मप्र के मंत्रियों-विधायकों की परफॉर्मेंस का हो रहा आंकलन…
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित होगा। इस सत्र से पहले मप्र में सत्ता और संगठन में बदलाव होगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव और अब तक के कार्यकाल के आधार पर मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस का आंकलन शुरू हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि डॉ. मोहन यादव की पांच महीने पुरानी सरकार में बड़े बदलाव हो सकते हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी जगह दी जा सकती है। वहीं जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है उन्हें भी जगह दी जाएगी। साथ ही खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। सत्ता के साथ ही संगठन में भी बड़ा बदलाव होगा।
दिसंबर 2023 में वजूद में आई प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार में इस समय मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों के अलावा 28 मंत्री मौजूद हैं। इनमें 18 कैबिनेट मंत्री, छह स्वतंत्र प्रभार वाले और चार राज्यमंत्री का ओहदा रखने वाले मंत्री शामिल हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल के आकार के लिहाज से फिलहाल इसमें कुछ और मंत्रियों को शामिल किए जाने की गुंजाइश है। इसके मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार को आकार दिए जाने की चर्चाएं चल पड़ी हैं। सूत्रों का कहना है विस्तार कवायद में पहली तरजीह उन विधायकों को दी जाएगी, जो कांग्रेस से पलायन कर भाजपा की शरण में आए हैं। इनमें रामनिवास रावत और कमलेश शाह का नाम प्राथमिकता से गिनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि संभवत: इन विधायकों की भाजपा आमद की शर्तों में एक बिंदु शामिल रहा होगा। शिवराज सरकार के दौरान हर बार अपनी बारी आने से चूकते रहे इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला इस विस्तार में उपकृत किए जा सकते हैं।
आधा दर्जन मंत्रियों की कुर्सी खतरे में
गौरतलब है कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्रियों को हिदायत दी थी कि वे अपने अपने क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए काम करें। उन्होंने साफ कहा था कि जिन मंत्रियों के क्षेत्र में वोटिंग कम रहेगी, उनके बारे में संगठन फैसला लेगा। शाह की बात पर अगर अमल हुआ तो आधा दर्जन मंत्रियों की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। इसके अलावा केंद्रीय नेतृत्व ने निजी एजेंसी से मंत्रियों की लोकसभा चुनाव में सक्रियता और पिछले छह महीनों के काम की परफार्मेंस रिपोर्ट भी तैयार करवाई है। जिन मंत्रियों का काम ठीक नहीं है या जो विवादों में रहे हैं। संगठन की सलाह पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व इस बात पर भी विचार कर रहा है कि कुछ पुराने चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। ये पार्टी के सीनियर विधायक हैं। इनमें सबसे पहला नाम नौ बार के विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का है। भार्गव भाजपा की हर सरकार में मंत्री रहे हैं पर इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इसके अलावा जिन नेताओं के नाम पर विचार हो रहा है, उनमें भूपेन्द्र सिंह, प्रदीप लारिया भी शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए सीनियर विधायक रामनिवास रावत को भी मंत्रिमंडल में लेने की चर्चाएं हैं। माना जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद उपचुनाव लड़ाया जाएगा।
विधायकों की रिपोर्ट तैयार…
भाजपा सूत्रों का कहना है कि करीब 2 महीने तक चले लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान विधायकों की सक्रियता की रिपोर्ट भी तैयारी की गई है। भाजपा द्वारा नियुक्त प्रदेश लोकसभा चुनाव प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह एवं सह-प्रभारी सतीश उपाध्याय मध्यप्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिल्ली रवाना हो गए है। जहां वे पार्टी आला कमान को विधायकों की रिपोर्ट देंगे। चौथे चरण के मतदान के बाद डॉ. सिंह एवं उपाध्याय अब दिल्ली में आलाकमान को विधायकों की रिपोर्ट देंगे। माना जा रहा है कि डॉ. सिंह एवं उपाध्याय ने चुनाव के दौरान प्रदेश के जिन क्षेत्रों का दौरा किया वहां भाजपा विधायकों द्वारा चुनाव के संबंध में किए गए कार्य के साथ ही पार्टी प्रत्याशी के लिए जनता के बीच जाने से लेकर सभा एवं संवाद के कितने काम किए इस संबंध में रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में क्षेत्र में भाजपा को प्राप्त मत प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में क्षेत्र में डाले गए मत प्रतिशत को लेकर भी रिपोर्ट दी जाएंगी। इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी आलाकमान भविष्य में विधायकों की जवाबदारी को तय करेगा।
वीडी को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी
मप्र भाजपा के लिए जीत का शुभंकर बने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर आलाकमान तक काफी खुश है। ऐसे में उन्हें केंद्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है। खजुराहो से वीडी शर्मा की बड़े अंतर से जीत तय मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी जीत का इनाम उन्हें मिलना तय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद मंच से उनकी तारीफ कर चुके है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर अभी से अटकलें शुरू हो गई है। वैसे भी वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा हो हो चुका है। शर्मा के अलावा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद को भी बदले जाने की चर्चाएं हैं। नरेन्द्र मोदी के पिछले कार्यकाल में प्रदेश से नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेन्द्र खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री थे, इनमे तोमर और पटेल अब प्रदेश की राजनीति में आ चुके है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि वीडी शर्मा को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।