
- कई आईपीएस अफसर भी आयकर विभाग के निशाने पर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के करीबी और तमाम अफसर अब आयकर विभाग के निशाने पर आ गए हैं। इनमें परिवहन विभाग के अफसरों के अलावा कई आईपीएस और राज्य पुलिस सेवा के अफसर भी शामिल हैं। यह वे अफसर हैं, जो पूर्व में परिवहन विभाग में पदस्थ रह चुके हैं। इन सभी को आयकर विभाग द्वारा पूछताछ के लिए समन दिए जा रहे हैं। आयकर विभाग की इस खबर के बाद से सौरभ के तमाम करीबियों और अफसरों में हडक़ंप की स्थिति हैं। उधर, प्रवर्तन निदेशालय ईडी की रिमांड में चल रहे सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरद जायसवाल से पूछताछ जारी है। आयकर सूत्रों के मुताबिक विभाग ने 52 किलो सोने और 11 करोड़ नकदी से भरी कार से मिली डायरी की जांच शुरू कर दी है। इसमें 52 आरटीओ, परिवहन विभाग के अधिकारियों और ज्वेलर्स के नामों के साथ लेनदेन का ब्योरा दर्ज है। इन सभी को नोटिस भेजे गए हैं और जल्द ही उनसे पूछताछ होगी। इसके अलावा, शरद और चेतन से उनकी कंपनियों में भागीदारी और निवेश के स्रोतों को लेकर पूछताछ हो रही है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि सोना और नकदी कहां से आई और इसका इस्तेमाल कहां किया जाना था। इससे पहले गुरुवार सुबह तीनों आरोपियों का जेपी अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया गया था। माना जा रहा है कि इनमें से कई अफसर पहले से ही आयकर के निशाने पर बने हुए हैं। दरअसल, सौरभ की डायरी में किस चेक पोस्ट से कितने करोड़ की कमाई होती थी, इसका ब्यौरा मिला है। सेंधवा चेकपोस्ट, इंदौर आरटीओ से सबसे ज्यादा काली कमाई आती थी। डायरी में मिले हिसाब किताब से पता चला है कि हर महीने 19 चेकपोस्ट से 161 करोड़ रुपए आते थे। वहीं, 51 आरटीओ कार्यालयों से 136 करोड़ रुपए की कमाई होती थी। काली कमाई का हिस्सा हर महीने नेता, अफसर, रसूखदारों को मिलता था। सेंधवा चेकपोस्ट से हर महीने सबसे ज्यादा 40 करोड़ की वसूली होती थी। सबसे कम 50 लाख रुपए रामनगर तिराहा, कराहल चेकपोस्ट से मिलते थे। वहीं, नयागांव से 20, खवासा, सिकंदरा से 15-15, शाहपुर, मुलताई चेकपोस्ट से 10-10 करोड़ की वसूली होती थी।इंदौर इंदौर कार्यालय से हर महीने सबसे ज्यादा 9 करोड़ की काली कमाई आती थी। सबसे कम 62 लाख रुपए अलीराजपुर आरटीओ कार्यालय से आते थे। भोपाल, छिंदवाड़ा आरटीओ कार्यालय से 4 करोड़ की राशि आती थी। उज्जैन, जबलपुर से साढ़े 6-6 करोड़, सागर, रीवा, ग्वालियर कार्यालय से 5-5 करोड़ की वसूली होती थी। गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद आईटी की टीम ने कांच तोडक़र अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद होने के साथ ही यह डायरी मिली थी।
फुटेज भी खंगाले जा रहे
फिलहाल ईडी की रिमांड में की जा रही पूछताछ में सौरभ के घर और कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग का उपयोग किया जा रहा है। ये फुटेज तीस दिन पुराने हैं, जिनमें उसके घर और कार्यालय में आने-जाने वाले लोगों की पहचान और गतिविधियों की जांच की जा रही है।
डायरी ने उड़ा रखी नींद
पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की डायरी मिलने के बाद उसका पूरा नेक्सस सामने आ गया है। इसके बाद उससे जुड़े लोगों की नींद उड़ गई है। खासकर उन बड़े लोगों की नींद ज्यादा उड़ी है, जिनके नाम सामने आने लगे हैं। कहा जाता है कि पावर कॉरिडोर के कई बड़ों लोगों का हाथ सौरभ शर्मा के ऊपर था। उन्हीं लोगों के आर्शीवाद से वह फल फूल रहा था। कुछ सालों में ही सौरभ शर्मा ने अरबों रुपए का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।