बड़े शहरों में बढ़ रहा दोपहिया तिपहिया ई-वाहन का प्रचलन

ई-वाहन

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों की वजह से लोग अब ई वाहन पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में पहले की अपेक्षा अब ई वाहन बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड हो रहे हैं। लोगों में ई वाहन का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश भर में पिछले सवा से डेढ़ साल में करीब 17 हजार पांच सौ ई वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें छह हजार 750 दो पहिया, दस हजार 540 तिपहिया, लगभग एक सौ तीस चार पहिया और तीन दर्जन से भी ज्यादा बसें शामिल है।
यदि प्रदेश भर में रजिस्टर्ड हुए वाहन के आंकड़ों पर नजर डालें तो ई वाहन की बिक्री में ग्वालियर पहले स्थान पर है। यहां पर कुल पांच हजार छह सौ पचास वाहन बिके हैं। इनमें सबसे ज्यादा दो हजार 350 तिपहिया वाहन है। हालांकि दोपहिया वाहन के मामले में ग्वालियर पीछे है। यहां सिर्फ 344 दोपहिया वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। बता दें कि दोपहिया वाहन की बिक्री के मामले में इंदौर सबसे आगे है। यहां एक हजार से भी ज्यादा दोपहिया वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं जबकि एक हजार 930 तिपहिया वाहन, 65 कारें और लगभग तीन दर्जन से भी अधिक बसें रजिस्टर्ड हुई है। इंदौर में कुल दो हजार 950 ई वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं।
लाइफटाइम टैक्स की दी जा रही है सुविधा
परिवहन विभाग में ई वाहन के रजिस्ट्रेशन पर एक फीसदी टैक्स लगता है। विभाग में उन सभी गाड़ियों को रजिस्टर्ड कराना होता है जिनकी रफ्तार चालीस किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है। खास बात है कि यदि चालीस किलोमीटर प्रति घंटा से गति कम है, तो वाहन के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। लिथियम बैटरी का वाहन एक बार चार्ज होने पर 70 किलोमीटर तक चलता है। इसकी बैटरी चार घंटे में चार्ज होती है। साथ ही एक यूनिट बिजली खपत होती है जबकि साधारण बैटरी करीब छह घंटे में चार्ज होती है। डीलरों के पास ई वाहनों की बैटिंग बढ़ने से गाड़ी आसानी से नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन कम है। लोग पचास किलोमीटर से अधिक गति से चलने वाले ई वाहन पसंद कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अब शीघ्र ही बाइक आने वाली है। प्रदेश के परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के मुताबिक प्रदेशवासियों को ई वाहनों के प्रति जागरूक करने और बढ़ावा देने के लिए लाइफटाइम टैक्स में भी छूट दी जा रही है। इसके परिणाम भी सामने आ रहे है  टैक्स में रियायत मिलने की वजह से काफी संख्या में ई वाहन रजिस्टर्ड हो रहे हैं। यह पर्यावरण के लिए अच्छा है और गति कम होने से सड़क हादसे में भी कमी आएगी।
भोपाल में भी बढ़े  ई वाहन
यदि राजधानी भोपाल की बात की जाए तो यहां कुल ढाई हजार ई वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें 930 दोपहिया वाहन, एक हजार 572 तिपहिया और करीब पचास कारें रजिस्टर्ड हुई है। उल्लेखनीय है कि जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ई-रिक्शा जगह ले रहा है, वहीं बाइक की जगह की स्कूटर बना रहा है। ज्ञात रहे कि जब पेट्रोल सौ रुपए से नीचे था तब स्कूटर आसानी से मिल जाता था लेकिन पेट्रोल के दाम सौ रुपए से जैसे ही ऊपर पहुंचे उसके बाद से ही ई वाहन की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे में अब शहर के डीलरों के पास तीन महीने की वेटिंग चल रही है।
उतार चढ़ाव वाली सड़कें होने से कम बिक रहे ई रिक्शा
परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो भोपाल की भौगोलिक स्थिति की वजह से ई रिक्शा संचालित नहीं हो पाते हैं। भोपाल की सड़कों में उतार-चढ़ाव अधिक है। उतार-चढ़ाव में बैटरी जल्दी खत्म होती है जिससे ज्यादा बैकअप नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि यहां ई रिक्शा की बिक्री कम है। हालांकि इंदौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट काफी अच्छा है।

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