- एनआईए द्वारा पेश किए गए चालान में कई सनसनीखेज खुलासे
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/ बिच्छू डॉट कॉम । आतंकवादी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश यानिक जेएमबी के पकड़े गए आंतकी अपना बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की तैयारी में लगे हुए थे। इसके अलावा उनका लक्ष्य भारत में शरीयत कानून को लागू करने के लिए एक बार फिर खलीफा का राज कायम करना भी था। इसके लिए उनके द्वारा बेहद गोपनीय तरीके से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार का काम भी किया जा रहा था।
यह खुलासा हुआ है पकड़े गए चारों आतंकियों से। यह जानकारी कोर्ट में पेश किए गए चालान में दी गई है। उसमें बताया गया है कि यह चारों आंतकी पहले मेलजोल बढ़ाने के लिए पहले सहज हाव-भाव से मिलते थे और उसके बाद उनसे दोस्ती करने के बाद तमाम किताबों और साहित्य के माध्यम से वे लोगों को ब्रेनवाश करने में जुट जाते थे। दरअसल उनका मकसद मप्र में सिमी का नेटवर्क ध्वस्त होने के बाद आतंकी जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश का नया नेटवर्क खड़ा करने का था। एनआईए ने यह चालान बिहार और मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किए गए छह आतंकियों के खिलाफ अदालत में पेश किया है। यह आतंकी भोपाल के ऐशबाग इलाके से गिरफ्तार किए गए थे। उसके बाद मामले की जांच एनआईए को दी गई थी। एनआईए को अब तक जिन आतंकियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं, उनके खिलाफ चालान पेश किया गया है। बताया गया है की आतंकियों के पास से बरामद साहित्य बेहद खतरनाक और चौकाने वाला है। उनके ब्रेनवाश का तरीका भी खलीफा की अवधारणा को अमलीजामा पहनाने वाला था। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार भी किया कि वे खलीफा को चाहते थे। इसके लिए देश और का कायम करना दुनिया में गोपनीय और दुनिया भर में इसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वे खलीफा राज को क्यों लागू करना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में आतंकियों का कहना है कि मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था हमारे लिए सही नहीं है। वे कहते हैं, हम लोग खलीफा को राजा (सम्राट) मानते हैं और उसे हर हाल में लागू करना चाहते हैं। दरअसल खलीफा का मतलब गवर्नर से है। वे देश में गवर्नर ला लागू करना चाहते हैं। वर्ष 1923 से पहले दुनिया में बहुत सारी जगह यह व्यवस्था लागू थी, तब गवर्नर सुप्रीमो होते थे। लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू होने के बावजूद बहुत सारे कट्टरपंथी संगठन अभी भी इसे लागू करना चाहते हैं। इसीलिए आतंकी इसके लिए अभियान छेड़े हुए थे।
इन छह आरोपियों के खिलाफ हुआ चालान पेश
एनआईए द्वारा जिन आधा दर्जन आंतकियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है ,उनमें बांग्लादेश के ग्राम राजनगर, जिला-चुआडांगा निवासी फजर अली उर्फ थुहिदुर रहमान उर्फ शरीफुल मंडल उर्फ महमूद पुत्र अशरफुल, ग्राम धोरार मुल्लाबारी, जिला-गोपालगंज बांग्लादेश निवासी वलीउल्लाह मिलन उर्फ जहूरुद्दीन पठान उर्फ इब्राहिम पुत्र अतीउर रहमान ,ग्राम चपीला जिला चांदपुर बंगर््लादेश निवासी जैनुल आबिदीन उर्फ अकरमुल हक पुत्र अब्दुर रहमान मोहम्मद के अलावा लालपुर, जिला कटिहार बिहार निवासी अकील अहमद शेख उर्फ अहमद पुत्र नूर अहमद शेख ,ग्राम परवासा, जिला विदिशा मध्यप्रदेश अब्दुल करीम पुत्र अब्दुल हलीम और ग्राम हैदरगढ़, जिला-विदिशा निवासी शेवन खान उर्फ शाहबन पुत्र शाकिर खान शामिल हैं।
डेढ़ साल से थे भोपाल में
यह आंतकी भोपाल में करीब डेढ़ साल से डेरा जमाए हुए थे। वे धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए ही कुछ देर के लिए बाहर निकलते थे। इसी दौरान वे अपनी जरुरत का सामान भी खरीद लाते थे। यह आतंकी जिला- चांदपुर बांग्लादेश के रहने वाले बाताए जा रहे हैं। उनका मकसद संगठन में लोगों की भर्ती करना था। इसके लिए उन्हें कुछ युवतियों की भी तलाश थी। इसके लिए वे सिमी के नेटवर्क का उपयोग करना चाहता था, लेकिन उसका फोकस नए लोगों को जोड़ने में था। यानी आतंकियों की रुचि युवाओं में ज्यादा थी। इसके लिए वे युवतियों पर भी दांव लगा रहे थे। नेटवर्क खड़ा करने के बाद उनका इरादा सिमी को साथ लेकर तेजी से आगे बढ़ने का था।
08/09/2022
0
218
Less than a minute
You can share this post!