गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। 83 दिन तक लगी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद अब सरकार एक्शन में आएगी। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में की गई घोषणाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अब सरकार के काम में कसावट के लिए प्रशासनिक सर्जरी करेंगे। इसके लिए अफसरों की प्रशासनिक जमावट का काम जल्द शुरू होने वाला है। जिसमें कुछ कलेक्टरों के साथ विभागाध्यक्ष कार्यालयों और मंत्रालय में पदस्थ अफसरों के विभाग बदले जा सकते हैं। इस बदलाव में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की गाज एसीएस मोहम्मद सुलेमान पर गिरनी तय है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान पिछले चार साल से इसी विभाग में पदस्थ हैं। उनके कार्यकाल में ही नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर कराई गई जांच में हुए घोटाले के बाद सरकार की किरकिरी हुई है। अभी विभाग के अधिकारी सीएम सचिवालय को खुलकर पूरी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। अब सीएम मोहन यादव इस घोटाले को लेकर सख्त हैं, और इससे जुड़े अफसरों पर कार्यवाही के निर्देश दे चुके हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि सुलेमान की अब स्वास्थ्य विभाग से विदाई हो सकती है, ताकि इस घोटाले के बाकी सच भी सामने लाए जा सकें। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अफसरों में से कुछ के अतिरिक्त प्रभार वाले विभाग दूसरे अफसरों को सौंपे जा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ विभागों में सीनियर मंत्रियों की पसंद वाले अधिकारियों की भी पोस्टिंग की जा सकती है।
प्रभार का भार होगा कम
इस समय कई अधिकारी ऐसे में जिनके पास कई विभागों का प्रभार है। सरकार उन अफसरों के प्रभार के भार को कम करेगी। प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के पास पीएस जीएडी के साथ पीएस समन्वय मुख्य सचिव कार्यालय तथा प्रमुख सचिव जेल का प्रभार भी है। इनसे कोई एक विभाग वापस लिया जा सकता है। इसी तरह प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला को महिला और बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव के साथ योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। इनसे एक विभाग लेकर नए अधिकारी को दिया जा सकता है। आईजी पंजीयन और अधीक्षक मुद्रांक एम सेलवेंद्रन के पास आयुक्त सह संचालक किसान कल्याण और कृषि विकास का अतिरिक्त प्रभार है। सेलवेंद्रन को इनमें से एक पद की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। उधर, प्रबंध संचालक मत्स्य महासंघ राकेश सिंह 31 मई को रिटायर हो चुके हैं। इस पद पर नए अफसर की पोस्टिंग किया जाना है। मुख्यमंत्री के सचिव भरत यादव के पास आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास का अतिरिक्त प्रभार है। सीएम आयुक्त नगरीय प्रशासन का प्रभार किसी अन्य अधिकारी को दे सकते हैं। साथ ही अविनाश लवानिया अपर सचिव मुख्यमंत्री के पास प्रमुख सचिव सडक़ विकास निगम का अतिरिक्त प्रभार है। इनसे अतिरिक्त प्रभार का काम लेकर किसी दूसरे अफसर को दियश जा सकता है। चंद्रशेखर वालिम्बे लंबे समय से राजस्व विभाग में पदस्थ हैं। फरवरी में उनकी पोस्टिंग अपर सचिव मुख्यमंत्री के रूप में की गई है। उनके पास भी दो विभागों का एडिशनल चार्ज है, जो वापस लिया जा सकता है। इनके अलावा सीएम सचिवालय में अदिति गर्ग को मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव बनाया गया है। उनके पास संचालक स्वास्थ्य सेवाएं का अतिरिक्त प्रभार । अंशुल गुप्ता उप सचिव सीएम के साथ एमडी राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम और ईडी राज्य लोक सेवा अभिकरण व मिशन संचालक समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन का काम संभाल रहे हैं। इनका भार भी कम किया जा सकता है।
इनके काम भी बदलेंगे
इन अफसरों के अलावा कई अन्य अधिकारी हैं जो दो या उससे अधिक विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इनमें आयुक्त वाणिज्यिक कर इंदौर स्वतंंत्र कुमार सिंह के पास आयुक्त श्रम विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी है। ऐसे में उनसे एक विभाग वापस लिया जा सकता है। चंद्रमौलि शुक्ला के पास एमडी एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के अलावा एमडी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन तथ आयुक्त हाउसिंग बोर्ड का भी चार्ज है। उनके पास सचिव विमानन का जिम्मा भी उनके पास है। इसी तरह से वंदना वैद्य के पास भी कई जिम्मेदारियां हैं। इनसे कुछ जिम्मेदारी लेकर दूसरे अफसरों को सौंपी जा सकती है। प्रमुख राजस्व आयुक्त की जिम्मेदारी शासन ने अनुभा श्रीवास्तव को सौंप रखी है। इसके अलावा उन्हें आयुक्त भू अभिलेख और बंदोबस्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह पद इसके पहले किसी अन्य अधिकारी को सौंपा जाता रहा है। इसलिए श्रीवास्तव के काम में भी फेरबदल हो सकता है।
जिलों तक में बदलेंगे जाएंगे अफसर…
बताया जाता है कि इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता के पहले किए गए ताबड़तोड़ तबादलों के दौरान जिन अधिकारियों को एक से अधिक काम सौंपा है, और जो बिना काम या कमजोर विभागों में पदस्थ हैं, उनके काम भी बदले जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार, सरकार की प्राथमिकता वाले विभागों में शामिल नगरीय विकास और आवास, पंचायत और ग्रामीण विकास, वित्त और वाणिज्यिक कर, उच्च और स्कूल शिक्षा, गृह और परिवहन, वन और जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास विभाग तथा खनिज साधन समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों में सीएम यादव की गुडविल वाले अफसरों की पदस्थापना रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार की प्राथमिकता केंद्र सरकार की योजनाओं और निर्देशों पर तेजी से अमल के साथ प्रदेश के विकास के लिए फैसले करने को लेकर होगी। इसलिए मंत्रियों के काम में कसावट बनाए रखने के हिसाब से भी अफसरों की पोस्टिंग की जाएगी ताकि मंत्री गड़बड़ करें तो सरकार को सीधे समूचे घटनाक्रम और फाइल मूवमेंट की जानकारी मिलती रहे।