रिश्ते की डोर भाजपा को ले जाएगी सत्ता की ओर

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ढाई करोड़ से अधिक महिला मतदाता बनेंगी गेम चेंजर

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार हर वर्ग को साधने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। खास तौर पर सरकार का फोकस महिला पर है। चुनाव आयोग के अनुसार प्रदेश में दो करोड़ 60 लाख से अधिक महिला मतदाता है। महिला मतदाताओं की यह संख्या किसी भी चुनाव को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। यही कारण है कि शिवराज सरकार इस बार महिला मतदाताओं पर खासा फोकस कर रही है। लाड़ली बहना योजना को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इसके अलावा शिवराज सरकार महिलाओं के बीच अपना जनाधार को बढ़ाने के लिए पूर्व से कई योजनाएं चला रही है। जिनके कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का महिलाओं से भांजी और बहना का रिश्ता बन गया है। पार्टी इस चुनाव में इस रिश्ते को भुनाने में जुट गई है।  गौरतलब है कि महिलाओं के बीच कन्यादान, जननी योजना, महिला मजदूरों को प्रसव पर आर्थिक सहायता, छात्राओं को मुफ्त साइकिल और स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति, मेधावी छात्र योजना, बुजुर्ग महिलाओं को तीर्थदर्शन योजना आदि लोकप्रिय हैं। इनके चलते शिवराज सिंह को महिलाओं ने मामा के रूप में पहचान दी।
मिशन-2023 को लेकर भाजपा की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में चुनाव की कमान संभाली हुई है। पार्टी ने इस बार क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को आगे करने का मन बनाया है इसलिए सामूहिक जिम्मेदारी में नेताओं की लोकप्रियता का भी परीक्षण करवाया है। इसमें भी पार्टी को महिलाओं से ही बेहतर मदद मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर सर्वे करवाकर यह जानने की कोशिश की है कि आम जनता के बीच भाजपा सरकार और खासतौर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि कैसी है। इसकी रिपोर्ट में महिलाओं के बीच सरकार की अधिक लोकप्रियता की बात सामने आने से भाजपा खुश है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि प्रदेश की लाड़ली बहना और अन्य महिला केंद्रित योजनाओं के कारण ही शिवराज की लोकप्रियता का ग्राफ ऊंचा है।
महिलाओं से अधिक आशा
प्रदेश में पांचवीं बार सरकार बनाने के प्रयास में जुटी भाजपा को आसन्न विधानसभा चुनाव में महिलाओं से अधिक आशाएं हैं। पार्टी की एक अध्ययन रिपोर्ट में पता चला है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं और युवतियों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। एक करोड़ 25 लाख वाले लाड़ली बहनों के नए परिवार ने शिवराज की छवि को और निखारा है। इससे उत्साहित पार्टी की तैयारी है कि वह शिवराज सिंह के ‘मामा-भांजी और बहना’ के रिश्ते को इस चुनाव में भुनाएगी। भांजियों को इसलिए शामिल किया गया क्योंकि लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ उठा चुकीं हजारों युवतियां इस बार मतदान करेंगी। इस रिपोर्ट को आधार मानकर पार्टी महिलाओं के अधिकतम वोट पाने की रणनीति बना रही है। पार्टी ने हाल में शिवराज सरकार की लोकप्रियता को लेकर एक सर्वे करवाया, जिसमें पता चला कि शिवराज सरकार की लोकप्रियता पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है, वह भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में सर्वाधिक। भाजपा की सरकार के महिलाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय होने की मुख्य वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरल-सहज छवि है। खासतौर से उनके द्वारा महिलाओं से भाई यानी उनके बच्चों के मामा का जो रिश्ता बनाया है, उसने ग्रामीण महिलाओं में मुख्यमंत्री की छवि की अमिट छाप बनाई है। लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के साथ शिवराज सिंह की छवि बनाने में राज्य सरकार की महिलाओं के लिए बनाई गई अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी अहम रोल है। भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री ने सामाजिक, राजनीतिक ही नहीं पारिवारिक रिश्ते भी बनाए हैं। ये रिश्ते संवेदना और भरोसे के साथ बने हैं। यह भरोसा भाई-बहन, मामा-भांजे,भांजी के रूप में अलग- अलग प्रकार से प्रकट भी होता है। उन्होंने मध्य प्रदेश को परिवार के रूप में माना है।
इन योजनाओं का दिखेगा प्रभाव
प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी करवाने के लिए शिवराज सरकार मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चला रही है। योजना के तहत सरकार जरूरतमंद बेटियों की शादी का खर्च शिवराज सराकर उठाती है। इस योजना के तहत शिवराज सरकार बेटियों का विवाह करवाती है। साथ ही उन्हे आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है। विधवा महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और जीवन निर्वाह के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत विवाह करने वाली विधवा महिलाओं को सरकार दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। महिला सशक्तिकरण योजना के तहत विपत्तिग्रस्त पीड़ित अथवा कठिन परिस्थितियों में निवास कर रही महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि वे रोजगार प्राप्त कर सके। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को प्रशिक्षण शुल्क, आवासीय व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाती है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं (जन्म से 1 वर्ष तक के लिए) नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क औषधि, सामग्री, परिवहन, भोजन और जांच की सुविधा दी जाती है। जननी सुरक्षा योजना के तहत शासकीय और निजी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण गर्भवती महिला को 1400 रुपये और शहरी गर्भवती महिला को 1 हजार रुपये दिए जाते हैं। महिला के साथ आने वाले अटेंडर को भी ग्रामीण क्षेत्र में 350 रुपये और शहरी क्षेत्र में 200 रुपये दिए जाते हैं। वहीं परिवहन के लिए 250 रुपये दिये जाते हैं। मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन योजना के तहत प्रदेश में रहने वाली 50 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और जीवन निर्वाह के लिए प्रतिमाह 600 रुपये की पेंशन दी जाती है। इसके अलावा युवतियों के लिए भी शिवराज सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। जिसमें हाल में लागू की गई स्कूटी योजना भी शामिल है।

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