कोरोना से हुई मौतों को लेकर अब भी संशय की स्थिति

कोरोना
  • अब भी आ रहे हैं प्रशासन के पास मदद के लिए आवेदन

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना की तीनों लहरों में प्रदेश में कितनी मौतें हुई हैं , इसका सही आंकड़ा प्रदेश सरकार के पास अब भी नहीं है। यही वजह है की अब तक इससे हुई मौतों का जो आंकड़ा अधिकृत रुप से जारी किया गया है , उससे कहीं अधिक मदद के आवेदन तो पहले ही प्रशासन के पास आ चुके हैं , इसके  बाद भी आवेदनों के आने का सिलसिला बंद नही हुआ है। ऐसा नहीं की ऐसा किसी एक जिले में हो रहा है , बल्कि प्रदेश भर के सभी जिलों में यही स्थिति बनी हुई है। इस मामले में भोपाल भी अछूता नही है।  सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक की तीनों कोरोना की लहरों में भोपाल में 1008 मौतें हुई हैं, लेकिन अब तक भोपाल के कलेक्टोरेट और एसडीएम दफ्तरों में कोरोना से हुई मौतों के मामले में मदद के लिए दो हजार के करीब आवेदन आ चुके हैं। इसके बाद भी आवेदन आने का सिलसिला थमा नहीं है।
     यह बात अलग है की इस तरह के मामलों में जिला प्रशासन का रुख बेहद मानवीय है जिसकी वजह से कई आवेदनों में कमी होने के बाद भी संबधितों के खातों में सहायता राशि के रुप में पचास हजार रुपए की अनुग्रह राशि डाली गई है।  लेकिन आवेदनों के आने से सवाल खड़ा होने लगा है कि आखिर कितनी मौतेंं कोराना से हुईं। अगर कोरोना से हुई तो एनएचएम के रिकॉर्ड में ये मौत सिर्फ 1008 ही क्यों दर्ज हैं? लगातार बांटी जा रही अनुग्रह राशि से ये सवाल खड़े होने लगे हैं। अफसरों का कहना है कि इसके लिए आने वाले आवेदनों की तहसीलदार स्तर से जांच की जाती है। जो दस्तावेज और प्रमाण पत्रों की जरूरत है, वह पूरे होते ही मृतक के परिजनों के खाते में अनुग्रह राशि ट्रांसफर कर दी जाती है। एनएचएम के रिकॉर्ड के अनुसार भोपाल में कोरोना के एक साल यानी 1 अप्रैल 2021 को 633 मौतें रिकॉर्ड में दर्ज हुई थीं। दूसरी लहर तो मई के 27 दिन चली थी। इसमें अचानक से मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ा था। एक-एक अस्पताल में कई मौतें हुईं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उनको कम दर्ज किया गया। अब ऐसे ही लोग अनुग्रह राशि के लिए फार्म भरकर डॉक्टर का प्रमाण पत्र लगाकर जमा कर रहे हैं। इसमें से कई ऐसे भी थे जो शक के घेरे में आए और जांच के बाद उनको वापस भी किया गया। लेकिन अधिकांश मामलों में मृतक के परिजनों के खाते में रुपए डाली गई है।  
    भोपाल में कब कितनी मौतें
    बीते साल एक जनवरी- 2021 तक भोपाल में 579 मौतें दर्त की गई थीं, उसके बाद 1 अप्रैल 2021 तक 633 मौतें और जुलाई 2021 तक 972 मौतें हो चुकी थीं। इन्हें मिलाकर कुल सरकारी रिकार्ड में 1008 मौतें दर्ज हैं।
    कांग्रेस का आरोप
    कोरोना महामारी से हुई मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को लेकर प्रदेश  कांग्रेस  अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश सरकार पर  निशाना साधते हुए कहा की  बीते साल मार्च-अप्रैल माह में सवा लाख से ज्यादा लोगों के अंतिम संस्कार हुए थे। मैं शुरू से ही कहता रहा हूं कि कोरोना से देश में लाखों लोगों की मौत हुई है , जबकि भाजपा सरकार लोगों की जान बचाने व सच्चाई स्वीकारने की बजाय आंकड़े  छिपाने में ही लगी रही। उन्होंने कहा, मैंने मप्र को लेकर भी कहा था कि यहां भी सरकार के कुप्रबंधन के कारण मार्च और अप्रैल के महीने में शमशान और कब्रिस्तानों में 1,27503 लोगों के अंतिम संस्कार हुये , इसमें से अगर 80 फीसदी भी कोरोना से मौतें हुईं हैं तो वो तादाद एक लाख दो हजार होती है।

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