- विकास का विजन डॉक्यूमेंट बनाने में पिछड़े विधायक
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों संभागवार विकास की समीक्षा कर रहे हैं। संभागों की समीक्षा के दौरान पता चला है कि विकास का विजन डॉक्यूमेंट बनाने में विधायकों की कोई खास रूचि नहीं है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विधायकों से कई बार कह चुके हैं कि विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यां की सूची बनाकर दें, ताकि सरकार उसके लिए फंड दे। लेकिन संभागों की समीक्षा के दौरान विधायकों की विकास कार्यों के प्रति निष्क्रियता सामने आई है। ऐसे में मुख्यमंत्री लगभग हर समीक्षा बैठक में कह रहे हैं कि विधायक को अपने-अपने क्षेत्र के विकास का विजन डॉक्यूमेंट बनाकर जल्द दें। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अभी तक कई संभागों की समीक्षा कर चुके हैं। इसी कड़ी में कल उन्होंने इंदौर और नर्मदापुरम संभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र के विकास का विजन डॉक्यूमेंट बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन विधायकों ने अब तक अपनी विधानसभा क्षेत्र का विजन डाक्यूमेंट (विकास का रोडमैप) तैयार नहीं किया है, वे जल्द से जल्द डाक्यूमेंट तैयार कर उन्हें (मुख्यमंत्री सचिवालय को) भेज दें। सरकार प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विजन डाक्यूमेंट पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा है कि सभी विधायक क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ जन समस्याओं के निराकरण को लेकर जन-संवाद करें। सीएम ने कहा कि जनकल्याण अभियान के मिल रहे परिणामों का आकलन करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। इसके लिए जनता के बीच जाएं, उनसे संवाद करें, उनकी समस्याएं जानें और निराकरण के लिए तुरन्त कदम उठाएं।
अधिकाधिक फील्ड दौरे करें
मुख्यमंत्री ने बैठक में वुर्चअली जुड़े मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधियों से कहा कि वे सरकार की योजनाओं का फीडबैक लेने के लिए अधिकाधिक फील्ड दौरे करें। जन-प्रतिनिधि, क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ दूरस्थ जनजातीय ग्रामों में रात्रि विश्राम करें। वहां ग्रामीणों से बात करें, उनकी कठिनाइयों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने दिन-ब-दिन बढ़ती सर्दी के मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करें। जरूरतमंदों को कंबल एवं गर्म वस्त्र प्रदाय करें। किसी को भी सर्दी से कठिनाई न होने पाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए विधायक यदि चाहें, तो कोई नवाचार भी कर सकते हैं। ऐसी नवाचारी गतिविधियों को अमल में लाएं, जिससे जनता को अधिकतम लाभ हो।
अधिकारी जिलेवार समीक्षा बैठक करें
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान बताया कि अब सभी संभागों के प्रभारी अपर मुख्य सचिव जिलेवार समीक्षा बैठक करेंगे। इससे सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र की प्रमुख मांगों एवं संवदेनशील विषयों को रखने का पर्याप्त अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स अब विधानसभावार समीक्षा बैठक करें। जिले के सभी विधायकों से चर्चा करें और उनके विधानसभा क्षेत्र का विजन डॉक्यूमेंट बनाने में सहयोग भी करें। मुख्यमंत्री ने सीएम राइज स्कूलों के निर्माण की समीक्षा में कहा कि पुराने मंजूर सीएम राइज स्कूलों का जितना भी निर्माण कार्य अभी शेष है, पहले उन्हें विशेष प्राथमिकता से पूरा कर लिया जाए। इसके बाद नये सीएम राइज स्कूलों के निर्माण का प्रस्ताव लिये जाए। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा में खंडवा जिले की ताप्ती-चिल्लूर वृहद सिंचाई परियोजना के बारे में जानकारी दी गई। इस पर खंडवा जिले के हरसूद से विधायक एवं जनजातीय कार्य मंत्री डॉ। कुंवर विजय शाह ने मुख्यमंत्री से इस परियोजना को जल्द से जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा। यदि आवश्यकता हुई, तो वे स्वयं महाराष्ट्र शासन से भी इस परियोजना के संबंध में चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि करीब 26 हजार 279 करोड़ रुपए लागत वाली इस वृहद सिंचाई परियोजना के पूरा होने पर संबंधित क्षेत्र के 81 हजार 600 हेक्टेयर रकबे में फसल सिंचाई एवं वाटर रिचार्जिंग की स्थायी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
जनकल्याण अभियान से जुड़े
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधायकों से गत 11 दिसम्बर 2024 से चल रहे जनकल्याण अभियान के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि यह जनता के कल्याण का अभियान है, जो जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के बगैर पूरा नहीं हो सकता। जनप्रतिनिधि जनता के बीच जाएं और उनसे अभियान के उद्देश्यों और लक्ष्यों के बारे में व्यक्तिश: जानकारी लें। प्रयास करें कि सभी पात्र हितग्राहियों को अभियान का लाभ मिले। यदि किसी समस्या के कारण हितग्राही को हितलाभ देने में कठिनाई आ रही है, तो कलेक्टर, कमिश्नर या शासन स्तर से मार्गदर्शन लेकर उसका निराकरण कराएं।