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- 25 फरवरी को होगा एमओयू, ड्राफ्ट हुआ तैयार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। दुग्ध उत्पादकों को अधिकाधिक फायदा हो सके इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। इसी कड़ी में तय किया गया है कि प्रदेश में कार्यरत दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी की जाएं, जिससे की हर दुग्ध उत्पादक तक समितियों की पहुंच बन सके। इससे दुग्ध उत्पादकों को सही दाम मिल सकें। इसके लिए अगले पांच सालों तक मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन का जिम्मा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने का तय कर लिया गया है। इसके लिए एक एमओयू प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच किया जाएगा।
यह एमओयू केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 25 फरवरी को भोपाल में किया जाएगा। इसके लिए ड्राफ्ट भी तैरूार कर लिया गया है। ड्राफ्ट में किए गए प्रावधान के अनुसार पहले चरण में आने वाले तीन साल में दुग्ध समितियों की संख्या दोगुनी यानी 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार करने का लक्ष्य है। ऐसे ही 3 साल में दूध कलेक्शन तीन गुना यानी 8 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 25 लाख लीटर रोजाना करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए भोपाल समेत सभी 6 दुग्ध संघों का संचालन और प्रबंधन एनडीडीबी करेगा। इस दौरान न तो एनडीडीबी दुग्ध संघों को अपने आधिपत्य में लेगा और न ही ब्रांड सांची के नाम में बदलाव करेगा।
उल्लेखनीय है कि बीते साल सितंबर में भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ भारत सरकार की पशुपालन एवं डेयरी सचिव अल्का उपाध्याय व राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक मीनेश शाह ने बैठक की थी। बैठक में दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण को लेकर चर्चा हुई थी। साथ ही बैठक में मप्र सरकार और एनडीडीबी के बीच एमओयू को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी थी।
25 हजार गांवों से होगा दूध कलेक्शन
प्रदेश में दुग्ध समितियों की संख्या 12 हजार तक बढऩे से करीब 25 हजार गांवों से दूध संकलन होने लगेगा, क्योंकि कुछ दुग्ध समितियों में 2 से 3 गांव शामिल है। मप्र में करीब 51,527 गांव है। इस तरह प्रदेश के आधे गांवों से दूध कलेक्शन होने लगेगा।
दुग्ध उत्पादन में 11 फीसदी की वृद्धि करने की तैयारी
देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत मप्र में होता है। सरकार इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की दिशा में काम कर रही है। प्रदेश में प्रतिदिन करीब 8 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन हो रहा है। देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है, जबकि मप्र में यह 644 ग्राम है।
यह कदम उठाए जाएंगे
– मप्र स्टेट डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन के जरिए दूध के संकलन के लिए गांव-गांव में दुग्ध सहकारी समितियों का गठन करेगा। पहले चरण में दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाकर 12 हजार की जाएगी। एक समिति के गठन पर करीब 4 लाख रुपए खर्च होंगे।
– दूध संकलन से लेकर अन्य उत्पादों के निर्माण तक गुणवत्ता पर पूरा फोकस किया जाएगा। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए मानक निर्धारित किए जाएंगे।
– दुग्ध संघ के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
– मप्र स्टेट डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन की चुनाव प्रक्रिया का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
– दुग्ध समिति स्तर से दुग्ध विक्रय तक की समस्त गतिविधियों का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा।