भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक समय सत्ता व संगठन में बेहद प्रभावशाली रहे भाजपा नेताओं के लिए इस साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही है। यह वे नेता हैं, जिनको इस बार पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है। प्रदेश में ऐसे आठ चेहरे हैं। इन आठ मौजूदा सांसदों के टिकट पार्टी ने इस बार काटे हैं।
इन नेताओं में भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, बालाघाट से ढाल सिंह बिसेन, ग्वालियर से विवेक शेजवलकर, धार से छतरसिंह दरबार, विदिशा से रमाकांत भार्गव, झाबुआ से गुमान सिंह डामोर, सागर से राजबहादुर सिंह और गुना से केपी यादव शामिल हैं। इनमें सिर्फ गुना से सांसद केपी यादव को छोड़ दें, तो पार्टी ने ना तो इन नेताओं का प्रचार में कहीं नाम लिया ना ही उनका चुनावी प्रचार में कहीं उपयोग किया। गुना में यादव वोट बैंक को साधने के लिए जरूरी अमित शाह ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि गुना को दो नेता मिल रहे हैं। उन्होंने कहा था कि केपी यादव की चिंता वे करेंगे। वहीं, चुनाव के दौरान यादव बड़े नेताओं के साथ मंच पर जरूर दिखे, लेकिन गुना में सिंधिया के लिए प्रचार करते नजर नहीं आए। पार्टी ने भी उनको बैतूल लोकसभा सीट पर काम की जिम्मेदारी सौंप दी थी। अब यह सभी सांसद भूतपूर्व हो जाएंगे तो उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि इनमें से कई नेताओं को तो पार्टी ने पूरी तरह से घर बिठाने का तय कर लिया है। दरअसल यह वे नेता हैं, जिन्हें पार्टी ने कई अहम पद देकर सत्ता में भागीदारी दी , लेकिन वे पार्टी की मंशा पर खरे नहीं उतर रहे थे। यह ऐसे चेहरे हैं,जो सांसद बनने के बाद अपनी सक्रियता पार्टी के विस्तार में लगाने से परहेज करते रहे हैं।
यह सांसद बनाएंगे हैट्रिक
भाजपा ने कई सीटों पर सांसदों को रिपीट किया है। इसमें कुछ तो तीसरी बार मैदान में हैं। इसमें राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, मंदसौर से सुधीर गुप्ता और रीवा से जनार्दन मिश्रा। इसमें नागर के सामने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह हैं। इन तीनों सांसदों को हैट्रिक बनाने की चिंता सता रही है। इसके अलावा विदिशा में शिवराज सिंह चौहान, टीकमगढ़ में वीरेंद्र खटीक, सतना में गणेश सिंह और मंडला में फग्गन सिंह कुलस्ते पांच से आठ बार चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं।
संगठन में मिल सकती है कुछ चेहरों को जगह
इस बार जिन सांसदों के टिकट काटे गए हैं, उनको लेकर भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी सभी का ध्यान रखेगी। चुनाव के बाद पार्टी सभी का उपयोग करेगी। संगठन में बहुत काम काम है। उनकी भूमिका केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश संगठन ही तय करेगा।
03/06/2024
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