प्रदेश में ‘शिक्षकों’ को नहीं मिल रहा पसंद का स्कूल

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  • नियम विरुद्ध तरीके से हो रही सीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना …

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में सीएम राइज योजना के तहत पहले चरण के स्कूलों के लिए शिक्षकों के चयन की सूची जारी की है। लेकिन पदस्थापना में नियमों का पालन नहीं किया गया है। परीक्षा से पहले कहा गया था कि चयनित होने वाले शिक्षकों को मेरिट के आधार पर उन स्कूलों में पदस्थापना मिलेगी, जो उन्होंने चुने हैं। अब उसका ठीक उल्टा हो रहा है।  ज्यादा नंबर लाने वाले शिक्षकों को उनकी पसंद वाले स्कूलों की जगह दूर-दराज के गांव में पहुंचा दिया। वहीं कम नंबर वाले शिक्षकों को मॉडल स्कूलों जैसी अहम संस्थाओं में पदस्थापना दे दी गई। इसका विरोध शुरू हो गया है। मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष सक्सेना का कहना है कि सीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना नियम विरुद्ध तरीके से हो रही है। शिक्षकों की कार्य मुक्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। विभाग ऐसा नहीं करता है, तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि शिक्षकों के चयन की कवायद पिछले साल से चल रही थी। इन स्कूलों के लिए तय मापदंड के तहत शिक्षकों की परीक्षा ली गई थी। परीक्षा के नतीजों के आधार पर शिक्षकों का चयन किया गया है। शिक्षकों को आवेदन भरते समय स्कूलों की च्वाइस फिलिंग करने को कहा गया था। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्कूलों का चयन करना था। मेरिट के आधार पर उन्हें इन स्कूलों में पदस्थापना मिलना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कटनी जिले की उच्च माध्यमिक शिक्षक मनीषा दीक्षित का बायोलॉजी की मेरिट में पहला स्थान था। पदस्थापना के लिए शासकीय मॉडल स्कूल कटनी में अपनी सहमति दी। मेरिट के आधार पर पदस्थापना में सबसे पहले नंबर पर थी, लेकिन उनका पदांकन कटनी से 70 किमी दूर शासकीय उमावि कारीतलाई में कर जबरदस्ती कार्य मुक्त कर दिया। वहीं गुना जिले के टॉप 10 में आने वाले एक शिक्षक ने च्वाइस फिलिंग में गुना का मॉडल स्कूल चुना था। उनकी पदस्थापना प्राथमिकता के आधार पर वहीं होना थी, लेकिन पदांकन के जारी आदेश में उन्हें ऐसे स्कूल में भेज दिया, जो उन्होंने चुना ही नहीं था।
मुख्यमंत्री का लिखा पत्र
लोक शिक्षण की पात्रता शिक्षक भर्ती परीक्षा में शिक्षकों की भर्ती की अनियमितताओं के बाद अब सीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना को लेकर विसंगति सामने आने लगी है। इन विसंगतियों के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की है। स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन दिन पहले सीएम राइज स्कीम के तहत पहले चरण के स्कूलों के लिए शिक्षकों के चयन की सूची जारी की है। विभाग के जारी आदेशों में शिक्षकों की स्कूलों में पोस्टिंग का जिक्र किया गया है। परीक्षा से पहले कहा गया था कि चयनित होने वाले शिक्षकों को मेरिट के आधार पर उन स्कूलों में पोस्टिंग मिलेगी, जो उन्होंने चुने हैं। अब उसका ठीक उल्टा हो रहा है। ज्यादा नंबर लाने वाले शिक्षकों को उनकी च्वाइस वाले स्कूलों की जगह दूर-दराज के गांव में पहुंचा दिया। वहीं कम नंबर वाले शिक्षकों को मॉडल स्कूलों जैसी अहम संस्थाओं में पोस्टिंग दे दी गई।
पदस्थापना में कई अनियमितता
शिक्षकों की पदस्थापना में कई गड़बडिय़ां की गई हैं। सीएम राइज स्कूलों में उन शिक्षकों की नियुक्ति ही होना थी, जिन्होंने इसके लिए परीक्षा दी थी। बावजूद कई स्कूलों में ऐसे शिक्षक पदस्थ कर दिए गए, जिन्होंने यह परीक्षा ही नहीं दी थी। सीएम राइज स्कूलों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर पद भरे जाना थे। प्रशासनिक तबादले करके पद भर दिए गए। जबकि आवेदन के समय इस तरह की कोई बात ही नहीं थी। मप्र शासकीय अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे का कहना है कि कटनी, सतना, छतरपुर, गुना सहित प्रदेश के अनेक जिलों से व्याख्याता एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की सीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना के नाम पर अनियमितता की गई है। विभाग के खिलाफ जल्द आंदोलन शुरू होगा।

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