इसी सप्ताह हो सकता है बड़ा प्रशासनिक फेरबदल एसपी कलेक्टर से लेकर आला अफसरान तक बदले जाएंगे

एसपी कलेक्टर

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में बीते एक माह से लगाए जा रहीं प्रशासनिक फेरबदल की अटकलें इस माह समाप्त होने की संभावना बन गई हैं। इस फेरबदल में कलेक्टर से लेकर एसीएस तक को बदले जाने की संभावना है। इसी तरह से पुलिस महकमे के एसपी से लेकर एडीजी के दायित्वों में भी फेरबदल संभावित है। इनमें एक दर्जन कलेक्टर और एसपी के भी नाम बताए जा रहे हैं। इस सूची में उन विभाग प्रमुखों  के विभाग भी बदलना तय माना जा रहा है जिनकी अपने विभाग के मंत्रियों से पटरी नहीं बैठ रही है। इसके अलावा कुछ विभागाध्यक्ष व निगमों के एमडी भी बदले जाना तय माना जा रहा है। उधर प्रदेश के दो वरिष्ठ अधिकारी कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह और डीजी होमगार्ड अशोक दोहरे इसी माह के अंतिम दिन सेवानिवृत्त हो रहे है। दोनों अखिल भारतीय सेवा के 1985 बैच के अधिकारी हैं। केके सिंह की सेवानिवृत्ति पर 1990 बैच के आईएएस प्रमुख सचिव महिला व बाल विकास अशोक शाह को एसीएस वेतनमान में पदोन्नति मिल जाएगी। इसी तरह अशोक दोहरे की सेवानिवृत्ति पर 1988 बैच के आईपीएस एडीजी सीआईडी कैलाश मकवाना को स्पेशल डीजी वेतनमान में पदोन्नत होने का रास्ता साफ हो जाएगा। इन दोनों अफसरों को पदोन्नति देने के साथ ही रिक्त पदों को भी भरा जाएगा। लंबे समय से महानिदेशक प्रशासन अकादमी, अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल व व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अध्यक्ष पद भी वर्तमान में रिक्त चल रहे हैं। इनमें प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। फिलहाल महानिदेशक प्रशासन अकादमी का प्रभार प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन श्रीमती दीप्ति गौड़ मुकर्जी, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष का प्रभार प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, अध्यक्ष व्यवसायिक परीक्षा मंडल का प्रभार कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह के पास है। अश्विनी राय को अध्यक्ष राजस्व मंडल के साथ एसीएस मत्स्यपालन का भी प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। इसकी वजह से सरकारी कामकाज पर भी प्रभाव पड़ रहा है। प्रदेश में यह पहला मौका है जब उक्त पद इतने लंबे समय तक अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं। प्रदेश में हालात यह बने हुए हैं कि जो भी बड़ा पद खाली होता है उस पर पूर्णकालिक तैनाती की जगह अतिरिक्त प्रभार प्रदान कर दिया जाता है। इसकी वजह से प्रशासनिक ढांचा भी बिगड़ता जा रहा है। बीते माह 31 जुलाई को जयश्री कियावत की सेवानिवृत्ति के बाद से आयुक्त लोक शिक्षण का पद भी रिक्त चल रहा है। इस पद का अतिरिक्त प्रभार संचालक हाथकरघा अनुभा श्रीवास्तव को दिया गया है। यह हाल तब हैं जबकि विभाग में पहले से ही दो आईएएस अधिकारी एस धनराजू व अशोक वानखेड़े पदस्थ हैं। इसी तरह कई अन्य पद भी रिक्त बने हुए हैं, जबकि कई अधिकारियों के पास कोई काम ही नहीं है।
मंत्रालय में मुख्य सचिव के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां हमेशा वरिष्ठतम अधिकारी की पदस्थापना की जाती रही है। देखना है कि 31 अगस्त को केके सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद वरिष्ठता को ध्यान में रखकर मुख्यनिर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती वीरा राणा को यह जिम्मेदारी दी जाती है या लंबे समय तक कृषि व सहकारिता विभाग में कार्य करने वाले अपर मुख्यसचिव अजीत केसरी को यह जिम्मेदारी दी जाती है। अपर मुख्यसचिव पशुपालन जेएन कांसोटिया व उन्हीं के बैच के अन्य अधिकारी भी एपीसी पद के दावेदारों में शामिल है।
जुलानिया को देनी पड़ रही फ्री की वेतन
वरिष्ठ आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया भी लंबे समय से बगैर काम के वल्लभ भवन में पदस्थ हैं। माना जा रहा है कि उनके सेवानिवृत्ती को देखते हुए उनकी भी नई पदस्थापना की जा सकती है। इसी तरह से कई अन्य अफसर भी अपनी नई पदस्थापना का इंतजार कर रहे हैं। यह वे अफसर हैं, जिन्हें सरकार द्वारा हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग के पूल में पदस्थ कर रखा है।

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