3 जिलों की आधा सैकड़ा गौशालाओं में चल रहा… अनुदान हजम करने का खेल

गौशाला

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में बीते एक साल में शुरू की गई गौ शालाओं में संचालकों द्वारा अनुदान के नाम पर खेल किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसके बाद से नई गौशालाओं के निर्माण पर रोक लगा दी गई है। इस खेल की शिकायत मिलने के बाद अब मप्र गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा प्रदेश की सभी गौशालाओं का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। दरअसल सरकार ने बीते साल ही नवंबर में गौ कैबिनेट के गठन किया था। इसके बाद प्रदेश में लगभग 1250 नई गौशालाओं का निर्माण किया गया है। इनमें निराश्रित गायें रखी जाती हैं। सरकार ने प्रदेश में 2000 गौशालाओं का निर्माण का लक्ष्य तय किया था, लेकिन उनमें से करीब 750 का निर्माण अभी नहीं हो सका है। अब इनका निर्माण रोक दिया गया है। इसकी वजह है मप्र गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को मिली वह शिकायतें है जिनमें कहा गया है कि इनमें से करीब आधा सैकड़ा गौशालाएं ऐसी हैं , जिनमें एक भी गाय नहीं हैं, फिर भी उनमें गायों के नाम पर अनुदान लेकर हजम किया जा रहा है। इन गौ शालाओं को हर दिन एक गाय पर 20 रुपए के हिसाब से अनुदान दिया जा रहा है।

आयोग के पास इस तरह की शिकायतें रायसेन, नरसिंहपुर और रीवा जिले की करीब 50 गौशालाओं की मिलीं हैं। इसके बाद से ही अब गौपालन बोर्ड द्वारा सभी 1250 गौशालाओं का सत्यापन कराया जा रहा है, ताकि गौशालाओं में गायों की वास्तविक संख्या पता करने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सके की जिन गौशालाओं को अनुदान दिया जा रहा है, उन सभी में निराश्रित गायें पाली जा रही हैं या नहीं। इस दौरान जिन गौशालाओं में गायें नहीं मिलेंगी, उनका अनुदान बंद कर उनके खिलाफ कानूनी रूप से कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में फिलहाल करीब 1900 गौशालाएं संचालित हैं। इनमें करीब 3.25 लाख निराश्रित गायें पाली जा रही हैं। इनमें से 650 गायें गौपालन बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं, जिनका संचालन निजी समितियों द्वारा किया जा रहा है। इनमें करीब 2 लाख गायें होने की जानकारी है।  इसी तरह से गौ पालन बोर्ड द्वारा बनाई गईं 1250 गौशालाओं में करीब सवा लाख निराश्रित गायें पाली जाने का दावा है। इनके संचालन का जिम्मा ग्राम पंचायतों के पास है। सरकार द्वारा इन गौशालाओं के संचालन के लिए हर साल करीब 237 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाता है। अनुमान के मुताबिक प्रदेश में इस समय करीब निराश्रित गौवंश की संख्या करीब 10 लाख है। पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर जिले के सालरिया गौ-अभ्यारण्य में गौ कैबिनेट के गठन की घोषणा की थी। इसमें पशुपालन, कृषि, पंचायत, वन, गृह और राजस्व विभाग को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य प्रदेश में गायों के संवर्धन एवं संरक्षण करना है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 2 हजार गौशालाओं के निर्माण और गौ-वंश संरक्षण के लिए गौ-अधिनियम बनाने की बात भी कही थी।

 हाईटेक गौशालाएं भूली सरकार
अगस्त, 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहल पर कुमार मंगलम बिड़ला ने मप्र में डेढ़ साल के अंदर 100 हाईटेक गोशालाएं बनाने की सहमति दी थी, लेकिन ये गौशालाएं नहीं बन पाईं, क्योंकि तत्कालीन कांग्रेस सरकार गौशालाओं के निजी निवेश को लेकर भूमि आवंटन की पॉलिसी ही नहीं तैयार कर पाई थी। सरकार बदलते ही यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है।

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