सीएम की तरह ही चौंका सकते हैं नए मंत्रियों के चेहरे

 नए मंत्रियों
  • गुजरात फार्मूला पर अमल होने के लगाए जा रहे हैं कयास

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सात दिन के इंतजार के बाद आखिरकार प्रदेश को नया मुखिया मिल ही गया है। बीते रोज हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में जिस तरह से प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम के साथ ही उपमुख्यमंत्री पद के लिए राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा का चयन किया गया है, उससे तमाम राजनैतिक पंडितों के कयास पूरी तरह से बेमानी साबित हुए हैं। यादव का नाम घोषित होते ही सियासी से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक में सभी  अचंभित रह गए। यही वजह है कि अब यादव के मंत्रिमंडल के सदस्यों के नामों को लेकर लोगों में नए कयासों का दौर शुरु हो गया है। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश में भी मंत्रिमंडल के गठन में लागू किए गए फार्मूला का उपयोग किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री इस बार बतौर विधायक सदन में बैठे नजर आ सकते हैं। उनकी जगह नए और युवा चेहरे मंत्री पद की कुर्सी पर नजर आएंगे। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह पार्टी ने सीएम पद के लिए नए चेहरे पर दांव खेला है, वैसे ही मंत्रिमंडल में भी चौंकाने वाले नाम सामने आना लगभग तय हैं। इनमें कुछ जरुर पुराने चेहरे होंगे। यह वे चेहरे होंगे , जो जातीय, क्षेत्रीय समीकरणों और प्रशासनिक कारणों से जरुरी होंगे। इसकी वजह है, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव। दरअसल, भाजपा में 70 से अधिक ज्यादा वरिष्ठ विधायक मंत्री पद की रेस में बने हुए हैं। इनमें करीब ढाई दर्जन चेहरे तो ऐसे हैं, जो बीते कई बार से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। इसके बाद भी वे अब तक मंत्री नहीं बन सके हैं। इसके उलट कई चेहरे ऐसे है, जिन्हें ही लगातार  मंत्री बनाया जाता रहा है, जिससे अन्य विधायकों में असंतोष बना हुआ है। अब प्रदेश में मंत्री पद के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। वे लगातार संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के दरों पर दस्तक देकर अपना पक्ष रख रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में सीएम सहित कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैँ, जिसमें से तीन पदों के नाम तय हो चुके हैं। इसकी वजह से अब महज 32 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि करीब डेढ़ दर्जन मंत्री अभी बनाए जाएंगे, जबकि शेष पदों पर नियुक्ति लोकसभा चुनाव के बाद की जा सकती है।
इन दिग्गजों की दावेदारी
जिन दिग्गज नेताओं की मंत्री पद की दावेदारी मानी जा रही है, उनमें प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, रीती पाठक, राव उदयप्रताप सिंह, जयंत मलैया, नागेंद्र सिंह नागौद, अजय विश्नोई, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, ओमप्रकाश धुर्वे, हरी शंकर खटीक , करण सिंह वर्मा, अर्चना चिटनीस, तुलसीराम सिलावट, विजय शाह, डॉ. प्रभुराम चौधरी, डॉ. सीतासरन शर्मा, नारायण सिंह कुशवाहा, उषा ठाकुर, मीना सिंह, ललिता यादव, संजय पाठक, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह इंग, बृजेंद्र सिंह यादव, ओमप्रकाश सखलेचा, हरिशंकर खटीक मंत्री पद के दावेदार है।
यह भी शामिल हैं रेस में
इसी तरह से रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, कृष्णा गौर, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया, विजयपाल सिंह, ठाकुरदास नागवंशी, प्रदीप पटेल, गायत्री राजे पंवार, नीना वर्मा, नागेंद्र सिंह गुढ़, दिव्यराज सिंह, अनिल जैन, शरद कोल, कुंवर सिंह टेकाम, शिवनारायण सिंह, विक्रम सिंह, संदीप जायसवाल, अशोक रोहाणी, हेंमत खंडेलवाल, हरी सिंह सप्रे, उमाकांत शर्मा, राजेश सोनकर, आशीष शर्मा, चेतन्य काश्यप, डॉ. राजेंद्र पांडेय मंत्री पद के लिए दावेदारी जता रहे हैं।

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