भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ जहां अखिल भारतीय सेवा के तहत आने वाले अफसरों को समय से पहले पदोन्नति देने के रास्ते खोज लिए जाते हैं, वहीं अगर राज्य सेवा की बात की जाए तो उन्हें इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह है सरकारों के साथ ही अखिल भारतीय सेवा के मातहत आने वाले आईएएस अफसरों द्वारा किए जाने वाले भेदभाव। मप्र में ऐसा होना आम बात है।
यही वजह है कि राज्य सेवा के अफसरों को पदोन्नति के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसकी वजह से 35 अधिकारी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के पदों पर पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। इन अफसरों की पदोन्नति के लिए बैठक कब होगी यह फिलहाल तय नहीं है। इसकी वजह है अब तक यूपीएससी द्वारा डीपीसी की तारीख को तय नहीं किया जाना।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते प्रदेश में राज्य सेवा से चयनित होकर राज्य वन सेवा, राज्य पुलिस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को शासकीय सेवा में काम करते हुए 30 साल से अधिक समय हो चुका है। इसके बाद भी वे आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सेवा में अब तक पदोन्नत नहीं हो सके हैं। इसमें होने वाली देरी की वजह है मंत्रालय में ब्यूरोक्रेसी द्वारा रुचि नहीं लेना। अगर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की बात करें तो इस कैडर के अफसरों को आईएएस अवार्ड के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने डीपीसी करने डीओपीटी तथा यूपीएससी से समय ही नहीं लिया है। दूसरी तरफ, राज्य वन सेवा के अफसरों को आईएफएस बनाने के लिए अप्रैल से डीपीसी करने के लिए लगातार तारीख पर तारीख बढ़ाई जा रही है।
राप्रसे के सात अफसरों को मिलनी है पदोन्नति
राज्य प्रशासनिक सेवा के 2023 बैच की डीपीसी के लिए सात पद निर्धारित किए गए हैं। इसके एवज में 21 नामों पर डीपीसी में विचार किया जाएगा। लेकिन यह पदोन्नति कब मिलेगी, इसकी तारीख अब तक तय नहीं है। इसके साथ ही गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आईएएस अवार्ड करने की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। डीपीसी में जिन नामों पर विचार किया जाएगा, उनमें 2006 बैच के नंदा भलावे कुशरे, अनिल कुमार डामोर, सविता झानिया, सारिका भूरिया, कमल सोलंकी, जितेंद्र सिंह चौहान, कमलेश पुरी, संतोष कुमार टैगोर, निशा डामर, राकेश कुशरे, शैली कनाश के नाम है। 2007 बैच के अफसरों में शामिल रोहन सक्सेना, कविता बाटला, सपना अनुराग जैन, आशीष पाठक, मिनिषा पांडेय, इला तिवारी, सपना एम लोवंशी और नीता राठौर के नाम के नाम शामिल हैं।
आधा दर्जन बार बदल चुकी है तारीख
राज्य वन सेवा के अफसरों को आईएफएस बनाने के लिए अप्रैल से अब तक छह बार डीपीसी की तारीख तय हो चुकी है। लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से बैठक टाल दी जाती है। अब एक बार फिर 21 जून को एसएफएस से आईएफएस के लिए डीपीसी की तारीख तय की है। सूत्रों का कहना है कि अगर इस बार भी डीपीसी नहीं होती है तो वर्ष 2023 के लिए भी नाम तय कर डीपीसी के लिए प्रस्तावित किए जाएंगे। 2022 में डीपीसी के लिए 13 पद हैं जबकि 2023 में 11 पद रिक्त हैं। इस तरह दो साल की डीपीसी एक साथ कराए जाने पर 24 पदों पर राज्य वन सेवा के अफसर आईएफएस बन सकेंगे।
21/06/2024
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