फसलों के एमएसपी दामों पर…. भारी पड़ रहे व्यापारियों के भाव

एमएसपी दामों

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। अभी हालांकि रबी की फसलों की कटाई शुरू नहीं हुई है, लेकिन किसानों के लिए खुशखबरी आना शुरू हो गई  है। यह खुशखबरी है फसलों के दामों में हुई वृद्धि की। इसकी वजह से अब प्रदेश में एमएसपी पर व्यापारियों के भाव भारी पड़ने  लगे हैं। मध्य प्रदेश के अलावा कई अन्य ऐसे राज्य हैं ,जहां पर व्यापारियों द्वारा किसानों से उनकी फसल को एमएसपी से ऊंचे दामों में खरीदी शुरू कर दी गई है। दामों में आए उछाल से जहां किसानों में खुशी देखी जा रही है, वहीं सरकार के लिए गेहूं खरीदने वाले अमले के माथों पर चिंता की लकीरें अभी से दिखना शुरू हो गई हैं। इसकी वजह है खुले बाजार में अधिक मूल्य मिलने की वजह से किसान अब सरकारी मंडियों की जगह व्यापारियों को फसल बेंचने का मन बनाने लगे हैं। फिलहाल अगर प्रदेश के कई जिलों के बाजार भाव देखे जाएं तो खंडवा, बुरहानपुर, सागर समेत कई जिलों में खुले बाजार में गेहूं की खरीदी 2200 से 2300 रु. प्रति क्विंटल में की जा रही है। यह भाव मौजूदा सरकारी खरीदी दर से तीन सौ रुपए अधिक हैं। इस मामले में अनाज व्यापारियों का कहना है कि गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक रूस के यूक्रेन के  साथ युद्ध की वजह से इस बार विदेशों में भारत से गेहूं की मांग बढ़ेगी। सरसों और अन्य उपज के दाम भी अच्छे मिलने के संकेत हैं। गौरतलब है कि दुनियाभर में 26 से 28 फीसदी गेहूं यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है। इस साल युद्ध के चलते वहां से निर्यात संभव नहीं है। इसका फायदा भारत समेत अन्य गेहूं उत्पादकों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नई फसल की आवक शुरू होने के चलते भारत में अब भी गेहूं के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तुलना में कम बढ़े हैं, लेकिन फिर भी इस साल गेहूं 2600 से 2700 रु. प्रति क्विंटल तक जा सकता है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक भारत से 60 लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है, जो पिछले साल मात्र 13 लाख टन था। भारत से गेहूं की निर्यात की ग्रोथ रेट दुनिया के प्रमुख गेहूं उत्पादकों में सबसे ज्यादा है। भारत इस समय मौके का फायदा उठाने में इसलिए अधिक सक्षम है, क्योंकि भारत के पास भंडार में काफी गेहूं मौजूद है। नियमों के मुताबिक, देश में 75 लाख टन का गेहूं भंडार होना चाहिए, लेकिन इस भंडार 2.95 करोड़ टन है।
मप्र के किसानों को होगा फायदा
अभी तक सोयाबीन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रहा मध्यप्रदेश सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। मध्यप्रदेश अब उच्च कोटि के गेहूं के अधिकतम उत्पादन के लिए भी जाना जाने लगा है। मध्य प्रदेश के किसान अब वैज्ञानिक खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि मध्यप्रदेश गेहूं उत्पादन में नंबर-1 राज्य बन गया है। प्रदेश को पांच बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। प्रदेश में गेहूं की उत्पादकता 2850 किलोग्राम से बढ़कर 3115 किलोग्राम हो गई है, जो देश की उत्पादकता के आसपास है। अधिक गेहूं की फसल का उत्पादन होने व दामों में वृद्धि होने से प्रदेश के किसानों को फायदा होना तय माना जा रहा है।
यह चल रहे हैं भाव
मध्य प्रदेश में अगर विभिन्न फसलों के भावों को देखें तो गेहूं की एमएसपी दर 2015  रुपए है ,तो वहीं खुले बाजार में इसके भाव 23 सौ रुपए तक मिल रहे हैं। सरसों का एमएसपी भाव 5050 है, तो बाजार में इसके दाम 5500 रुपए तक चल रहे हैं। इसी तरह से बाजार में सोयाबीन का भाव 7,200 से लेकर 7,630 तक है जबकि, मसूर के एमएसपी भाव 5500 रुपए हैं, जबकि बाजार में उसके दाम 6,310 तक मिल रहे हैं। इसी तरह से धनिया का एपएसपी भाव 4,090 है जबकि बाजार में उसकी कीमत 10,700 रुपए प्रति क्विंटल है।  

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