नए सीएस व डीजीपी के नाम का भी हो सकता है फैसला

सीएस व डीजीपी
  • इसी हफ्ते हो सकता है बड़ा प्रशासनिक फेरबदल…

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में 20 दिसंबर के पहले प्रशासनिक स्तर पर परिवर्तन हो सकता है। कुछ कलेक्टर बदले जा सकते हैं, तो मंत्रालय स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन संभावित है। यही नहीं सरकार को नए मुख्य सचिव से लेकर नए डीजीपी का नाम भी इस बीच तय करना होगा । इसकी वजह है इन दोनों ही अफसरों का कार्यकाल मार्च माह में समाप्त होना। उधर, लोकसभा चुनाव के लिए 20 – दिसंबर से मतदाता सूची का काम प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद न तो कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन  अधिकारी को बिना निर्वाचन आयोग की सहमति से हटाया जा सकेगा और न ही 64 हजार 626 बूथ लेवल ऑफिसर के तबादले किए जा सकेंगे। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण इकबाल सिंह बैंस के सेवानिवृत्त पर प्रदेश में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ अधिकारी वीरा राणा को वर्तमान दायित्वों के साथ मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। अब नवनियुक्त मुख्यमंत्री अपने हिसाब से मुख्य सचिव नियुक्त करेंगे। राणा का कार्यकाल अब महज साढ़े तीन माह का ही सेवानिवृत होने में रह गया है।  चूंकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता मार्च में संभावित है, जिसकी वजह से ओएसडी के तौर पर नए सीएस का फैसला जल्द संभावित है। इसी तरह से डीजीपी व 1987 बैच के आईपीएस अफसर सुधीर कुमार सक्सेना का कार्यकाल भी मार्च में पूरा हो रहा है। जानकारी के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा मार्च 2024 के पहले पखवाड़े में संभावित है। इसे देखते हुए चुनाव – आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 20 दिसंबर से इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। छह जनवरी 2024 को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन कर दावे-आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में संलग्न अधिकारियों- कर्मचारियों के तबादले बिना आयोग की सहमति के नहीं होंगे। उधर, कुछ कलेक्टरों को लेकर दौरान शिकायतें हुई थीं। इसी सप्ताह सरकार का गठन हो जाएगा। इसके बाद नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। कुछ कलेक्टर और मंत्रालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन होगा। यद्यपि, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) वही रहेंगे, जो वर्तमान में काम कर रहे हैं।

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