- बिजली विभाग में यह कैसी भर्राशाही…
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। अभी तक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अलग-अलग वजहों से सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार वे अपने ओएसडी की वजह से चर्चा में हैं। दरअसल, ऊर्जा विभाग ने मंत्री के ओएसडी शैलेन्द्र सक्सेना को पॉवर मैनेजमेंट कंपनी में प्रतिनियुक्ति पर भेजकर मुख्य महाप्रबंधक बना दिया है। मजेदार बात यह है कि मंत्री के ओएसडी को सीजीएम बनाने के लिए एक साथ दो गे्रड बढ़ाई गई हैं। ऊर्जा विभाग ने प्रतिनियुक्ति पर यह जिम्मेदारी 28 दिसंबर को दी है। इस मामले में विद्युत मंडल अभियंता संघ ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। काम बंद करने की चेतावनी भी दी है। उधर ऊर्जा मंत्री का कहना है की मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
मंत्री के ओएसडी को सीजीएम बनाए जाने के बाद बिजली कंपनी में विरोध के स्वर उठना शुरू हो गए हैं। कंपनी के अभियंता विरोध में खड़े हो गए हैं। ये अभियंता बीते वर्ष बलजीत सिंह खनूजा, नवीन कुमार कोहली व राकेश नायक को पावर मैनेजमेंट कंपनी में प्रतिनियुक्ति देकर उच्च पद देने से पहले ही खफा थे अब सक्सेना को दो ग्रेड बढ़ाकर नई जिम्मेदारी देने से इनकी नाराजगी और बढ़ गई है। उधर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि शैलेंद्र सक्सेना को प्रतिनियुक्ति के बाद ग्रेड बढ़ाकर उच्च पद पर पदस्थ करने की जानकारी मुझे नहीं है। मैं इस संबंध में ऊर्जा विभाग व बिजली कंपनी के अधिकारियों से चर्चा कर उचित कार्यवाही करूंगा।
उप महाप्रबंधक हैं सक्सेना
मंत्री के ओएसडी शैलेंद्र सक्सेना मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उप महाप्रबंधक हैं। पूर्व में विद्युत नियामक आयोग में सदस्य सचिव रह चुके हैं। कुछ महीने से ऊर्जा मंत्री के ओएसडी थे। 28 दिसंबर 2021 को उन्हें पावर मैनेजमेंट कंपनी में मुख्य महाप्रबंधक बनाया गया है। नियम से यह पद उन्हें महाप्रबंधक, अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक के पदों पर पदोन्नति के बाद मिलना था, लेकिन मंत्री का ओएसडी होने का उन्हें फायदा मिला और एक साथ दो गे्रड बढ़ाकर सीधे सीजीएम बना दिया है। मजेदार बात यह है कि मंत्री ने कहा है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इसको लेकर मंत्री की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
समान पदों पर ही प्रतिनियुक्ति का नियम
ऊर्जा विभाग बिजली कंपनियों में प्रतिनियुक्ति दे सकता है। सामान्यतौर पर समान पदों पर ही प्रतिनियुक्ति देने के नियम हैं। विशेष मामलों में मूल पद से एक ग्रेड बढ़ाकर प्रतिनियुक्ति दी जाती रही है। प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म होने पर संबंधित सेवक को उनके मूल पद पर सेवाएं देनी पड़ती हैं। मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव वीकेएस परिहार का कहना है कि दो से तीन ग्रेड बढ़ाकर प्रतिनियुक्ति दी गई है। ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर विरोध दर्ज करा चुके हैं। यदि आदेश वापस नहीं लिया गया तो पावर मैनेजमेंट कंपनी के अभियंता काम बंद करेंगे। सेवानिवृत्त महाप्रबंधक/अधीक्षण यंत्री आरजे श्रीवास्तव का कहना है कि मूल पद से ऊपर ग्रेड बढ़ाकर प्रतिनियुक्ति देना उचित नहीं है। ऐसे नियम भी नहीं है। ऐसा करने से वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति शासकीय सेवकों का विश्वास कम होता है। वे हतोत्साहित होते हैं। वहीं सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधक पावर मैनेजमेंट बिजली कंपनी एम चिंचोलकर का कहना है कि प्रतिनियुक्ति समान पदों पर दी जाती है या ज्यादा से ज्यादा एक ग्रेड बढ़ाकर दे सकते हैं। एक दम से दो ग्रेड बढ़ाकर प्रतिनियुक्ति देने के नियम तो विशेष अधिकारों के तहत भी नहीं हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।