मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को जिम्मेदार लगा रहे पलीता

उद्यम क्रांति योजना
  • 20 फीसदी का भी नहीं मिला कर्ज
  • कई जिलों में धड़ाम हो गई उद्यम क्रांति योजना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। युवाओं में उद्यमशीलता खूब है। वे अपना उद्योग और व्यापार स्थापित करना चाहता है, लेकिन ऋण के लिए बैंकों में आवेदन अटकने से उनका जोश कम हो रहा है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का भी यही हाल है। शासन की इस योजना के माध्यम से प्रदेश में उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जाना है। लेकिन अभी प्रकरणों के निराकरण उतनी तेजी नहीं आई है। प्रदेश में बेरोजगारों के साथ धोखा हुआ है। पहले तो उन्हें रोजगार देने के लिए तीन योजनाओं को बंद कर मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना लाई गई। लेकिन मॉनीटिरिंग के अभाव में कई जिलों में उद्यम क्रांति योजना भी धड़ाम हो गई। इस योजना में छोटे उद्यम खोलने के लिए आवेदन मंगाए जाते हैं, जो महीनों तक लंबित रहते हैं। योजना में सालभर में एक लाख लोगों को स्वरोजगार के लिए कर्ज दिलाने का लक्ष्य था, जो 20 फीसदी भी पूरा नहीं हो सका है। इस योजना पर कांग्रेस भी आरोप लगाती रही है कि बेरोजगारों से कमीशन मांगा जाता है।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस बहुप्रतिक्षित योजना में अफसरशाही और कमीशनबाजी के खेल में युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है। आंकड़े अलग-अलग एमएसएमई विभाग का प्रशासनिक प्रतिवेदन बताता है कि वर्ष 2021-22 में महज 5000 युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि विभाग व्यावहारिक रूप से एक लाख युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखकर चल रहा है। इसमें युवाओं के आगे न आने का कारण बताया जा रहा है। तकनीकी और दस्तावेजीकरण का हवाला देकर सैकड़ों प्रकरण रद्द भी किए गए हैं। इसमें पात्रता नियमों का हवाला देकर युवाओं को लाभ से वंचित किया गया। वहीं प्रकरण लंबित रहने के कारण कई हितग्राही परेशान भी होते रहे हैं।
योजना का उदेश्य बड़ा

इस योजना में उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने सात सालों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। इसमें विनिर्माण इकाई और उद्यम स्थापित करने वाले युवाओं को एक से 50 लाख और सेवा क्षेत्र के लिए एक लाख से 25 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है। इसकी खासियत यह है कि योजना का लाभ केवल नवीन उद्यमों की स्थापना में मिलता है। इसका लाभ 18 से 45 वर्ष के हितग्राहियों को मिलताहै। शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा उत्तीर्ण रखी गई है। बेरोजगार सुभाष चंद्र यादव का कहना है कि एमएसएमई विभाग बड़ी-बड़ी बातें और दावे करता है।
योजनाएं तो सैकड़ों हैं, लेकिन उनका लाभ युवाओं को नहीं मिल रहा है। राज्य के लोग रोजगार के लिए अलग-अलग राज्यो में भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार दिलाने वाला कोई नहीं…. । वहीं एएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा का कहना है कि प्रदेश में उद्योग-धंधे बढ़े हैं। रोजगार और स्वरोजगार भी बढ़ रहा है। आरोप तो कोई कुछ भी लगा देता है, इससे कुछ नहीं होता। कहीं कोई प्रकरण विशेष है तो उसकी जांच करा लेंगे।

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