भांजियों की ‘गृहस्थी’ ने… उड़ाई अफसरों की नींद

गृहस्थी

– सूची में पलंग, कुर्सियां, एलईडी, चांदी के आभूषण व बर्तन शामिल
– गृहस्थी के सामान की सूची  सामाजिक न्याय विभाग के लिए बनी परेशानी का सबब
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत इस बार सरकार ने बेटियों को गृहस्थी का सामान देने का निर्णय लिया है। सरकारी निर्देशानुसार 38 हजार रुपए का गृहस्थी का सामान दिया जाएगा। जिसमें पलंग, कुर्सियां, एलईडी, चांदी के आभूषण, बर्तन आदि शामिल हैं। सरकार के निर्देश और गृहस्थी के सामानों की सूची ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अफसरों को परेशानी में डाल दिया है।
अफसरों को समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी कम राशि में भांजियों की ‘गृहस्थी’ कैसे जमाई जाए। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में राशि 51 हजार से बढ़ाकर 55 हजार रुपए कर दी है। सरकार ने योजना में बदलाव करते हुए तय किया है कि अब बेटियों को 11 हजार रुपए का चेक दिया जाएगा। 8 हजार रुपए आयोजन पर खर्च होंगे और वर-वधु को बचे हुए 38 हजार रुपए का गृहस्थी का सामान दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में योजना के संचालन का जिम्मा सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को दिया गया है। विभाग ने योजना में बेटियों को गृहस्थी के सामान के रूप में पलंग, कुर्सियां, एलईडी, चांदी के आभूषण, बर्तन आदि देने का निर्णय लिया है।  
गृहस्थी का अच्छी क्वालिटी का पूरा सामान खरीदने के लिए कम से कम एक लाख रुपए चाहिए। चूंकि सरकार के फैसले का पालन करना है, इसलिए विभाग ने डबल बेड के स्थान पर सिंगल बेड, छोटी साइज की एलईडी, कम वजन की पायल व बिछिया खरीदने का निर्णय लिया है, ताकि 38 हजार रुपए में पूरा सामान खरीदा जा सके। सामान की खरीदी का जिम्मा जिला कलेक्टरों को दिया गया है। सरकार ने सामान खरीदी के लिए प्रबुद्धजनों की कमेटी बनाने का निर्णय लिया है।
पहले पूरी राशि का चेक दिया जाता था
शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में कन्या विवाह योजना में 28 हजार रुपए दिए जाते थे। तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने यह राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए कर दी थी। योजना में कन्या को 51 हजार रुपए का चेक दिया जाता था। चूंकि शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में योजना में घटिया क्वालिटी के चांदी के आभूषण देने के मामले सामने आए थे , इसलिए कमलनाथ सरकार ने गृहस्थी का सामान खरीदकर देने की बजाय बेटियों को पूरी राशि चेक के माध्यम से देने का प्रावधान किया था। अब शिवराज सरकार ने फिर से कन्या विवाह योजना में गृहस्थी का सामान देने का फैसला किया है।
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होगा समितियों का गठन
कार्यक्रम के लिए अधिकत संस्था सामूहिक विवाह का आयोजन शहरी क्षेत्र में नगर निगम/ नगर पालिका/ नगर परिषद व ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत ही आयोजनकर्ता होंगे। अन्य किसी संस्था द्वारा कराए जा रहे सामूहिक विवाह इस योजना का लाभ पाने के लिए पात्र नहीं होंगे। सामूहिक कन्या विवाह-निकाह कार्यक्रम का सुचारू रूप से आयोजन सुनिश्चित करने के लिए जिला एवं निकाय स्तरीय समितियों का गठन जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किया जाएगा। इन समितियों में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी सदस्य होंगे।आवेदन की प्रक्रिया पूर्वानुसार रहेगी।
एक लाख शादियों का अनुमान: सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना  के कारण पिछले दो साल में योजना में सामूहिक विवाह समारोह  नहीं किए जा सके। इस साल  कन्या विवाह योजना की शुरुआत 21 अप्रैल से होगी। विभाग का अनुमान है कि इस साल योजना में एक लाख शादियां होंगी।
क्वालिटी से कोई समझौता नहीं
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अफसरों के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि शासन की ओर से विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बेटियों को दिए जाने वाले गृहस्थी के सामान में क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। शादी में गृहस्थी का पूरा सामान दिया जाए, ताकि नव युगल को गृहस्थी की शुरूआत करने में कोई परेशानी न हो। अधिकारियों का कहना है कि महंगाई आसमान छू रही है। आज हर चीज के दाम बढ़ गए हैं। ऐसे में 38 हजार रुपए में गृहस्थी का गुणवत्ता युक्त पूरा सामान खरीद पाना संभव नहीं है। इस मामले में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार कन्या विवाह योजना में गृहस्थी का पूरा सामान दिया जाएगा। सामान की खरीदी जिला कलेक्टर करेंगे। सभी जिला प्रशासन को गुणवत्ता युक्त सामान खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन शादियों का एक साल का कैलेंडर जारी करेंगे।

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