जबलपुर यूनिवर्सिटी का कारनामा: न काम किया और न ही ब्याज ले रहे

जबलपुर यूनिवर्सिटी
  • करंट खाते में  पड़े हैं जबलपुर यूनिवर्सिटी के करोड़ों रुपए

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एफडी के नाम पर किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले में कार्रवाई के बाद भी दूसरे सरकारी विवि प्रबंधन  अपनी कार्यशैली सुधारने को तैयार नही है। अब ताजा मामला जबलपुर यूनिवर्सिटी का सामने आया है। इस विवि को मिली आर्थिक मदद का न तो उपयोग किया जा रहा है और न ही उस राशि को बचत खाते या फिर एफडी के रुप में जमा किया जा रहा है। उक्त राशि को विवि प्रबंधन ने कंरट अकाउंट में जमा कर रखा है, जिस पर ब्याज तो मिलना दूर, बल्कि बैंक उलटे कुछ रकम खाते के रख-रखाव के नाम जरुर वसूलता है। इसके  बाद भी प्रदेश के सरकारी विव प्रबंधनों की कार्यशैली बदलती नहीं दिख रही है।
 जबलपुर के रानी दुर्गावति विश्वविद्यालय ने तो करोड़ों रुपए महीनों से करंट अकाउंट में ही जमा कर रखे गए हैं। जिम्मेदारों की जानकारी में होने के बाद भी इस राशि को संभालने के लिए कोई तैयार नजर नहीं आ रहा है। विवि सूत्रों का कहना है कि यह राशि 50 करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें 20 करोड़ रुपए तो केन्द्र सरकार द्वारा शासन समर्पित योजना रूसा के तहत मिली राशि का हिस्सा है। यह राशि करीब छह माह पहले मिली थी। इनके अलावा परीक्षा और प्रवेश आदि की फीस भी करोड़ों रुपए में है। कुल राशि 50 करोड़ से अधिक बताई जा रही है, जो पिछले कई महीनों से चालू खाते में ही डालकर रखी गई है। इतनी बड़ी राशि खुले में देखकर राजभवन भी सक्रिय हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल मंगूभाई पटेल द्वारा हाल ही में  सभी यूनिवर्सिटीज के कुलगुरुओं और कुलसचिवों की बैठक में इस मुद्दे पर राज्यपाल ने प्रमुखता से जोर दिया। बैठक में मौजूद राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चंद्र गुप्ता ने खासी नाराजगी जाहिर की। मामले को राज्यपाल ने भी गंभीरता से लिया। कुलगुरू राजेश वर्मा और कुलसचिव दीपेश मिश्रा से सख्ती पूर्वक कहा गया कि अपना थोड़ा सा भी पैसा हो तो तत्काल एफडी कराने पहुंच जाते हैं, म्यूचुअल फंड में राशि इनवेस्ट कर दी जाती है। युनिवर्सिटी के करोड़ों रुपए लंबे समय से चालू खाते में क्यों रखी गई है। इसे संरक्षित और सुरक्षित करने की जिम्मेदारी किसकी है।
बच्चों की फीस से आई राशि को भी अधिकारी अपना मानकर इस्तेमाल करें। ध्यान दें कहीं यूनिवर्सिटी की राशि का दुरुपयोग न हो जाए। राज्यपाल से सभी कुलगुरुओं से खातों में पड़ी राशि को तत्काल एफडी बनाकर सुरक्षित करने को कहा है। इस मामले में कुलगुरू वर्मा और कुलसचिव मिश्रा से संपर्क करने के लगातार प्रयास किए गए, किंतु दोनों से ही संपर्क नहीं हो सका।
गुजरात मॉडल पर बनाए जाएगे हॉस्टल
राज्यपाल पटेल ने प्रदेश में छात्रावास बनाने के लिए गुजरात मॉडल लागू करने पर जोर दिया है। बैठक में राज्यपाल ने कहाकि गुजरात की तरह यहां भी समरस छात्रावास बनाए जाएं। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य वर्ग के छात्रों के एक साथ रहने की व्यवस्था की जाए। राज्यपाल ने कहा कि सभी वर्ग और समुदाय के छात्र एक साथ रहेंगे तो उनमें सामाजिकता, सौहार्दता, समानता व भाईचारे की भावना विकसित होगी। छात्रों के लिए सभी प्रकार की उचित सुविधा भी उपलब्ध होना चाहिए। वहीं उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित किताबें सभी यूनिवर्सिटीज व कालेजों की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता ने कृषि और विमानन से संबंधित कोर्स शुरू करने के लिए जरूरी तैयारी करने को कहा।

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