
- बिजली उत्पादन में होगी 4100 मेगावॉट की वृद्धि
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लगातार प्रदेश में बढ़ती बिजली की मांग के बीच मांग और उत्पादन का अंतर भी बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदेश में चार नए तब विद्युत पावर प्लांट शुरू करने की योजना तैयार की गई है। इससे भविष्य की जरुरत को पूरा किया जा सकेगा। इन चार नए प्लांटों से प्रदेश में विद्युत ताप गृहों की संख्या बढक़र सात से ग्यारह हो जाएगी। इसके साथ थर्मल पावर प्लंाटों से बनने वाली बिजली नौ हजार मेगावाट यानि की दोगुनी हो जाएगी। हालात यह है कि बीते साल ही गर्मी के समय बिजली की मांग 18 हजार मेगावाट को पार कर गई थी। इस साल यह डिमांड और बढ़ सकती है। इसको देखते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके चलते चार नए थर्मल पावर प्लांट स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इनसे प्रदेश में करीब 25 हजार करोड़ का निवेश भी आएगा। प्रदेश में 4100 मेगावॉट के चार नए थर्मल पॉवर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इनके लिए केंद्र सरकार से कोल ब्लॉक का भी आवंटन हो चुका है। दरअसल अभी प्रदेश में अमरकंटक पावर प्लांट, संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट, सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट और सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में 5400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। अब नाए बिजली घर अनूपपुर जिले के चचाई, बैतूल जिले के सारणी, उमरिया जिले के बिरसिंहपुर और खंडवा जिले के सिंगाजी में बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक सुपर थर्मल पावर हाउस होगा।
गौरतलब है कि मप्र की बढ़ती बिजली की डिमांड को पूरा करने के लिए सोलर प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन सोलर एनर्जी का उत्पादन जरूरत के मुताबिक नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा जल सयंत्रों से भी पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। इसके चलते थर्मल पॉवर प्लांट की स्थापना की जा रही है। अभी प्रदेश में 7 थर्मल पावर प्लांट हैं। इनमें अमरकंटक, सतपुड़ा, संजय गांधी प्रथम, द्वितीय और संजय गांधी इसके अलावा श्री सिंगाजी प्रथम और द्वितीय थर्मल पावर प्लांट शामिल हैं। इनकी बिजली उत्पादन क्षमता 4570 मेगावाट की है, लेकिन ये पॉवर स्टेशन भी पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इससे डिमांड बढ़ने पर निजी उत्पादकों से बिजली खरीदना पड़ती है।
लगातार बढ़ रही बिजली की मांग
प्रदेश में बिजली की डिमांड हर साल बढ़ रही है। साल 2018-19 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 14089 मेगावॉट थी। 7 साल 2022-23 में बिजली की डिमांड 17170 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। पिछले साल डिमांड बढक़र 18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंच गई। बिजली की डिमांड जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसके मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इसको देखते हुए नए थर्मल पॉवर स्टेशन बनाने की जरूरत पड़ गई है।