भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों में से 136 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इन चार सूचियों में जिस तरह हारे और दिग्गज नेताओं को टिकट दिया गया है उससे हाशिए पर चल रह कई नेताओं को टिकट की उम्मीद जगी हुई है। उन्हें उम्मीद है कि जिन शेष 94 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होना है उसमें उनकी भी लॉटरी लग सकती है।
गौरतलब है कि इस बार भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कई चेहरों को टिकट देकर सबको चौंका दिया है। भाजपा ने प्रत्याशियों की अपनी दूसरी सूची में सत्ता व संगठन के बड़े नामों के बीच चयन किया। दिग्गजों को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है। इस बार भाजपा के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मैदान में उतर चुके हैं वहीं एक पूर्व अध्यक्ष सहित वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मैदान में उतरने को तैयार है। इतना ही नहीं दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ऐसे भी हैं जो सक्रिय तो हैं लेकिन संगठन की राजनीति में हाशिए पर हैं। अब उनकी उम्मीदें भी जाग गई हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना और जनता की आकांक्षा के अनुसार प्रत्याशियों का चयन कर रही है। जनता की ओर से मिल रहे अच्छे प्रतिसाद को देखते हुए भाजपा ने बड़ी जीत के लिए संगठन के दिग्गज और अनुभवी नेताओं के मैदान में उतारे जाने का निर्णय लिया है। जिसका हमें इस चुनाव में तो फायदा होगा ही साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी रणनीतिक लाभ मिलेगा।
पूर्व प्रदेश अध्यक्षों का मिला टिकट
भाजपा ने 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची में प्रदेश में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके नरेंद्र सिंह तोमर को चंबल के दिमनी और जबलपुर पश्चिम से राकेश सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया है। तोमर दो बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 2008 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। 2009 में वह राज्यसभा सदस्य चुने गए, इसके बाद 2012 में एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। राकेश सिंह 2018 में नंदकुमार सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद प्रदेश अध्यक्ष बने और 2019 तक अध्यक्ष रहे। उनके बाद से वीडी शर्मा जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। तोमर की चंबल क्षेत्र तो राकेश सिंह की महाकोशल में अच्छी पकड़ है। प्रदेश अध्यक्ष रहने के चलते दोनों की सत्तासीन नेताओं से लेकर संगठन में जमीनी स्तर तक पकड़ है, जिसका लाभ पार्टी को इनके विधानसभा क्षेत्र सहित आसपास के विधानसभा क्षेत्रों में मिलेगा। दो पूर्व अध्यक्ष जहां मैदान में उतर चुके हैं, वहीं वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी विधानसभा चुनाव लडऩे के दावेदार हैं।
शर्मा के कभी राजधानी तो कभी गृहक्षेत्र की सीट से उतरने की चर्चा चलती रहती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2005 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इस तरह दो प्रदेश अध्यक्ष मैदान में उतर चुके हैं तो वर्तमान और एक पूर्व अध्यक्ष भी जल्द मैदान में नजर आ सकते हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों में प्रभात झा और विक्रम वर्मा दो ऐसे नाम हैं जो सक्रिय तो हैं, लेकिन प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर हैं। विक्रम वर्मा सन् 2000 से 2002 तो प्रभात झा 2010 से 2012 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे। दोनों वर्तमान में प्रदेश की राजनीति में सीधे तौर पर सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा धार से विधायक हैं वहीं प्रभात झा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
11/10/2023
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