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14 हजार किमी सड़कों के नवीनीकरण और मजबूतीकरण का प्लान तैयार
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। नए साल में प्रदेश की सड़कें चकाचक होंगी। प्रदेश के विधायकों से मिले प्रस्ताव के बाद सरकार ने मानसून में खराब हुई सड़कों के नवीनीकरण और मजबूतीकरण का प्लान तैयार तैयार किया है। गौरतलब है कि भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव में विकास को मुख्य मुद्दा बनाएगी। इसलिए सरकार का फोकस विकास योजनाओं पर है। इसी के तहत सरकार प्रदेश में ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराने जा रही है। लोक निर्माण विभाग ने करीब 14 हजार किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण और मजबूतीकरण के नाम पर तीन हजार करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया है। इस राशि से लगभग दो हजार किमी की सड़कें बनाई जाएंगी। सड़कों को विकास का प्रतीक माना जाता है। चुनावी वर्ष में अधोसंरचनात्मक विकास पर विशेष फोकस किया गया है। विधानसभा चुनाव आने के पहले सरकार विधायकों द्वारा सड़कों के लिए दिए गए प्रस्तावों पर खजाना खोलने जा रही है। उधर, सड़कों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया है कि जितनी भी सड़कें मंजूर हो रही हैं वे भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में हैं। जबकि कई भाजपा विधायकों ने सड़कें नहीं होने पर अपनी ही सरकार को घेरा है। प्रदेश के अधिकांश विधायकों की चिंता अपने क्षेत्र में सालों से पेंडिंग पड़ी सड़कों को लेकर है। यही कारण है कि शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान 40 से अधिक विधायकों ने (भाजपा एवं कांग्रेस ) स्थानीय सरकार से जवाब मांगा था। उधर, सरकार ने भरोसा दिया है कि विधायकों के पुराने कामों को पूरा करने के लिए पूरा प्लान तैयार है।
कांग्रेस विधायक निराश
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने भाजपा विधायकों से अपने क्षेत्र के विकास के लिए 15 करोड़ तक के प्रस्ताव मांगे थे। अधिकांश माननीयों ने अपने प्रस्ताव भेज भी दिए हैं। इसके पहले भी 20 करोड़ तक के प्रपोजल लिए गए थे। इनमें 2,200 किलोमीटर तक की सड़कें और 21 बड़े पुल राज्य बजट में शामिल हुए हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों ने विकास के नाम पर सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। भाजपा सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में विधायकों के क्षेत्रीय कामों को शामिल करने के लिए 20 करोड़ रुपए की लागत तक के प्रस्ताव मांगे थे। जिन विधायकों के काम बजट में शामिल नहीं हुए थे उन्हें अनुपूरक बजट में शामिल करने का भरोसा मिला था। जानकारी सामने आई है कि कई विधायकों के अनुपूरक बजट में भी प्रस्ताव मंजूर नहीं हुए है।
कोविड के कारण सड़कें आधी-अधूरी
प्रदेश में अधिकांश सड़कों के अधूरे होने का सरकार बड़ा कारण कोविड को लेकर जोड़ रही है। विभाग ने विधायकों को जवाब भी दिया है कि कोविड के कारण वर्ष 2020 में मार्च से जून तक लॉक डाउन होने से एवं वर्ष 2021 में माह अप्रैल से जुलाई में प्रशासन के द्वारा आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर शेष गतिविधियां प्रतिबंधित करने के कारण निर्माण गति धीमी रही। कारणों में ठेकेदार द्वारा विलंब से कार्य करने पर राशि रोकी जाना और केंद्रीय सड़क एवं आधारभूत ढांचा फंड नहीं मिलना भी बताया जा रहा है। जावरा विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय का कहना है कि विधानसभा में वर्ष 2019 की 9 प्रस्तावित सड़कों की जानकारी नहीं दी गई। हमने इसके लिए विभाग को पत्र लिखा है। लेकिन, ज्यादातर प्रस्तावों पर सड़कें मिलीं हैं। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। इसके लिए लगातार डिमांड कर रहा हूं। दिमनी विधायक रवीन्द्र सिंह तोमर का कहना है कि उप चुनाव में जीता हूं। जितने भी काम हुए हैं वे भाजपा विधायक के समय के हैं। मेरे 42 प्रस्ताव यह कहते हुए वापस कर दिए गए हैं कि सरकार के पास बजट नहीं है। सरकार कांग्रेस विधायकों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। हम जनता को सबकुछ बताएंगे। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह का कहना है कि विधायकों और अन्य माध्यमों से आए प्रस्तावों पर प्रदेश में आठ माह में करीब 2 हजार सड़कों के मरम्मत एवं मजबूतीकरण का काम होगा। इसकी लंबाई करीब 14 हजार किलोमीटर है। इस अवधि में तीन हजार करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है।