![माइनिंग महकमे](https://www.bichhu.com/wp-content/uploads/2021/08/6-7.jpg)
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश की शिव सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए अब खनिजों के दोहन पर पूरा फोकस करना शुरू कर दिया है। इसके लिए इस महकमे की मौजूदा व्यवस्थाओं को बदलने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इस बदलाव के तहत न केवल नए पदों को सृजित किया जा रहा है , बल्कि पुराने नियमों में भी बदलाव किए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
इसके पीछे सरकार की मंशा खनिजों की खोज में तेजी लाने व कामकाज की प्रक्रिया को और अधिक चुस्त-दुरूस्त करने की है। इसके लिए विभागीय अमले में वृद्धि करते हुए उसे दोगुना किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत अब विभाग को एक नया संचालक का पद और मिलेगा, जिससे उनकी संख्या दो हो जाएगी, जिसमें एक पद संचालक खनिज व दूसरा संचालक भौमिकी का होगा। यही नहीं अभी विभाग में आठ सौ कर्मचारियों का अमला है, जिसमें वृद्धि करते हुए उसे दोगुना किया जाना है। प्रत्येक जिले में खनिज अधिकारी के साथ एक सहायक खनिज अधिकारी व दो निरीक्षक के पद होंगे। विभाग के कामकाज को और सुदृढ़ बनाने कुछ आईटी एक्सपर्ट को संविदा पर रखा जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा भी सहमति दी जा चुकी है। अब इससे संबधित प्रस्ताव को कैबिनेट के समने पेश किया जाएगा। इसी तरह से अवैध उत्खनन व परिवहन रोकने के लिए नियमों में एकरूपता लाने की भी कवायद की जा रही है। इसके तहत इससे संबंधित तीनों नियमों को एक किया जाना है। दरअसल मौजूदा व्यवस्था से न तो सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुश हैं और न ही खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह। वर्तमान में प्रचलित तीन नियमों को एक किया जा रहा है। विधि विभाग द्वारा नियमों में बदलाव को लेकर परीक्षण भी किया जा चुका है।
नए नियम होंगे सख्त
पुराने नियमों में बदलाव के तहत अब उनके प्रावधानों को और अधिक सख्त किया जा रहा है। इस बदलाव को खनिजों के अवैध उत्खनन व परिवहन को रोकने के लिए किया जा रहा है। जिसके तहत वाहनों को राजसात करने के साथ ही दूसरी बार नियम तोड़ने पर सजा का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसके लिए आला अफसरों द्वारा कुछ दूसरे राज्यों में लागू नियमों का भी अध्ययन भी किया गया है।
किस संचालक के क्या होंगे दायित्व
संचालक भौमिकी के अधिकार क्षेत्र में खनिज के नए क्षेत्र व नए खनिजों की खोज करना होगा। खनिजों को चिन्हित कर नीलाम करना। नीलामी के बाद आगे की कार्रवाई के लिए संचालक खनिज को सौंपना। यही नहीं उनके क्षेत्राधिकार में रीवा, जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के क्षेत्रीय कार्यालय भी रहेंगे। इसी तरह से दूसरे संचालक खनिज के मातहत नीलामी में खदान लेने वाले से एग्रीमेंट करना, निर्धारित रायल्टी व अन्य राशि जमा कराकर जल्द कार्य शुरू कराना। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण, निलंबन व कार्यों की मॉनिटरिंग का दायित्व के अलावा अवैध उत्खनन व परिवहन को रोकने का भी काम होगा।
इन नियमों में किया जा रहा बदलाव
बदलाव के तहत वर्तमान में अवैध उत्खनन व परिवहन के लिए बने तीन अलग-अलग नियमों को समाप्त कर एक नियम बनाया जा रहा है। फिलहाल जो नियम लागू हैं, उनमें वर्तमान में एक अपराध की अलग-अलग सजाओं का प्रावधान होने से आरोपियों को लाभ मिल जाता है। नए नियम में गौण खनिज व रेत के अवैध परिवहन, भंडारण व उत्खनन पर एक समान सजा का प्रावधान किया जा रहा है। जिसमें वाहनों के राजसात करने के अलावा सजा का प्रावधान होगा। सजा दूसरी वार नियम तोड़ने पर होगी।
अभी यह हैं लागू नियम
मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम (53) में वाहन राजसात या वाहन मालिक व ठेकेदार के अनुरोध पर जुर्माना कर छोड़ने का अधिकार कलेक्टर के पास है। दूसरे नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 2006 (रेत को छोडकर) में अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण में सिविल कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत करने का प्रावधान है। मामले में निर्णय कलेक्टर द्वारा लिया जाता है। तीसरे नियम रेत अधिनियम 2019-20 में रेत के अवैध उत्खनन, भण्डारण व परिवहन पर वाहन के राजसात का प्रावधान है। यह नियम गौण खनिज नियम से अलग है।