विधानसभा चुनाव: भाजपा व कांग्रेस का पूरा फोकस बूथ की मजबूती पर

भाजपा व कांग्रेस
  • 60 फीसदी बूथों पर अब तक नहीं पुहंचे कांग्रेसी, तो भाजपा कर रही युवाओं को प्रशिक्षित

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा व कांग्रेस का पूरा फोकस अब बूथ पर हो गया है। भाजपा तो पहले ही बूथ मजबूती के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का न केवल आयोजन कर चुकी है, बल्कि उसके छोटे बड़े सभी तरह के नेता भी मैदानी स्तर पर उतर कर इस अभियान में शामिल हो चुके हैं।
इसके इतर कांग्रेस द्वारा इसके लिए चलाए गए अभियान में अभी तक महज 40 फीसदी ही बूथों तक पहुंच सकी है। खास बात यह है कि इस बार बूथ का जिम्मा दोनों ही दलों द्वारा अपने युवा कार्यकर्ताओं का दिया जा रहा है। इसके तहत भाजयुमो कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आदिवासी युवाओं को साधने के गुर सिखा रहे हैं तो वहीं युवा कांग्रेस हर बूथ पर युवाओं की टीम बनाने की तैयारी में है। दरअसल सत्ता प्राप्ती में युवाओं की अहम भूमिका हमेशा से ही रही है। इसलिए दोनों ही दलों द्वारा अधिक से अधिक युवाओं को इस काम में लगाया जा रहा है। प्रदेश युवा कांग्रेस की बूथ जोड़ो यूथ जोड़ो अभियान अभी तक प्रदेश के सभी बूथों पर नहीं पहु़ंच सका है। अब तीन माह में उसे शेष 60 फीसद बूथों पर इस अभियान को ले जाना होगा। इस मामले में लापरवाह बने हुए जिला अध्यक्षों को राष्ट्रीय बीबी श्रीनिवासन ने  अल्टीमेटम तक दे दिया है। उधर, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीवी श्रीनिवास ने भोपाल प्रवास के दौरान 107 विधानसभा क्षेत्रों पर फोकमस करते हुए युवा कार्यकर्ताओं को बूथ जोड़ यूथ जोड़ो अभियान चलाने के गुर भी सिखाए। इससे पहले वे 125 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकतार्ओंं को इस तरह का प्रशिक्षण दे चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस अभियान की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में पता चला कि इन 125 विधानसभा पहुंच सकी है। महज 40 प्रतिशत बूथों तक ही यह अभियान चल रहा है। अब तीन महीने के भीतर पर इस अभियान के लेकर काम करना होगा, नहीं करने वालों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। श्रीनिवास का कहना है कि जो अच्छा काम करेगा, उसे विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी भी बनाया जा सकता है। उनका कहना है कि अगले माह के पहले यह तय कर लेंगे कि मध्य प्रदेश में कितने युवा नेताओं का काम अच्छा है और उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने  के लिए आगे किया जाए। गुजरात और हिमाचल में भी युवाओं को टिकट दिया गया है। जो मेहनत करेगा उसे टिकट दिया जाएगा। कमलनाथ और पार्टी सभी जिला अध्यक्षों युवाओं को अधिक से अधिक टिकट दिए जाने के पक्ष में हैं।
भाजपा के युवा लुभाएंगे आदिवासी युवाओं को
भाजपा अपनी यूथ विंग को चुनावी तैयारी से जोड़ने के लिए दो दिन तक ट्रेनिंग देने का काम महाकौशल क्षेत्र में कर रही है। इस प्रशिक्षण में प्रदेश भर के भाजयुमो जिला अध्यक्षों, जिला महामंत्रियों को सिवनी बुलाया गया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से बीजेपी युवाओं को बूथ स्तर पर और एक्टिव करने के साथ आदिवासी युवाओं का साधने के गुर सिखा रही है। इसमें यह भी बताया जा रहा है कि आगे पार्टी की रणनीति के मद्देनजर किस भूमिका में युवा मोर्चा को जनता के बीच किस तरह से सक्रिय रहना है। इस प्रशिक्षण में प्रदेश भर के करीब 250 पदाधिकारियों को बुलाया गया है। इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री रोहित चहल सहित अन्य नेता भी शामिल हो रहे हैं।  प्रशिक्षण वर्ग में 11 अलग-अलग विषयों पर पदाधिकारियों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पवार का गृह जिला है सिवनी
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिवनी का चयन भाजयुमो ने प्रशिक्षण वर्ग के लिए इसलिए किया है क्योंकि यहां प्रशिक्षण कर पार्टी आदिवासी युवाओं को चुनावी दृष्टि से जिला प्रभारी, जिला संधने का जतन करना चाहती है। सिवनी से लगे जिले छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला आदिवासी बाहुल्य हैं। इसके अलावा बैतूल, डिंडोरी भी अधिक दूर नहीं है। इसलिए सिवनी में प्रशिक्षण कराकर पार्टी द्वारा एक माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यही नहीं बल्कि सिवनी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार का गृह जिला भी है। इसलिए भी आयोजन को भी यहां होने से जोड़ा जा रहा है।
पंचायत समितियों का लिया जाएगा ब्यौरा
पिछले माह प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष शर्मा ने भाजयुमो के पौधरोपण कार्यक्रम में कहा था कि प्रदेश में पंचायत स्तर पर युवा मोर्चा की टीम का गठन किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गठित टीम की रिपोर्ट पेश की जाएगी।  इस टीम में सात से दस युवाओं को पंचायत स्तर पर शामिल किया गया है। इसके साथ ही युवा मोर्चा के आगामी कार्यक्रम भी इसमें वरिष्ठ नेताओं की सहमति के आधार पर तय होंगे, जिसमें केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को फोकस में रखा जाएगा। गांवों में पार्टी से यूथ को जोड़ने  के लिए मोर्चा की अहम भूमिका है। इसलिए जिन मंडलों और जिलों में यूथ का परफार्मेंस कमजोर है, वहां इसे मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

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