट से अधिक बिजली की उपलब्धता
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ सौर ऊर्जा को जोर-शोर से बढ़ावा दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे और अन्य उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने का दावा भी प्रदेश सरकार ने किया है। इससे बिजली की मांग में लगातार वृद्धि भी हो रही है, जो कि 22 हजार मेगावॉट तक पहुंच गई है। लेकिन इस बार संभावना जताई जा रही है कि बिजली की मांग का पिछला रिकॉर्ड टूट सकता है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में सिंचाई के संसाधन बढऩे, औद्योगिक विकास और बढ़ते शहरीकरण के कारण प्रदेश में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले पांच साल में बिजली की डिमांड 3 हजार मेगावॉट से अधिक बढ़ गई। बिजली की सबसे ज्यादा मांग पिछले साल बढ़ी थी।
गौरतलब है कि मप्र वर्तमान में ही अपनी मांग की अपेक्षा अधिक बिजली का उत्पादन कर रहा है। मप्र में उत्पादित होने वाली अतिरिक्त बिजली दूसरें राज्यों को बेची जाती है। वहीं ,मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी आगामी वर्षों में बिजली उत्पादन का लक्ष्य और बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। बिजली की अधिक उपलब्धता होने की वजह से प्रदेश की पावर जनरेशन कंपनी दूसरे राज्यों के उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली बेच देती है। दूसरे राज्यों के औद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली बेची जाती है। पिछले तीन से चार महीने में पॉवर जनरेशन कंपनी ने करीब 400 करोड़ रुपए की 84 करोड़ यूनिट बिजली बेची है। यह बिजली लगभग 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाती है। इससे महंगी बिजली प्रदेश के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को मिलती है।
5 साल में तीन हजार मेगावॉट से अधिक होगी डिमांड
साल 2021-22 की तुलना में पिछले साल बिजली की डिमांड 1894 मेगावॉट अधिक थी। इस बार बिजली की डिमांड पिछला रिकार्ड भी तोड़ सकती है। प्रदेश में दिसंबर से जनवरी तक बिजली की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। डिमांड बढऩे की वजह किसानों के लिए बिजली की मांग बढऩा है। दिसंबर से जनवरी के बीच खेतों में सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत होती है। इससे बिजली की मांग बढ़ जाती है। साल 2018-19 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 14089 मेगावॉट थी। अब बिजली की डिमांड 17 हजार मेगावॉट से अधिक हो गई है। बढ़ती बिजली की डिमांड की वजह सिंचित खेती का रकवा बढऩा है। इधर पॉवर जनरेशन कंपनी के पास 22 हजार मेगावॉट से अधिक बिजली की उपलब्धता है। बिजली कंपनी का दावा है कि प्रदेश में अधिक बिजली की मांग की पूर्ति की जा सकती है। इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में प्रदेश में बिजली की डिमांड 18 हजार मेगावॉट तक पहुंच सकती है। इसकी तैयारी भी बिजली कंपनी ने शुरू कर दी है।
डिमांड फिर भी बेची जा रही बिजली
आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में बिजली की प्रति व्यक्ति डिमांड भी हर साल बढ़ रही है। पिछले पांच साल में प्रति प्रति व्यक्ति बिजली की डिमांड 1095 किलोवॉट घंटे से बढक़र 1280 किलोवॉट घंटे हो गई है। बिजली का मूल्यांकन करने के लिए प्रति व्यक्ति खपत को भी मापा है। बिजली खपत लगातार बढऩे से डिमांड बढ़ रही है। लगातार डिमांड बढऩे के बाद भी बिजली बेची जा रही है। पिछले सालों की तुलना में 7.98 फीसदी अधिक बिजली बेची गई। साल 2018-19 में 50311 मिलीयन यूनिट बिजली बेची गई थी। साल 2022-23 में 67682 मिलीयन यूनिट बिजली बेची गई। राज्य में साल दर साल बिजली की मांग बढ़ रही है। 2018-19 में बिजली की मांग 14089 मेगावाट थी। वहीं 2019-20 में 14555 मेगावाट, 2020-21 में 15425 मेगावाट, 2021-22 में 15692 मेगावाट और 2022-23 में 17586 मेगावाट थी।
साल-दर-साल बढ़ रहे उपभोक्ता
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में मप्र जनरेटिंक कंपनी के ताप विद्युत ग्रह से 4570 मेगावाट, मप्र जनरेटिंक कंपनी के जल विद्युत ग्रह से 922 मेगावाट, संयुक्त क्षेत्र के जल विद्युत गृह और अन्य से 2484.13 मेगावाट, केंद्रीय क्षेत्र के ताप विद्युत गृह से 5085 मेगावाट, दामोदर घाटी विकास निगम के ताप विद्युत गृह से 100 गेवावॉट, नवकरणीय ऊर्जा स्रोत से 5277 मेगावाट और निजी क्षेत्र के ताप विद्युत गृह से 3402 मेगावाट बिजली मिलती है। इस तरह प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता 21840 मेगावाट है। प्रदेश में बिजली की डिमांड बढऩे की वजह कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं का बढऩा है। हर साल प्रदेश में बिजली उपभोक्ता बढ़ रहे हैं। पिछले चार साल में प्रदेश में 4 लाख 51 हजार कृषि उपभोक्ता बढ़े हैं। साल 2019-20 में 30 लाख 75 हजार कृषि उपभोक्ता थे। साल 2022-23 में 35 लाख 26 हजार उपभोक्ता हो गए। इसी तरह घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इससे डिमांड भी बढ़ रही है। चार साल में राज्य में घरेलू उपभोक्ता 5 लाख 70 हजार ही बड़े। देखा जाए तो प्रदेश में कृषि उपभोक्ताओं की संख्या में ज्यादा इजाफा हुआ है। प्रदेश में वर्तमान में प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 24 लाख है। चार साल पहले इन उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 18 लाख थी।
5 साल में 11570 मेगावॉट अधिक बिजली बनाने का लक्ष्य
मप्र में अगले 5 साल में 11570 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा होगी। इसके लिए मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी अभी से जुटी हुई है। कंपनी का टारगेट हैं कि 2028-29 तक प्रदेश में 34300 मेगावॉट बिजली उत्पादन किया जाए। यह वर्तमान में 22730 मेगावॉट बिजली की उत्पादन क्षमता से 11570 मेगावट अधिक है। प्रदेश में बिजली की उत्पादन क्षमता अगले पांच साल में डिमांड से दोगुनी हो जाएगी। मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी ने यह लक्ष्य रखा है। कंपनी का 2028-29 तक प्रदेश में 34300 मेगावॉट बिजली उत्पादन का टारगेट है। इसकी जानकारी कंपनी ने मप्र विद्युत विनियामक आयोग को उपलब्ध कराई है। प्रदेश में अभी 22730 मेगावॉट बिजली की उत्पादन क्षमता है। यह बिजली भी प्रदेश की डिमांड से ज्यादा है।