शुक्रिया जनता जनार्दन, अब अफसर संक्रमण की संभावना वाले क्षेत्रों में उतरे

शिव सरकार

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। एक ही दिन में देश में वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड बनाने वाली शिव सरकार का अब पूरा फोकस संक्रमण की संभावना वाले इलाकों में पर  है। यही वजह है कि उनके द्वारा वैक्सीनेशन की सफलता के बाद जहां आम जनता का आभार व्यक्त किया गया है तो वहीं अफसरों की पीठ थपथपाते हुए उन्हें कोरोना के लिए खतरनाक माने जाने वाले इलाकों में मैदानी स्तर पर उतर कर काम करने को कहा है। सरकार चाहती है कि हर हाल में जल्द से जल्द प्रदेश के 5 करोड़ 49 लाख लोगों को वैक्सीनेट कर दिया जाए, जिससे कि तीसरी लहर बेअसर साबित हो सके। वैक्सीनेशन की कमान खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संभाले हुए हैं।
यही वजह है कि अब उनके द्वारा एक बार फिर प्रदेश में एक से तीन जुलाई के बीच तीन दिवसीय वैक्सीनेशन का अभियान शुरू करने की तैयारी कराई जा रही है। खास बात यह है कि इस वैक्सीनेशन के अभियान में निकायों व पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अब अफसरों से कहा है कि वे संक्रमण की संभावना वाले इलाकों और सीमावर्ती जिलों पर विशेष फोकस करें। खास बात यह है कि मंत्रालय में हुई बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों के अलावा सभी विभागों के आला अफसर भी मौजूद थे। इस दौरान सीएम ने बताया कि सभी के सामूहिक प्रयासों की वजह से ही प्रदेश में अब वैक्सीनेशन को लेकर भ्रांति कम हुई है साथ ही विरोध भी समाप्त हो रहा है। गौरतलब है कि 21 जून को प्रदेश में चलाए गए एक दिवसीय अभियान में 16 लाख 95 हजार 592 लोगों को वैक्सीनेट किया गया है।
देश के रिकॉर्ड में मप्र की भागीदारी 20 फीसदी
खास बात यह है कि 21 जून को देशभर में चलाए गए वैक्सीनेशन के अभियान में देश ने टीकाकरण का नया रिकॉर्ड बनाया है। इसमें मप्र ने 20 फीसदी की सर्वाधिक भागीदारी निभाई है। मप्र ने दस लाख के वैक्सीनेशन का लक्ष्य तय किया था, लेकिन प्रदेश में करीब 130 फीसदी का लक्ष्य हासिल किया गया। वैक्सीनेशन के अभियान के दिन मप्र पहले स्थान पर रहा है, जबकि कर्नाटक दूसरे, उप्र तीसरे, गुजरात चौथे और बिहार पांचवें स्थान पर रहा।
इन जिलों ने दिखाया दम
दरअसल अभियान के दिन आदिवासी और पिछड़े बाहुल्य माने जाने वाले जिलों ने ऐसी दम दिखाई कि सभी आश्चर्यचकित रह गए। इन जिलों में ख्ांडवा, छिंदवाड़ा, राजगढ़ उज्जैन और अनूपपुर जैसे जिले शामिल हैं। इनमें से खंडवा में तो 212 और छिंदवाड़ा में 205 फीसदी तक वैक्सीनेशन हुआ है। जबकि अन्य वे जिले हैं, जिनमें 167 प्रतिशत से अधिक डोज लगाए गए हैं।
भोपाल संभाग में यह है स्थिति
इस मामले में भोपाल संभाग की बात करें तो इसके तहत आने वाले जिलों में वैक्सीनेशन की अगली रणनीति बना ली गई है। इसमें संभाागयुक्त कवीन्द्र कियावत के साथ कलेक्टरों  ने भी भाग लिया। इसमें तय किसा गया है कि सबसे पहले उन नगरीय निकायों व ग्रामीण इलाकों पर पूरा फोकस किया जाएगा, जहां  पर 70 फीसदी तक वैक्सीनेशन हो चुका है, जिससे कि उन इलाकों में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन किया जा सके। खास बात यह  है कि भोपाल जिले में एक दर्जन पंचायतें ऐसी है, जिनमें अब तक वैक्सीनेशन का आंकड़ा 80 फीसद तक पहुंच चुका है। इसी तरह से बैरसिया नगर पंचायत को शत प्रतिशत वैक्सीनेट करने का भी तय किया गया है।
अन्य जिलों में यह हैं हालात
राजगढ़ जिले में जिला मुख्यालय , नरसिंहगढ़ और सारंगपुर में वैसीनेशन जिले के अन्य इलाकों की अपेक्षा काम हुआ है। अन्य नगर पंचायतों में 4 से लेकर 5 हजार तक ही लोग वैक्सीनेशन के लिए रह गए हैं। इसी तरह से रायसेन जिले की गैरतगंज जनपद पंचायत को शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की श्रेणी में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के मंडीदीप में एक ही दिन में 10 हजार लोगों को टीका लगाया गया है। इसमें सीहोर जिले की स्थिति सबसे खराब पाई गई है। अब जिले आष्टा, बुधनी और कोठी नगर पंचायत में विशेष फोकस करना तय किया गया है।

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