भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। देश-प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में शिक्षक ऐसे कर्मचारी होते हैं ,जिन पर सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का सबसे अधिक भार होता है। इस समय मप्र के शिक्षक एक बार फिर इस भार से दबे हुए हैं। एक तरफ उन्हें चुनावी ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उन्हें परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन भी करना पड़ रहा है। इसके लिए दो आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे में वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि करें तो क्या करें? शासन के अलग-अलग दो आदेशों ने शिक्षकों की नींद उड़ा रखी है। गौरतलब है की प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न होने के बाद शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के काम में लगाया गया है। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की कोशिश है की जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाए ताकि लोकसभा चुनाव की गहमागहमी से बचा जा सके। लोक शिक्षण संचालनालय ने भी 9वीं-11वी का मूल्यांकन 28 मार्च तक पूरा करने का टारगेट शिक्षकों को दिया था। रिजल्ट तय करने का लक्ष्य एक अप्रैल तक रखा गया है। इस कारण भी दसवीं-बारहवी के मूल्यांकन में शिक्षकों की भारी कमी हो गई है। वहीं, पांचवी आठवीं के मूल्यांकन में प्रायवेट स्कूल के शिक्षकों के मूल्यांकन के मना करने से अंग्रेजी माध्यम की कॉपियां ही चैक नहीं हो पाई है। खास बात है कि विभाग के पास अंग्रेजी माध्यम के इतने शिक्षक नहीं है कि वह पांचवी-आठवीं की कापियां जांच सके। जबकि पिछली सालों में विभाग ने अंग्रेजी विषय के प्रशिक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक डाले हैं।
सीएस और कलेक्टर के आदेश में उलझे
शिक्षकों पर कॉपियां जांचने और चुनावी ड्यूटी करने का दबाव है। दरअसल,प्रदेश की चीफ सेक्रेटरी व माशिमं अध्यक्ष वीरा राणा ने दसवीं-बारहवीं के मूल्यांकन में लगे मूल्यांकनकर्ताओं की ड्यूटी चुनाव कार्य नहीं लगाने के आदेश निकाले हैं, जबकि जिला स्तर पर कलेक्टरों द्वारा मूल्यांकन में लगे शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। चुनाव ड्यूटी में नहीं पहुंचने पर शिक्षकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब शिक्षक समझ नहीं पा रहे है कि क्या करे? गौरतलब है कि मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं परीक्षा का मूल्यांकन कार्य चल रहा है। मूल्यांकन कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है। लेकिन मूल्यांकन के आखिरी समय में शिक्षक बड़े ही परेशान हैं। दरअसल मूल्यांकन को लेकर माशिमं सचिव केडी त्रिपाठी ने बीती 11 मार्च को सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा कि माशिमं की परीक्षा में लगभग 19 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। जिनकी 1 करोड़ 25 लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य जिला स्तर पर मूल्यांकन केंद्रों पर 22 फरवरी से शुरू हो चुका है। परीक्षा व मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए, ताकि समय पर मूल्यांकन कार्य संपन्न हो सके और समय पर परीक्षा का रिजल्ट जारी हो जाए। इस पत्र के बाद भी परीक्षा कार्य में लगे शिक्षकों का चुनाव ड्यूटी में लगाना जारी रहा। इसे देखते हुए एक सप्ताह बाद ही 18 मार्च को मप्र की चीफ सेक्रेटरी व माशिमं अध्यक्ष वीरा राणा ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा कि परीक्षा व मूल्यांकन में लगे शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। जिससे समय पर रिजल्ट घोषित किया जा सके।
29/03/2024
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