सरकार कल फिर ले रही है एक हजार करोड़ का कर्ज

 कर्ज

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के चलते चुनावी आदर्श आचार संहिता लागू है। इस बीच सरकार को खर्च के लिए फिर से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठाना पड़ा रहा है। इस नए कर्ज के लिए सरकार द्वारा बीते रोज ही भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से नीलामी की कार्यवाही पूरी की गई है। अहम बात यह है कि यह नया कर्ज भी पूर्व की ही तरह प्रदेश की अधूरी विकास परियोजनाओं को पूरा करने और लोक कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर ही लिया जा रहा है। यह कर्ज बाजार से उठाया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक बार फिर बांड गिरवी रखे जा रहे हैं। यह कर्ज 11 साल के लिए लिया जा रहा है। बीते रोज बांड नीलामी की कार्रवाई की गई। इसमें जो संस्था सबसे कम ब्याज पर कर्ज देगी, उससे ही कर्ज लिया जाएगा। ऑक्शन 25 अक्टूबर को ओपन होगा। सामान्य अवधि में ऑक्शन के अगले दिन ही इसे ओपन कर दिया जाता है, लेकिन आज दशहरा पर्व का अवकाश होने की वजह से इसे अब कल ओपन किया जाएगा। राज्य सरकार यह कर्ज चुनाव आचार संहिता के बीच ले रही है, जिसकी वजह से वित्त विभाग द्वारा इसके लिए चुनाव आयोग से मंजूरी ली गई है। आयोग से मंजूरी मिलने के बाद यह तय हो गया है कि सरकार चुनावी संग्राम के बीच और भी कर्ज ले सकती है।
इस वित्त वर्ष में कर्ज की राशि हो जाएगी 11500 करोड़
वित्तीय वर्ष 2023-24 की अवधि में राज्य सरकार इससे पहले 6 बार में 10500 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से उठा चुकी है। ये 11वां कर्ज होगा। इस कर्ज को मिलाकर बाजार से लिए जाने वाले कर्ज की राशि बढक़र 11500 करोड़ रुपए हो जाएगी। 31 मार्च 2023 की अवधि में राज्य सरकार 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है।
40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने की पात्रता
प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। सरकार के पास 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने की पात्रता है, लेकिन अभी तक सरकार ने आठ हजार करोड़ का ही ऋण लिया है। राज्य सरकार ने जो कर्ज लिया है उसका इस्तेमाल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास परियोजना को गति देने के लिए किया जाएगा।

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