भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। माना जा रहा है कि प्रदेश को जल्द ही नया नेता प्रतिपक्ष मिल सकता है। इसकी वजह मानी जा रही है की पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही इस पद से इस्तीफा देने वाले हैं। माना जा रहा है कि वे सिर्फ इस पद के लिए नया नाम तय होने का इंतजार कर रहे हैं। इस पद के लिए सुगबुगाहट शुरू होते ही अब कांग्रेस में सियासी सरगर्मीयां तेजी से बढ़ने लगी हैं। दरअसल कमलनाथ के पास इन दिनों दोहरी जिम्मेदारी है। इसमें पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के साथ ही नेता प्रतिपक्ष का पद भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने इसमें से एक पद नेता प्रतिपक्ष का छोड़ने का मन बना लिया है। हालांकि यह तय है कि नया नेता प्रतिपक्ष का नाम नाथ की पंसद से तय किया जाएगा। इस पद को छोड़ने की जानकारी उनके द्वारा पार्टी हाईकमान को भी दे दिए जाने की चर्चाएं बनी हुई हैं। इसकी वजह से अब इस पद के दावदारों की सक्रियता भी भोपाल से लेकर दिल्ली तक बढ़ना शुरू हो गई है। दरअसल प्रदेश में अगले डेढ़ साल बाद विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी को अपनी सक्रियता भी बढ़ानी होगी, जिसकी वजह से नाथ अब इस मामले में देरी करने के मूड में नही हैं। अब चुनावी तैयारी को लेकर पार्टी में जिम्मेदारी को बांटना जरूरी हो गया है। गौरतलब है कि इसके पहले भी कमलनाथ कह चुके हैं कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष को उन्होंने नया नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बारे में बता दिया है, अब फैसला उनको ही करना है। इधर, कमलनाथ द्वारा सोमवार को अपने भोपाल स्थित आवास पर अपनी सरकार में मंत्री रहे नेताओं की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक का उद्देश्य क्या है यह तो अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें नए नेता प्रतिपक्ष के बारे में चर्चा की जा सकती है।
आधा दर्जन नामों की दावेदारी
सूबे में नया नेता प्रतिपक्ष कौन होगा। फिलहाल अभी यह तय नही है, लेकिन इस पद के लिए करीब आधा दर्जन नेताओं की दावेदारी मानी जा रही है। इनमें पार्टी के वरिष्ठ विधायकों में शामिल बाला बच्चन, डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा और विजयलक्ष्मी साधौ के नाम तो शामिल हैं ही साथ ही कहा जा रहा है कि संभव है की पार्टी डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण साधने के लिए इस पद पर किसी आदिवासी या पिछड़ा वर्ग से आने वाले युवा विधायक को भी कमान दी जा सकती है। इनमें जीतू पटवारी का नाम मुख्य रूप से लिया जा रहा है।
पार्टी अध्यक्ष का इंतजार
पार्टी सूत्रों की मानें तो नए नेता प्रतिपक्ष के लिए कमलनाथ द्वारा पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन का इंतजार है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अगस्त में होगा, जिसमें राहुल गांधी को चुने जाने की पूरी उम्मीद है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ शुरू से ही एक पद छोड़ने की बात कहते रहे हैं। वे इस मामले में पूरा निर्णय पार्टी हाईकमान पर छोड़ते आ रहे हैं। इसी बीच पार्टी के संगठनात्मक चुनाव शुरू हो गए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद कमलनाथ भी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ जाएंगे और प्रदेश में दौरे बढ़ाने के साथ ही संगठन में भी गांव-कस्बों तक सुधार और मजबूती लाएंगे। नाथ स्वयं भी चाहते हें कि एक जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को दी जाए, जिससे की पार्टी की सक्रियता में वृद्वि की जा सके।
गोविंद की मजबूत दावेदारी की वजह
डॉ. गोविंद सिंह अभी मप्र विधानसभा में पार्टी के सचेतक हैं। वे लगातार सातवीं बार विधायक निर्वाचित होने वाले एकमात्र कांग्रेस के विधायक हैं। उनके बाद छह बार जीतने वाले केपी सिंह हैं, हालांकि केपी सिंह नाथ सरकार में मंत्री नहीं बन सके थे। डॉ. गोविंद सिंह को विधानसभा में सरकार पर तीखे हमलों के लिए जाना जाता है। उनकी ग्वालियर चंबल अंचल में मजबूत पकड़ मानी जाती है। यह वो अंचल है जिसमें कांग्रेस को एक ऐसे ही जनाधार वाले नेता की तलाश श्रीमंत के भाजपा में जाने के बाद से बनी हुई है। इस अंचल में
प ार्टी के पास उनके अलावा कोई अन्य बड़ा प्रभावशाली नेता भी नही है।
03/04/2022
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