राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया टीम वीडी ने

वीडी शर्मा

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा प्रदेश संगठन ने कोरोना महामारी के दौरान पीड़ितों की मदद के लिए टीम भावना के साथ काम करते हुए सेवा ही संगठन है को चरितार्थ कर दिखाया है। इस काम में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के भागीरथी प्रयासों में उनका कंधे से कंधा मिलाकर चले प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, शरदेंदु तिवारी, रणवीर सिंह रावत, हरिशंकर खटीक और कविता पाटीदार। इसी तरह भोपाल जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी और इंदौर जिलाध्यक्ष गौरव रणदिवे भी बिना प्रचार-प्रसार किए दिन-रात कोरोना मरीजों के परिजनों के साथ संपर्क में रहकर मदद पहुंचाने में लगे रहे। दरअसल प्रदेश में कोरोना की भयावहता और संक्रमण से बने संकट के हालात से निपटने के लिए वीडी शर्मा द्वारा बाकायदा कॉल सेंटर बनाया गया। इसमें जिस भी जिले से मरीज के परिजनों के मदद के लिए फोन आते, तुरंत ही उस जिले की टीम को सक्रिय करके मरीज तक मदद पहुंचाने का काम किया गया। प्रदेश स्तर पर कॉल सेंटर की पूरी मॉनिटरिंग देख रहे भगवानदास सबनानी के मुताबिक सबसे अधिक कॉल आईसीयू, ऑक्सीजन, बेड, प्लाज्मा और रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए आए हैं। जिन पर जिले की टीमों ने त्वरित एक्शन लेकर सराहनीय काम किया है। सबनानी बताते हैं कि कॉल सेंटर में इतने फोन आते थे कि दो-तीन घंटे ही सो पाते थे और सुबह पांच बजे से फोन बजना शुरू हो जाते थे। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहता था और यही हाल पूरी टीम के साथ था। हालांकि अब थोड़ा सुकून है। पिछले सप्ताह से कॉलसेंटर पर आने वाले फोन कॉल्स की संख्या कम हो गई है। फिलहाल अस्पताल में भर्ती होने और ऑक्सीजन के लिए अब मदद नहीं मांग रहा है। अब जो फोन कॉल्स आ रहे हैं वे रेमडेसिवीर इंजेक्शन और आईसीयू बेड के लिए ही आ रहे है।
समन्वय के साथ सक्रिय रहीं टीमें
वीडी शर्मा के निर्देश पर कोरोना मरीजों की मदद के लिए अभियान के तौर पर प्रदेश स्तर के साथ ही संभाग और जिला स्तर पर भी टीमें बनाई गई है। यह टीमें समन्वय के साथ दिन रात सक्रिय रहीं। टोल फ्री नंबर पर प्रदेशभर से आने वाले फोन के आधार पर संबंधित जिले की टीम को तत्काल संदेश भेजा जाता है। वही कोविड-19 के लिए जिलों के प्रभारी मंत्रियों को भी तत्काल सूचना दी गई। टोल फ्री नंबर के अलावा सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया गया। वाट्सएप और चेट बोट नंबर भी दिए गए हैं। जिन पर लोग संपर्क कर रहे हैं। यह टीम मरीज और उसके परिजन से संपर्क कर हर संभव मदद पहुंचाने का काम करती है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब लोगों ने दूसरी बार भी फोन किया कि उनको अभी तक मदद नहीं मिल पाई है। ऐसी सूचना मिलने पर संबंधित जिले की टीम को फटकार भी लगाई गई और तत्काल मरीज को सहायता पहुंचाई गई। इस बीच कई अप्रिय घटनाएं भी सामने आई। जब तक मरीज को अस्पताल पहुंचाया, भर्ती करा दिया, रेमडेसिवीर  इंजेक्शन लगना शुरू हो गए लेकिन उपचार के दौरान ही मरीज की मौत हो गई। ऐसी घटनाओं से कार्यकर्ताओं में भी मायूसी देखी गई।
टोल फ्री नम्बर पर ऐसे भी आए फोन
प्रदेश भाजपा के टोल फ्री नम्बर पर लोगों ने आभार के लिए भी फोन किया। सबनानी बताते हैं कि जब मदद मिलने के बाद लोग धन्यवाद देने के लिए फोन लगाते तो मनोबल बढ़ जाता था। वहीं ऐसे फोन भी आए कि  मदद की अब जरूरत नहीं रही, संबंधित मरीज दुनिया में नहीं रहा। ऐसे कॉल से मन दुखी हो जाता था। भगवान का शुक्रिया है कि अब लोगों को अस्पताल में अपने आप ही जगह मिल रही है। ऑक्सीजन की सप्लाई भी पर्याप्त है। अब तो लोग केवल आईसीयू, बेड के लिए ही मदद मांग रहे हैं। अस्पतालों तक इंजेक्शन की सप्लाई के लिए सरकार ने व्यवस्था बनाई है। हालांकि फिर भी लोग इंजेक्शन के लिए कॉल कर रहे हैं और उनको माफ मदद पहुंचाई जा रही है। कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से लोगों की मदद और सेवा में जुटे हैं।
पीड़ितों की मदद के लिए वीडी का सूत्र
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने सेवा ही संगठन है का सूत्र देते हुए हर जिले में कार्यकर्ताओं को कोरोना संकट में जनता की मदद में जुटने को कहा था। साथ ही इलाज के लिए भटक रहे परिजनों को मदद देने के लिए बीस अप्रैल को प्रदेश भाजपा में एक कॉल सेंटर स्थापित कर टोल फ्री नंबर 18001216557 जारी किया था। साथ ही इस अभियान का प्रभारी वीडी शर्मा ने अपने प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी को बनाते हुए कॉल सेंटर की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी है। इस अभियान में उनके सभी महामंत्री, जिलाध्यक्ष और कार्यकर्ताओं की टीम सेवा में जुटी है। भाजपा कॉल सेंटर से अब तक करीब तीस हजार से ज्यादा मरीजों को मदद पहुंचाई गई।
प्रचार-प्रसार से दूर गौरव रणदिवे
इंदौर भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव रणदिवे प्रचार-प्रसार से दूर रहकर कोरोना के इस संकट के समय में परेशान और पीड़ितों को मदद करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। अस्पताल में भर्ती से लेकर आॅक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भटक रहे लोगों को वे बिना प्रचार प्रसार किए तत्काल मदद पहुंचा रहे हैं।

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