राधारानी विवाद को लेकर कथावाचक सवालों के घेरे में

राधारानी विवाद
  • प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा को दी नसीहत, समाधान का बताया रास्ता…

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राधारानी विवाद को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज चर्चाओं में हैं। प्रेमानंद महाराज ने धर्म रक्षा संघ के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदीप छोटे भाई हैं। वे गलती मान लें, सारा विवाद यहीं खत्म हो जाएगा। धर्म रक्षा संघ का एक प्रतिनिधि मंडल हनुमान टेकरी के महंत अधिकारी दशरथ दास महाराज के नेतृत्व में ब्रज के रसिक संत प्रेमानंद महाराज से मिलने शुक्रवार सुबह श्रीराधा केली कुंज पहुंचा। प्रतिनिधि मंडल ने बरसाना में प्रदीप मिश्रा के खिलाफ रमेश बाबा की अध्यक्षता में महापंचायत के बारे में प्रेमानंद महाराज को विस्तृत जानकारी दी और उनसे मार्गदर्शन का अनुरोध किया।
    पहले कथा का रहस्य जानना चाहिए: संत प्रेमानंद ने कहा कि व्यास मंच पर बैठने से पहले किसी भी व्यक्ति को अपने गुरुजनों के चरणों में बैठकर कथा का रहस्य जानना चाहिए और संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। उसके बाद ही उसे किसी भी प्रसंग को सार्वजनिक रूप से बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिश्रा अपने को शास्त्र का ज्ञानी समझ रहे हैं।
    धर्म रक्षा संघ और हनुमान टेकरी के महंत भी नाराज
    धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि 3 दिन की समय सीमा पूरी होने के बाद भी मिश्रा अपने अहंकारी स्वभाव के कारण टस से मस नहीं हुए, मगर अब हमारे धर्म योद्धा, संत और ब्रजवासी शांत नहीं बैठेंगे। राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बदीश महाराज ने कहा कि आजकल मिश्रा की आत्मा में बकासुर प्रवेश कर गया है। अमर्यादित प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म रक्षा संघ की स्थापना विधर्मियों से लडऩे के लिए की गई थी और कितने कष्ट का विषय है कि आज हमें अपने सनातन धर्म के ही तथाकथित मूर्खों से लडऩा पड़ रहा है। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि आजकल प्रदीप मिश्रा की आत्मा में बकासुर प्रवेश कर गया है तभी वह इतना अमर्यादित और अनर्गल प्रलाप कर रहा है। हनुमान टेकरी के महंत अधिकारी दशरथ दास महाराज ने कहा की प्रदीप मिश्रा की राधारानी के प्रति की गई टिप्पणी से संत समाज और ब्रजवासी बहुत आहत हैं। प्रतिनिधि मंडल में महंत रामदास, महंत मोहन दास, महंत श्यामदास, महंत अखिलेश दास, महंत माधव दास, महंत रामकृपाल दास,श्रीदास प्रजापति, गोपाल शर्मा आदि उपस्थित थे।
    ये था पूरा विवाद
    पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि राधा जी बरसाने की नहीं हैं। वहां उनके पिता जी की कचहरी थी। वह साल में एक बार कचहरी आती थीं। उनके पति का नाम अनय घोष है। वह रावल गांव की रहने वाली थीं। साथ ही प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि वह भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी नहीं है। इसी वीडियो के सामने आने के बाद विवाद की शुरुआत हुई थी।

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