-सीएम हेल्पलाइन की विभागवार रिपोर्ट में हुआ खुलासा …
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की जनता सबसे अधिक ऊर्जा विभाग से परेशान है। राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी जनता का भरोसा उठा रहा है। यह खुलासा सीएम हेल्पलाइन की विभागवार रिपोर्ट में हुआ है। जिसमें बीते एक महीने में सर्वाधिक शिकायतें ऊर्जा विभाग से जुड़ी हुई की गई हैं। बीते एक महीने में ऊर्जा विभाग के खिलाफ 41 हजार से अधिक शिकायत दर्ज की गईं। कुल दर्ज हुई 41 हजार 89 शिकायतों में आधी शिकायतें यानी 50 फीसदी शिकायतों को संतुष्टि के आधार पर बंद नहीं कराया जा सका। संतुष्टि के लिहाज से ऊर्जा विभाग में शिकायतों का आंकड़ा 46.42 फीसदी है। मतलब 54 फीसदी शिकायतों को संतुष्टि के आधार पर बंद नहीं किया जा सका। सीएम हेल्पलाइन की विभागवार समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि शिकायतों को लेकर राजस्व विभाग दूसरे नंबर पर है, तो तीसरे पर शहरों की देखरेख करने वाला नगरीय प्रशासन विभाग। मंत्रालय के अफसरों ने बताया कि रिपोर्ट का मकसद संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार कराना है। रिपोर्ट में संतुष्टि के साथ बंद शिकायतों का प्रतिशत, 50 दिन से अधिक लंबित शिकायतों का प्रतिशत, निम्नगुणवत्ता की शिकायतों के प्रतिशत का भी खाका संबंधित विभाग को भेजा जाता है। समय-समय पर मुख्यमंत्री शिवराज भी विभागवार सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की समीक्षा भी करते हैं। बता दें कि शिकायतों में लापरवाही को लेकर कई अधिकारियों पर भी गाज गिर चुकी है।
अन्य कई विभागों से भी जनता नाराज
यही हाल अन्य विभागों का भी है। कई ऐसे विभाग हैं जिनसे जनता नाराज है और सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। ऊर्जा विभाग के बाद दूसरा नंबर राजस्व विभाग का है। राजस्व विभाग से संबंधित कुल 41 हजार 34 शिकायतें दर्ज कराई गई। विभाग में संतुष्टि के आधार पर बंद शिकायतों की प्रतिशत 40.69 है। मतलब 60 प्रतिशत से अधिक शिकायत बिना संतुष्टि के आधार पर बंद किया गया। तीसरे नंबर पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग शहरों की देखरेख की जिम्मा संभालने वाले नगरीय प्रशासन से भी प्रदेश की जनता त्रस्त है। यहां 40 हजार 749 शिकायतें दर्ज कराई गई। 52 प्रतिशत शिकायतों को बिना संतुष्टि के बंद कर दिया गया। चौथा नंबर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण अंचल की जिम्मेदारी संभालने वाले इस विभाग में 40 हजार 317 शिकायत दर्ज कराई गई। 48.56 प्रतिशत शिकायतों को संतुष्टि के आधार पर बंद किया गया। यहां भी करीब 52 फीसदी शिकायतों से लोग असंतुष्ट हैं। पांचवें नंबर पर गृह विभाग पुलिस की कार्यप्रणाली से लोग खुश नहीं हैं। इस विभाग में 33 हजार 583 शिकायत दर्ज कराई गई हैं। संतुष्टि के आधार पर शिकायतों का आंकड़ा 51.95 है। बिना सहमति 49 प्रतिशत शिकायतों को बंद किया गया। छठवें नंबर पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाले विभाग में 25 हजार 960 शिकायत दर्ज कराई गई। 54 प्रतिशत लोगों की शिकायतों को जबरन बंद किया गया। संतुष्टि के आधार पर शिकायत का प्रतिशत 46.86 है। सातवें नंबर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कुल शिकायतें 25 हजार 133 शिकायत दर्ज कराई गई हैं। सहमति के आधार पर बंद शिकायतों का आंकड़ा 43.06 फीसदी का है। विभाग में 57 प्रतिशत शिकायतों को संतुष्टि के आधार पर बंद नहीं किया गया। आठवें नंबर पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण स्वास्थ्य विभाग की भी सेहत खराब है। यहां 23 हजार 995 कुल शिकायत दर्ज कराई गई। संतुष्टि के आधार पर शिकायतों का आंकड़ा महज 35.7 फीसदी है। जो सबसे कम है। यहां 65 प्रतिशत बंद शिकायतों से लोग संतुष्ट नहीं है। सीएम हेल्पलाइन को शिकायत दर्ज कराने का विश्वसनीय और पारदर्शी मंच माना जाता है। इसमें दर्ज शिकायत के लिए चार लेवल बनाए गए हैं।
06/04/2023
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