- पार्टी अध्यक्ष के फार्मूला की निकाली काट, खूब चलेगा परिवारवाद
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक में भले ही भाजपा परिवारवाद से किनारा करने की पूरी इच्छा रखे हुए है , लेकिन उसके ही नेता इस मामले में पलीता लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। निकाय चुनाव दलीय आधार पर होने की वजह से नेताओं और उनके परिजनों को इससे दूरी बनाना मजबूरी है, लेकिन पंचायत चुनाव में उनकी पार्टी पर आश्रित होने की कोई मजबूरी नही है। यही वजह है की अब भाजपा के नेताओं ने अपने परिजनों को पंचायत चुनाव में उतारने की लगभग पूरी तैयारी कर ली है।
अधिकांश भाजपा नेताओं के परिजन जनपद से लेकर जिला पंचायत के चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है की जिला पंचायत सदस्य बनने पर वे जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनने और जनपद पंचायत सदस्य बनने पर जनपद अध्यक्ष बनने की मंशा पाले हुए हैं। इनमें मंत्रियों से लेकर सांसद और विधायक तक के परिजन शामिल हैं। यह आलम भोपाल से लेकर दूर दराज के इलाकों तक में बना हुआ है। दरअसल चार दिन पहले ही प्रदेश के प्रवास पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि नेता पुत्रों को पार्षद का भी टिकट नहीं दिया जाएगा। सागर के नेताओं के परिजन ने इसका तोड़ निकालते ऐसे चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर ली है जो पार्टी के चिह्न पर लड़े ही नहीं जाते। यहां जिला पंचायत सदस्य बनने के लिए मंत्रियों के भाई, भतीजे, बहुओं से लेकर नाती तक किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, सागर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट इस बार अनारक्षित है। इनमें से कुछ अध्यक्ष पद की दावेदारी भी कर रहे हैं। इसके लिए भी उन्हें पहले जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतना होगा। सबसे ज्यादा दावेदार नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के परिवार से हैं। उसके बाद राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का परिवार है। अगर भूपेन्द्र सिंह कही बात की जाए तो उनके परिवार से बहू दिव्या अशोक सिंह चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी हैं। वे निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष है। इसी तरह से अन्य परिजनों में पूर्व जनपद अध्यक्ष बहू सविता पृथ्वी सिंह, पूर्व जनपद अध्यक्ष भतीजे अशोक सिंह बामोरा। भतीजे पृथ्वी सिंह ठाकुर और नाती वैभव ठाकुर पहली बार चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं। इसी जिले के दूसरे मंत्री हैं मंत्री गोविंद राजपूत । इनके परिवार के लोग भी चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। इनमें उनके भाई और पूर्व जनपद सदस्य हीरा सिंह राजपूत, भतीजे अरविंद सिंह राजपूत भी पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। इसी जिले के तीसरे नेता है पूर्व मंत्री स्व. हरनाम सिंह राठौर के पुत्र हरवंश सिंह राठौर और चौथे नेता है पूर्व पूर्व विधायक रतनसिंह सिलारपुर के पुत्र इंद्रजीत लोधी। यह भी जिला पंचायत सदस्य के लिए ताल ठोकने की तैयारी कर चुके हैं।
भोपाल में पत्नी व बेटी तक को लड़ाया जा रहा चुनाव
कांग्रेस के पूर्व जिला ग्रामीण अध्यक्ष व प्रदेश प्रवक्ता अविनाश भार्गव खुद तो इस चुनाव में नहीं उतरे हैं, लेकिन उन्होंने पत्नी रश्मि भार्गव को भी वार्ड 10 से मैदान में उतारा है। इसी वार्ड से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मखमल सिंह मीना ने अपनी बेटी ओमवती जगदीश मीना का नामांकन दाखिल कराया है। इन दोनों के एक ही वार्ड से आने से मुकाबला रोचक हो गया है। पूर्व जिपं सदस्य हटे सिंह सोलंकी ने इस बार वार्ड 8 से नामांकन भरा है, जबकि उनकी पत्नी सोनू सोलंकी ने वार्ड 6 से पर्चा दाखिल किया है। इसी तरह वार्ड एक से शैलेन्द्र मीना ने खुद पर्चा दाखिल किया है और वार्ड 5 से पत्नी हेमलता मीना का नामांकन जमा कराया है। परिसीमन के बाद बदले वाडों ने जनप्रतिनिधियों के समीकरण बदल दिये हैं। ऐसे में वार्डों से इस बार चौकाने वाले नाम सामने आ रहे हैं तो कुछ में घमासान की स्थिति बन रही है। । इस बार जिले के वार्ड 3 पर सबकी नजर है। यहां से शनिवार को कांग्रेस नेता विनोद राजोरिया ने पर्चा दाखिल किया वार्ड से किसान नेता के रूप में पहचान बनाने वाले राम सिंह वर्मा ने भी नामांकन जमा किया। इसी वार्ड से जिला पंचायत प्रधान मनमोहन नागर और पूर्व जनपद अध्यक्ष अनोखी मानसिंह पटेल भी पर्चा दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में इस वार्ड में चुनावी रण बेहद रोचक होगा।
भोपाल में यह हैं हाल
अगर भोपाल की बात की जाए तो जिला पंचायत अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है, जिसके चलते जिले के कई दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। किसी ने अपनी पत्नी तो किसी ने अपनी बहू, तो किसी ने अपनी बेटी को ही चुनाव मैदान में उतार दिया है। ऐसे में भोपाल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव काफी रोचक हो गया है। बीते रोज जिपं सदस्य के लिए 35 लोगों ने नामांकन फार्म जमा किये गए , जिन्हें मिलाकर अब तक करीब 60 नामांकन सदस्य पद के लिए जमा किये जा चुके हैं। कल यानि की सोमवार को नामांकन जमा करने का अंतिम दिन हैं। ऐसे में नामांकन जमा करने वालों की भीड़ कलेक्ट्रेट से लेकर एसडीएम कार्यालय तक देखी जा सकेगी। दरअसल, त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण की वोटिंग 25 जून को होनी है। पहले चरण में भोपाल जिला भी शामिल है। जिला पंचायत के दस वार्ड के सदस्यों के लिए मतदान किया जाएगा। इस बार अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित होने के कारण अधिकांश में ग्रामीण नेताओं ने अपनी पत्नी या बहु को चुनावी रण में उतारने की तैयारी कर ली है। जिले में कुछ ग्रामीण नेता तो खुद भी चुनाव लड़ रहे हैं और पत्नी को भी लड़ा रहे हैं। कारण है कि ये दो वार्ड जीतते हैं तो इन्हें बहुमत तक पहुंचने के लिए अधिक संघर्ष नहीं करना होगा।