दिल्ली में बढ़ रही मप्र के… अफसरों की धाक

  • महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे मप्र कैडर के आईएएस
  • विनोद उपाध्याय
अफसरों की धाक

मप्र में भले ही तय कैडर से 75 आईएएस अधिकारी कम हैं, फिर भी केंद्र में लगातार मप्र कैडर के आईएएस अधिकारियों की मांग हो रही है। इस कारण दिल्ली में मप्र के अफसरों की धाक जमी हुई है। केंद्र सरकार में मप्र के कई आईएएस अधिकारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। हालांकि प्रतिनियुक्ति कोटे के आधार पर मप्र कैडर के 99 आईएएस अफसरों को केंद्र में भेजा जा सकता है। वर्तमान में 37 आईएएस पहले से केंद्र में हैं। हाल ही में केंद्र ने चार आईएएस की मांग की है। इसके आदेश हो चुके हैं। अब केंद्र में 41 आईएएस हो जाएंगे। वहीं 4 और आईएएस अधिकारियों के आदेश आने वाले हैं। इस तरह केंद्र में मप्र के आईएएस अधिकारियों की संख्या 45 हो जाएगी। भोपाल संभागायुक्त पवन शर्मा और वित्त सचिव अजीत सिंह भी अब मप्र की सेवाएं छोडक़र केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे। केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 1999 बैच के आईएएस पवन शर्मा को रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया गया है। 2002 बैच के आईएएस अजीत कुमार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त किया गया है। इससे पहले आईएएस दीप्ति गौड़ मुखर्जी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण में सीईओ और आईएएस छवि भारद्वाज को डीओपीटी में संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया था। ईएएस वी किरण गोपाल को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी में ज्वाइंट सेक्रेट्री और आईएएस नंदकुमारम को नेशनल ई गवर्नेंस डिवीजन में सीईओ नियुक्त किया गया है।
मप्र में अफसरों का टोटा
मप्र में प्रशासनिक सेवाओं में आईएएस अफसरों की कमी चिंता का विषय बनती जा रही है। राज्य में आईएएस अफसरों के 459 स्वीकृत पदों में से केवल 384 पदों पर अफसर कार्यरत हैं। प्रदेश में कुल 459 स्वीकृत आईएएस पद हैं, जिनमें से 320 पद सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों के लिए हैं और 139 पद पदोन्नत और चयनित अफसरों के लिए हैं। हालांकि, वर्तमान में केवल 255 पद ही सीधी भर्ती से भरे गए हैं, 128 पद पदोन्नति के जरिए और मात्र एक पद चयन के जरिए भरा गया है। इस तरह प्रदेश में 75 आईएएस की कमी है। इस कमी के बावजुद मप्र कैडर के अफसरों को लगातार केंद्र में बुलाया जा रहा है। हालांकि प्रतिनियुक्ति कोटे के आधार पर मप्र कैडर के 99 आइएएस अफसरों को केंद्र में भेजा जा सकता है। राजगढ़ कलेक्टर रहे हर्ष दीक्षित समेत 37 आईएएस पहले से केंद्र में हैं। हाल ही में केंद्र ने चार आईएएस भोपाल संभागायुक्त पवन शर्मा, वित्त सचिव अजीत कुमार, संचालक बजट बक्की कार्तिकयन और निकुंज श्रीवास्तव की मांग की है। इसके आदेश हो चुके हैं।
बैच वार अफसरों की संख्या
मप्र में तय कैडर से वर्तमान समय में 75 आईएएस अफसरों की कमी है। 1995 से 2006 बैच के अफसरों की संख्या सबसे कम है, जो प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों की कमी का मुख्य कारण है। राज्य में वर्तमान में 34 सचिव स्तर के अफसर हैं, जिनमें से दस केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। 2000 बैच तक के अफसरों को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया है। वहीं 2001 बैच में 2 अफसर, 2002 बैच में 2 अफसर, 2003 बैच में 3 अफसर, 2004 बैच में 5 अफसर, 2005 बैच में 3 अफसर, 2006 बैच में 2 सीधी भर्ती वाले अफसर और 3 पदोन्नत आईएएस अफसर की कमी है। वहीं अगले एक साल में बड़ी संख्या में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्तर के अफसर सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इन अफसरों के सेवानिवृत्त होने के साथ ही प्रमुख सचिव (पीएस) स्तर के अफसरों को एसीएस के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप अगले साल प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों की कमी हो जाएगी। प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों की कमी के कारण, सरकार ने सचिव स्तर के अफसरों को स्वतंत्र विभाग सौंप दिए हैं। एम सेलवेंद्रन को कृषि विभाग, संजय गोयल को स्कूल शिक्षा विभाग, रघुराज एम आर को तकनीकी शिक्षा विभाग, पी नरहरि को पीएचई विभाग, नवनीत कोठारी को एमएसएमई विभाग और जीवी रश्मि को कार्मिक विभाग सौंपा गया है। इस तरह, मप्र सरकार प्रशासनिक सेवाओं में अफसरों की कमी को दूर करने और प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। फिर भी, यह समस्या गंभीर बनी हुई है।
इन चार अफसरों को भी बुलावा
मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार मप्र कैडर की आईएएस दीपाली रस्तोगी, श्रीमन शुक्ला, तरुण पिथोड़े और अनुग्रहा पी. तरुण जल्द ही केंद्र में जाएंगे। बताया जा रहा है कि केंद्र से इनको बुलावा आया है। राज्य सरकार उन्हें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में भेजेगी। सरकार ने चारों अफसरों को एनओसी दे दी है। केंद्र कभी भी उन्हें बुला सकता है। सरकार ने 2 अगस्त को 10 आईएएस अफसरों का तबादला किया था। दीपाली रस्तोगी को सहकारिता से हटाकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का जिम्मा दिया था। अब उन्हें केंद्र में जाने की एनओसी दी है। हर राज्य से केंद्र भारतीय सेवाओं के अफसरों को काम के लिए बुलाता है। एक सेवानिवृत्त मुख्य सचिव ने बताया, केंद्र के पास अलग से अफसर नहीं होते। केंद्र में मप्र कैडर के आईएएस की संख्या दूसरे कई राज्यों से अधिक है। केंद्र से अफसर के लौटने पर राज्य को उनके अनुभव का लाभ होता है। अब केंद्र में 41 आईएएस हो जाएंगे। प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी, तरुण पिथोड़े, श्रीमन शुक्ला व अनुग्रहा पी. के आदेश आने पर संख्या 45 होगी। अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर को आईएएस अफसर पदस्थ हैं उनमें अनुराग जैन, आशीष उपाध्याय, पंकज राग, अल्का उपाध्याय, मनोज गोविल, पंकज अग्रवाल, आशीष श्रीवास्तव, वीएल कांताराव, नीलम शमी राव, दीप्ति गौड़ मुकर्जी, विवेक अग्रवाल, हरिरंजन राव, डॉ. पल्लवी जैन गोविल, नितेश कुमार व्यास, फैज अहमद किदवई, करलिन खोंगवार देशमुख, आकाश त्रिपाठी, राहुल जैन, स्वाति मीणा नाइक, संकेत भोंडवे, शशांक मिश्रा, वी किरण गोपाल, बी विजय दत्ता, आशीष भार्गव, रूही खान, ऋजु बाफना, विशेष गढ़पाले, जेपी आइरिन सिंथिया, ज्ञानेश्वर पाटिल, विकास नरवाल, नंदकुमारम, छवि भारद्वाज।

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