अपनी विरासत और सांस्कृतिक चेतना से परिचित होंगे छात्र

  • उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी कॉलेजों को दिया आदेश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। किताबी शिक्षा के साथ अब छात्रों को अपनी विरासत और सांस्कृति चेतना से परिचित कराया जाएगा। संस्कृति विभाग की पहल पर उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों और यूनिवर्सिटीज के रजिस्ट्रार्स को इस संबंध में आदेश दिया है कि जनभागीदारी समिति के मद से छात्रों को संग्रहालयों का भ्रमण कराया जाए। इस गतिविधि को जिम्मेदारी से हर साल पूरा करने के लिए प्रदेश के पांच तरह के 39 संग्रहालयों की सूची भी विभाग ने अपने आदेश के साथ कालेजों को भेजी है। सभी कालेज अपने वार्षिक कैलेंडर में इसे शैक्षणिक भ्रमण के तौर पर शामिल करेंगे और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से समन्वय कर हर साल छात्रों को संग्रहालय घुमाएंगे। असल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संस्कृति विभाग की समीक्षा के दौरान इस संबंध में निर्देश दिए थे। सीएम का कहना था कि अपनी विरासत और सांस्कृतिक चेतना से अवगत कराने के लिए कॉलेजों के स्टूडेंट्स को प्रदेश में स्थित पुरातत्व संग्रहालयों का भ्रमण कराया जाए। संस्कृति विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को दिया था।  जनभागीदारी समितियों के कंधे पर अब छात्रों को अपनी विरासत और सांस्कृतिक चेतना से परिचित कराने का खर्च भी उठाना पड़ेगा। इसके लिए समितियां छात्र-छात्राओं को 39 संग्रहालयों की सैर कराएंगी। संग्रहालय दिखाने के इस कार्य को सभी कॉलेजों को अपने सालाना शैक्षणिक कैलेंडर में प्रमुखता से शामिल करना होगा। कॉलेजों की जनभागीदारी समितियों के खाते में पहले से ही कई काम हैं। पिछले महीने ही विभाग ने भारतीय ज्ञान परंपरा की 88 किताबें खरीदने का आदेश दिया है। इन पर 11 हजार से अधिक का खर्च आ रहा है। इसके अलावा आउटसोर्स से गार्ड, कंप्यूटर ऑपरेटर्स, भृत्य, माली, कार्यालयीन कर्मचारी आदि के पारिश्रमिक के अलावा कॉलेजों में कंप्यूटर, टेबल-कुर्सी आदि का भार भी जनभागीदारी समितियां उठाती हैं।
ये संग्रहालय सूची में हैं शामिल
– राज्य स्तरीय संग्रहालय राज्य संग्रहालय भोपाल, केंद्रीय संग्रहालय इंदौर, त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय उज्जैन, रानी दुर्गावती जबलपुर, गुजरी महल ग्वालियर, महाराजा छत्रसाल संग्रहालय धुबेला छतरपुर एवं तुलसी संग्रहालय रामवन सतना।
– जिला संग्रहालय विदिशा, शहडोल, रीवा, मंडला, नर्मदापुरम, राजगढ़, धार, मंदसौर, ओरछा निवाड़ी, सागर, दमोह, देवास. कसरावद खरगौन व पन्ना।
– स्थानीय संग्रहालय: मांडू धार, देवास, पिछोर ग्वालियर, चंदेरी अशोकनगर, मोहेंद्रा पन्ना, आशापुरी रायसेन, महेश्वर खरगौन, कुंडलेश्वर टीकमगढ़।
– स्थल संग्रहालय ओंकारेश्वर खंडवा, गोलघर भोपाल, राजवाड़ा इंदौर, सलकनपुर सीहोर, हिंगलाजगढ़ मंदसौर।
– भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सांची, खजुराहो, चंदेरी, ग्वालियर, शिवपुरी।

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