पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं फरार गुंडे, प्रशासन को दे रहे हैं चुनौती

पुलिस
  • नहीं दिखती असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्ती

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भी खासतौर पर भोपाल में पुलिस कमिश्रर प्रणाली लागू होने के बाद भी बदमाशों पर पुलिस का  कोई खौफ नहीं दिखाई देता है। हालात यह हैं कि  शहर के तमाम बदमाश पुलिस को भी समय -समय पर चुनौती देने में भी पीछे नही रहते हैं। इसकी वजह है, पुलिस द्वारा बदमाशों के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करना।
शहर के नसीम बन्ने, जुबेर मौलाना, सलमान, राजा उर्फ शाहिद, पप्पू चटका, साजिल जैसे अनेक अपराधी इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर सक्रिय हैं। उनके लटके-झटके, रंगबाजी, गन फायरिंग, स्टाइल देखकर किसी छोटे-मोटे म्यूजिक एल्बम के हीरो, मॉडल या फिर जूनियर आर्टिस्ट होने का धोखा कोई भी खा सकता है। लेकिन, कभी शॉट गन, कभी पिस्टल, कभी गोलियों के जखीरे और कभी हाई एंड कारों के साथ फेसबुक से लेकर यू-ट्यूब जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर छाए रहने वाले ये नौजवान ना तो किसी अल्बम के हीरो हैं, ना मॉडल और ना ही कोई जूनियर आर्टिस्ट, बल्किं ये तो बात-बात पर खून बहाने वाले भोपाल के गैंगस्टर, गुंडे-बदमाश हैं। वह सोशल मीडिया पर अपने इसी फिल्मी अंदाज, डॉयलाग से पुलिस, आम लोगों को धमका रहे हैं। वाट्सएप हो, ट्विटर हो, फेसबुक हो या फिर इंस्टाग्राम या यूट्यूब हर जगह इन बड़े-बड़े गुंडों के गुर्गे और वह खुद अपने अपराध के किस्से सुनाते दिखाई दे रहे हैं और बताया जा रहा है कि वह कितने खतरनाक हैं।
दुस्साहस का अंदाज
नसीम बन्ने खां: 3 दिसंबर को बुधवारा में टेंट व्यापारी नवाज रियाज को मारने के लिए बदमाश आमिर उर्फ बर्फ से 5 लाख की सुपारी लेकर गुर्गों के साथ गोली मार दी। तब से फरार है। उसके बाद से सोशल मीडिया पर एक्टिव हुआ। पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मारने की धमकी का वीडियो वायरल किया। तीन पिस्टल के साथ दूसरा वीडियो वायरल कर डायलाग लिखा-मंजिल मौत… सफर के मजे लो। नसीम अपराधियों का गैंग आपरेट करता है। फेसबुक में 877 फालोअर्स हैं।
सलमान एमआईजी: अरेरा हिल्स थाना इलाके में 4 नवंबर को हुए गैंगवार के मास्टर माइंड पप्पू चटका के गुर्गे समीर के घर पर जेपी नगर में फायरिंग कर दी। अभी फरार है। वह वीडियो वायरल कर धमका रहा कि पप्पू चटका की गैंग के 50 लोगों ने मिलकर शाहिद को मारा है। हम चार लोग मिलकर पूरी गैंग को ठिकाने लगाएंगे। जेल में पहले भी मार चुके हैं। सलमान निगरानी बदमाश है। वाट्सऐप ग्रुप बना रखा है। उसमें ढाई सौ से अधिक मेंबर्स हैं।
साजिल: ऐशबाग इलाके का बदमाश। दो माह पहले बाइक में पीछे बैठकर वीआईपी रोड में पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग करते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया। उसकी पहचान हुई। पुलिस नहीं पकड़ पाई। इसके बाद बजरिया इलाके में अपराधिक गतिविधियों से वर्तमान में दूरी बनाकर रखे हिस्ट्रीशीटर लल्लू रईस के बेटे को धमकाया। पुलिस ने फिर भी उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।
गूगल में देख मेरी कुंडली
कुख्यात बदमाश ने वसूली के लिए हाल ही मैं बुधवारा इलाके में टेंट कारोबारी को धमकी दी थी। फोन पर जब सामने वाले ने पूछा कि आप कौन हैं, गैंगस्टर ने जवाब दिया- गूगल करके देख लो, मेरे बारे में सब पता चल जाएगा। इस तरह से बदमाश सोशल मीडिया समेत अन्य इंटरनेट सर्च आपरेटिंग सिस्टम का सहारा लेते हैं।
इनकी शोहबत में भटक रहे युवा
सोशल मीडिया के जरिए शहर के युवा बदमाश की सोहबत में आते हैं। वह इन्हीं का देखा-देखी भौकाल बनाने में जुट जाते हैं। कई युवा सोशल मीडिया में बदमाशों का भौकाल देखकर हथियारों के साथ फोटो अपलोड कर रहे हैं। कई क्राइम तक कर बैठे हैं।
नहीं पकड़ पाती पुलिस
सोशल मीडिया में एक्टिव अधिकतर बदमाशों अपराध करने के बाद पुलिस से बचने के लिए भूमिगत हो जाते हैं। वह प्रदेश के नेताओं के साथ अपने फोटो सोशल मीडिया में वायरल करते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया में धमकी भरे डॉयलाग भेजते हैं। हालांकि, फरारी के दौरान वे सोशल मीडिया को हैंडल करने के लिए दूसरों को रखे होते हैं। इससे पुलिस को इनकी एक्जेक्ट लोकेशन नहीं मिल पाती।
फॉलो-लाइक कर रहे युवा
इन बदमाशों के सोशल मीडिया में फालोअर्स की अधिकतम संख्या युवाओं की है। वह इन्हें फॉलो-लाइक भी करते हैं। हालांकि यह एक तरह का अपराध भी है। पुलिस ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी कर सकती है।

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