मप्र में बदलेगा आईएएस संवर्ग के लिए पदोन्नति का नियम

आईएएस
  • गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नहीं बनेंगे आईएएस!

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पिछले 9 साल से आईएएस संवर्ग में प्रमोशन नहीं मिल रहा है। संभावना तो यह जताई जा रही है कि प्रदेश के गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस बनने का मौका अब नहीं दिया जाएगा। लगातार नौवें साल इनके नाम संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के लिए प्रस्तावित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वर्ष 2024 के लिए जिन आठ पदों के लिए नाम भेजने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, वे सभी राज्य प्रशासनिक सेवा के हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के आठ और 2024 के आठ पदों के लिए एक साथ विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक मई-जून में हो सकती है। आईएएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए नियमानुसार गैर प्रशासनिक सेवा के लिए 15 प्रतिशत तक पद रखे जा सकते हैं। यह राज्य के ऊपर रहता है कि वह इन्हें पद देना चाहता है या नहीं। 2016 में तत्कालीन मुख्य सचिव एंटोनी डिसा के समय चार पद गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को दिए गए थे। इसके बाद से इस संवर्ग को अवसर नहीं मिला। ऐसा नहीं है कि इसमें अधिकारी पात्रता नहीं रखते हैं लेकिन सरकार राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पर्याप्त उपलब्धता को आधार बनाकर अवसर नहीं दे रही है। जबकि, इसके लिए कई बार मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव को ज्ञापन दिए जा चुके हैं। इस बार भी जो प्रस्ताव भारत सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को भेजा जा रहा है, उसमें भी केवल राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाम रहेंगे। आठ पदों के लिए 24 अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजे जाएंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कमिश्नरों से रिपोर्ट बुलवाई है। इसके साथ ही जांच एजेंसियों से भी पूछा गया है कि जो नाम प्रस्तावित किए जा रहे हैं, उनके विरुद्ध जांच तो नहीं चल रही है। संघ लोक सेवा आयोग में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक मई-जून में हो सकती है।
9 साल से नहीं मिला पदोन्नति को मौका
मप्र में वर्ष 2016 में चार गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आईएएस के पद पर पदोन्नत हुए थे। इसके बाद से अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ही आईएएस के पदोन्नति के पद पर मौका दिया जा रहा है। इसमें राज्य प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2006 और वर्ष 2007 के अधिकारियों 21 अधिकारियों के नाम और उनके सेवा दस्तावेजों को भेजा जाएगा। वहीं, राज्य पुलिस सेवा के 4 अधिकारियों को आईपीएस के पद पर पदोन्नति दी जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय भी प्रस्ताव तैयार कर रहा है। प्रदेश के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी 9 साल से आईएएस के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कैडर से 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का नियम है। इनमें से 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का भी नियम बनाया गया है। लेकिन 2016 के बाद से गैर राज्य प्रशासनिक सेवा का कोई अधिकारी आईएएस के पदों पर पदोन्नत नहीं हो सका है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से संबंधित विभागों से योग्य अधिकारियों के आवेदन ही नहीं मंगाए नहीं जा रहे हैं।
कम हो जाएंगे पद
वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का नियम है, लेकिन नियम में यह भी है कि यह सरकार तय करेगी कि राज्य प्रशासन सेवा और गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से कितने पद भरने हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पदोन्नति के पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को देने से उनके पद कम हो जाएंगे।

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