डॉक्टर बनने का पूरा होगा सपना, प्रदेश में एमबीबीएस सीटें बढ़कर हुई 3955

एमबीबीएस
  • एनएमसी ने प्रदेश की एमबीबीएस सीटों की संख्या में 300 सीट का इजाफा किया
    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
    नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने इस बार प्रदेश में एमबीबीएस की 300 सीटें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इससे प्रदेश में अब एमबीबीएस की कुल सीटें बढ़कर 3955 हो गई हैं। इस वजह से अब डॉक्टर बनने का सपना देख रहे युवाओं की राह आसान हो गई है।
    एमबीबीएस काउंसलिंग में छात्रों के लिए प्रदेश के 24 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल 3,111 सीटें हैं। इसमें से 13 सरकारी कॉलेज में ओपन कैटेगरी एमबीबीएस सीटों की  संख्या 1578 है और निजी कॉलेजों में इन सीट की संख्या 1533 है।  जानकारी के अनुसार एनएमसी ने राज्य के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों में सीट वृद्धि को मंजूरी देते हुए एक नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को मान्यता दे दी है। इससे प्रदेश में एमबीबीएस सीटों की संख्या में 300 सीट का इजाफा हो गया है। एनएमसी ने इंदौर में एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज एवं सेवाकुंज हॉस्पिटल इंदौर को जहां 150 सीट के साथ काउंसलिंग के दूसरे चरण में शामिल होने की मंजूरी दी है, वहीं भोपाल के पीपुल्स व एलएन मेडिकल कॉलेज के साथ इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज को 50-50 एमबीबीएस सीट की मंजूरी दे दी है। इस तरह अब मप्र में निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है और इन कॉलेजों में एमबीबीएस सीट की संख्या 3955 पहुंच गई है।
    जनरल के लिए सिर्फ 40 फीसदी सीटें
    भले ही मप्र में एमबीबीएस की कुल सीटों की संख्या 3955 हो। लेकिन सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए इनकी संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है। इस कैटेगरी के छात्रों के लिए महज 1383 सीट ही रह जाती हैं। इसमें सरकारी कॉलेजों में सीटों की संख्या 631 और निजी मेडिकल कॉलेजों में सीट की संख्या 771 है। जानकारी अनुसार सामान्य श्रेणी के कैंडीडेट के लिए सिर्फ 40 फीसदी सीटें रिक्त रह गई हैं। शेष 60 फीसदी सीटों पर विभिन्न प्रकार के रिजर्वेशन और कोटा लागू हैं। हालांकि रिजर्व कैटेगरी में छात्र न मिलने पर सीट रिवर्ट होते हुए काउंसलिंग के अंतिम चरण में सामान्य श्रेणी के खाते में जोड़ दी जाती है।

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