- बुधनी में मानी जा रही भाजपा की एकतरफा जीत
- विनोद उपाध्याय
प्रदेश में तीन सीटें ऐसी हैं, जिन पर उपचुनाव होना तय है। इनमें से दो सीटें तो रिक्त घेषित हो चुकी हैं, जबकि एक सीट एक -दो दिन में रिक्त होने की संभावना है। इनमें से एक सीट बुधनी ऐसी है, जिस पर भाजपा की जीत तो अभी से एक तरफा मानी जा रही है, जबकि बाकी दो सीटों में शामिल विजयपुर और बीना में भाजपा व कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबला होने की संभावना बनी हुई है। इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस भाजपा के बागी होने वाले नेताओं पर नजर बनाए हुए हैं। दोनों ही जगह भले ही कांग्रेस के पास भाजपा के मुकाबले के लिए मजबूत चेहरे न हों , लेकिन वह भाजपा के नाराज नेताओं को पाले में लाकर चुनावी मैदान में उतार सकती है। इसकी वजह है विजयपुर व बीना में कांग्रेस विधायकों का दलबदलकर भाजपा में आना। उनके इस्तीफों की वजह से ही उपचुनाव होने हैं। तीनों ही सीटों पर होने वाले उपचनुाव के लिए भाजपा बीते लंबे समय से गोपनीय तरीके से चुनावी तैयारियां कर रही है। उधर इसके उलट कांग्रेस भी अपने प्रयास कर रही है। बुधनी में जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए टिफिन पार्टी का आयोजन कर रही है, तो वहीं विजयपुर में कांग्रेस भाजपा के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को अपने पाले में लाने के प्रयासों में पूरी तरह से लगी हुई है। इसी तरह से बीना में कांग्रेस द्वारा खुरई को जिला बनाने की मांग को हवा दी जा रही है, जिसमें वह सफल होती भी नजर आ रही है। इसकी वजह है इस मामले में स्थानीय भाजपा नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं का पर्दे के पीछे से समर्थन मिलना। बीना में कांग्रेस फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रही है, जिसमें वह कुछ हद तक सफल होती नजर आ रही है। बुधनी में भाजपा उम्मीदवार का ऐलान शिवराज से विचार-विर्मश के बाद ही करेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और शिवराज के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान यहां से प्रबल दावेदार हैं। कार्तिकेय ने विधानसभा चुनाव के समय बुधनी में पूरे समय शिवराज सिंह के चुनाव की कमान संभाली। उनका क्षेत्र के एक-एक गांव में नेटवर्क है । ऐसे में माना जा रहा है कि बुधनी से जो भी प्रत्याशी होगा, उसे शिवराज का वरदहस्त प्राप्त होगा और उसकी जीत भी इसी से सुनिश्चित हो जाएगी। वही रमाकांत भार्गव के शिवराज के लिए विदिशा सीट छोडऩे का इनाम मिल सकता है। दूसरी और कांग्रेस क्षेत्र में एक बार फिर पूर्व मंत्री एवं विधायक राजकुमार पटेल पर दांव खेल सकती है। पटेल पूर्व में यहां से विधायक रहे हैं और क्षेत्र में उनकी कांग्रेस के अन्य नेताओं की अपेक्षा अच्छी पकड़ भी मानी जाती है।
श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर भाजपा की और से वन मंत्री रामनिवास रावत का नाम तय है, वहीं कांग्रेस यह पर रावत को पटखनी देने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। सीताराम ने भाजपा नेतृत्व से उपचुनाव के लिए टिकट भी मांगा है, लेकिन पार्टी रावत को टिकट देगी तो सीताराम की नाराजगी भारी पड़ सकती है। क्षेत्र में आदिवासी समाज के काफी वोट है, जो एक तरफा निर्णायक की भूमिका निभा सकते हैं। इससें रावत को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं क्षेत्र में ठाकुर और गुर्जर वोट भी काफी है पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीटू सिकरवार अपनी पराजय के लिए रावत को जिम्मेदार मानते हैं ऐसे में वह पूरी तरह रावत के खिलाफ प्रचार करेंगे और ठाकुर वोट को कांग्रेस के पक्ष में डलवाने में सफल होते हैं तो रावत को नुकसान होगा। लेकिन भाजपा को चुनावी गणित में महारत हासिल है और वह जानती है कि किस प्रकार से अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करना है। भाजपा सीताराम आदिवासी को मनाने में सफल भी हो जाएगी। संभवत: सीताराम को निगम मंडल में नियुक्त करके उनकी नाराजगी को दूर किया जा सकता है। इसी सीट पर भाजपा के बाबू लाल मेवाड़ा भी दावेदारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी भी भाजपा को दूर करने होगी। अगर सीतारात व मेवाड़ा नहीं माने तो भाजपा की राह बेहद मुश्किल हो सकती है।
सप्रे कल दे सकती हैं इस्तीफा
सागर जिले की बीना विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव हो सकते हैं। यहां से वर्तमान कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कल मुख्यमंत्री मोहन यादव के दौरे के समय होने वाले कार्यक्रम में इस्तीफा की घोषणा कर सकती हैं। इसके बाद बीना विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना तय है। सूत्रों की माने तो बुधनी, श्योपुर के साथ ही बीना में भी उपचुनाव कराए जा सकते हैं। पिछले दिनों भाजपा की प्रदेश स्तरीय संगठन पर्व की बैठक में भी निर्मला उपस्थित रही थी। मुख्यमंत्री 4 सितम्बर को बीना जाएंगे वे बीना के जिला बनाने की घोषणा भी कर सकते हैं। बीना विधानसभा सीट को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी क्षेत्र के नेताओं से चर्चा कर रहे हैं। इस सीट पर भी सप्रे का चुनाव लडऩा अभी से तय है। उनकी जीत तय करने के लिए बीना को जिला बनाने की भी घोषणा की जा सकती है।