टीम पटवारी के गठन का नहीं समाप्त हो रहा इंतजार

टीम पटवारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही कांग्रेस हाईकमान ने विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश की कमान जीतू पटवारी को सौंप दी थी,  लेकिन वे संगठनल के मामले में अन्य अध्यक्षों की ही तरह अपनी टीम का गठन नहीं कर सके हैं। माना जा रहा है कि टीम पटवारी के लिए कार्यकर्ताओं को अब लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इसकी वजह है अभी अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव चल रहा है और विधानसभा का सत्र भी। ऐसे में पार्टी कोई नया विवाद खड़ाकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। दरअसल माना जा रहा है कि इस बार नई टीम में कई पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इनमें पार्टी के कई दिग्गज चेहरे भी होंगे। उधर, कहा जा रहा है कि जिस तरह से प्रदेश में जल्द ही तीन और विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संभावित हैं, उसकी वजह से नई टीम की घोषणा को टालने की तैयारी है। हालांकि चार माह का समय जीतू पटवारी को अध्यक्ष बने हो गया है, इसके बाद भी टीम का गठन नहीं होने से कार्यकर्ताओं में निराशा पैदा होने लगी है। हालांकि पार्टी के बड़े नेता इन चार माह में दर्जनों बार जल्द ही पीसीसी के गठन का दावा कर चुके हैं, लेकिन ऐसा अब तक हो नहीं सका है। दरअसल कांग्रेस की कार्यशैली ही ऐसी है कि किसी भी तरह का प्रभावी निर्णय करने में देरी की जाती है। इसका फायदा कम और पार्टी को नुकसान अधिक होता है। कांग्रेस के नेता कई बार को कह चुके हैं कि टीम न होने के कारण आम चुनाव में भारी नुकसान हुआ। नई टीम के गठन में हो रही देरी के बीच कांग्रेस में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। इन बैठकों के जरिए पार्टी कमजोर कड़ी तलाशने में जुटी हुई है। हाल ही में हुई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही संगठन में बड़ा फेरबदल होगा। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी साफ कर चुके हैं कि प्रदेश संगठन को मजबूत करने के लिए जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर पार्टी में बदलाव किए जाएंगे। इससे तय है कि नई टीम के लिए अभी और इंतजार करना होगा। दरअसल, लोकसभा चुनाव में देश के कई राज्यों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन मप्र में सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इसका बड़ा कारण प्रदेश में बेहद कमजोर संगठन और चुनावी समय में पार्टी के कई बड़े चेहरों द्वारा दल बदल किया जाना भी है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को रोकने के लिए प्रदेश स्तर पर संगठन ने कोई प्रयास ही नहीं किए हैं। अब एक बार फिर नए सिरे से संगठन खड़ा करने की कवायद की जा रही है। पार्टी हाईकमान मध्यप्रदेश में कांग्रेस की विधानसभा फिर लोकसभा में करारी हार के कारणों का पता लगाने में पार्टी जुटे हुए हैं। इसे लेकर हालही में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने लोकसभा प्रत्याशियों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर रिपोर्ट तैयार की है। वहीं अब 5 और 6 जुलाई को विधानसभा प्रत्याशियों की बैठक बुलाई गई है। इसमें एक बार फिर विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ बैठक कर जमीनी हकीकत जानी जाएगी। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट पार्टी महासचिव को सौंपेगी।

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