- 9 साल बाद भी एरिया एजुकेशन ऑफिसर पद पर नियुक्ति नहीं
- विसंगतियों के चलते परीक्षा होने के बाद भी उलझकर रह गया है मामला…
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग को मजबूती देने के लिए करीब 9 साल पहले राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया था। लेकिन आज तक राज्य शिक्षा सेवा के तहत एरिया एजुकेशन ऑफिसर (एईओ) के पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि यही सबसे नीचे का पद था। जिसके लिए राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया था। एईओ की पदों पर भर्ती के लिए अब शिक्षक संगठन लामबंद होने लगे है। जानकारी के अनुसार राज्य शिक्षा सेवा में सबसे पहले उसके निचले पद एईओ के पद पर भर्ती होना थी। लेकिन इसी पद को लेकर छोड़कर विभाग अधिकारियों ने लगभग सभी उच्च पदों पर कब्जा कर लिया। सरकार ने एरिया एजुकेशन आफिसर के 2973 पदों पर भर्ती के लिए 8 सितंबर 13 को भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा सहित अन्य जिलों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराई गई थी। परीक्षा में प्रदेश भर से करीब 23 हजार शिक्षक शामिल हुए थे। लेकिन परीक्षा विभाग द्वारा एईओ की परीक्षा लेकर बनाए नियम में इतनी विसंगति थी कि मामला सुलझने के बजाय उलझता गया। बाद में विभाग ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
डीईओ व डीपीसी कार्यालय नहीं हो सके मर्ज
राज्य शिक्षा सेवा के गठन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय (डीपीसी) को समाप्त कर उसे जिला शिक्षा कार्यालय (डीईओ) में सम्मिलित किया जा रहा है। इससे पहली से बारहवीं तक की पूरी व्यवस्था अब जिला शिक्षा अधिकारी संभालेंगे। नई व्यवस्था में डीईओ का सहायक संचालकों, ब्लॉक स्तर के एरिया एजूकेशन आफिसर सहित सभी पर नियंत्रण हो जाएगा और सारी शिक्षा व्यवस्था के लिए एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। डीईओ व डीपीसी कार्यालय को मर्ज करने के लिए शासन स्तर पर आदेश भी जारी हो गए थे। लेकिन आदेश को अगले ही दिन निरस्त कर दिया गया। राज्य शिक्षा सेवा के गठन में बीईओ को पावरफुल बनाया गया है। अभी तक बीईओ को विभिन्न स्कूलों के संचालक व सरकारी स्कूलों का स्टाफ ज्यादा महत्व नहीं देता। इस कारण किसी भी ब्लॉक का बीईओ अभी सीधे कार्रवाई करने में हिचकता था। शिक्षा सेवा के गठन में ब्लाक एजूकेशन आफीसर (बीईओ) के पद को उन्नत कर एरिया एजूकेशन आफीसर (एईओ) नाम दिया गया है। यह एईओ संबंधित ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई सहित सभी गतिविधियों पर नजर रखेगा।
हर एईओ के अधीन कुछ स्टाफ भी काम करेगा। शिक्षा सेवा के गठन में हर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अब एक की जगह दो सहायक संचालक स्तर के अधिकारी पदस्थ किए जाएंगे। इनमें से एक प्रारंभिक शिक्षा यानी कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों का काम देखेगा। इसी तरह दूसरा सहायक संचालक माध्यमिक अर्थात् कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों पर नजर रखेगा। लेकिन विभाग इसी पद पर भर्ती नहीं कर पा रहा है। राज्य शिक्षा सेवा में कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों का काम देखने वाले जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) का पद समाप्त हो जाएगा। संबंधित जिले के डीपीसी के पद को उन्नत कर सहायक संचालक के रूप में डीईओ में ही बैठा दिया जाएगा।