- रेस में आगे चल रहे हैं अरविंद कुमार, मकवाना और अजय शर्म
गौरव चौहान
मप्र में जल्द ही नए डीजीपी की नियुक्ति होगी। इसे लेकर प्रक्रिया जोर-शोर से शुरू हो गई है। इस रेस में कई दिग्गज अधिकारियों के नाम शामिल है, जिन्हें अगला डीजीपी बनने के लिए नॉमिनेट किया गया है। इस रेस में तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं। जिसमें वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अफसर एवं डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, इसी बैच के पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमेन कैलाश मकवाना और वर्ष 1989 बैच के डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा का नाम दौड़ में माना जा रहा है। गौरतलब है कि केंद्र को राज्य सरकार ने 9 वरिष्ठ अफसरों के नाम भेजे हैं। उनकी परफॉर्मेंस और विभिन्न मापदंडों के आधार पर नामों का चयन किया जाएगा।30 नवंबर को मौजूदा डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर हो रहे हैं। नए डीजीपी के लिए यूपीएससी जल्द ही एक बैठक करके पैनल तैयार करेगा। यह पैनल डीजीपी के पद को लेकर चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यूपीएससी की इस बैठक में मौजूदा डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना और मुख्य सचिव अनुराग जैन भी शामिल होंगे। बैठक में नए डीजीपी के नाम के लिए पैनल पर चर्चा होगी। जानकारों का कहना है कि मप्र सरकार नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए तैयार है। इसके साथ ही मप्र की मोहन सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार को नौ नामों का पैनल भेजा है। इसमें पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन अध्यक्ष से लेकर एडीजी लेवल के अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इन नामों में से केंद्र सरकार तीन नामों को फाइनल करेगी। फिर उन 3 नामों में से एक नाम को राज्य सरकार डीजीपी के पद पर नियुक्त करेगी।
पीएचक्यू में बनाए जाएंगे पहले ओएसडी
जानकारों का कहना है कि प्रदेश पुलिस के नया मुखिया कौन होगा, इसका फैसला अगले सप्ताह हो जाएगा। अगले होने वाले पुलिस महानिदेशक को पुलिस मुख्यालय में पहले ओएसडी बनाया जाएगा। इसके बाद उन्हें एक दिसंबर को प्रदेश का मुखिया बनाया जाएगा। नए डीजीपी बनाए जाने के लिए तीन अफसरों के नाम की चर्चा भोपाल से लेकर दिल्ली तक चल रही है। तीनों ही अफसर अपने-अपने दावे के साथ मजबूती से इस पद तक पहुंचने का प्रयास भी कर रहे हैं। दरअसल ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 28 से 30 नवंबर तक डीजी- आईजी कॉन्फ्रेंस आयोजित होना है। इस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल होंगे। इस कांफ्रेंस के दौरान ही डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उनकी जगह पर पुलिस मुख्यालय के ओएसडी प्रदेश पुलिस की तरफ से लीड कर सकते हैं। जो प्रदेश पुलिस का पक्ष और यहां पर जो काम काज किए गए उनकी जानकारी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री के सामने प्रस्तुत करेंगे। इस कांफ्रेंस में नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लेकर चर्चा होने की संभावना है। किस प्रदेश ने इन तीनों कानून को लेकर कितना काम किया है। यहा गृह मंत्री अमित शाह जान सकते हैं। वहीं फोरेंसिक अधिकारियों की भर्ती, राज्यों में नए फोरेंसिक विश्वविद्यालय, डिजिटल साक्ष्य एकत्रीकरण, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचाराधीन कैदियों की पेशी जैसे सभी मुद्दों पर नए आपराधिक कानून के प्रावधानों के आलोक में चर्चा होने की संभावना है। साथ देश में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाए जाने को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है।