भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में शिवराज सरकार की प्राथमिकता में महिलाएं हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं कई क्षेत्रों में अपना लोहा भी मनवा रही हैं। लेकिन प्रदेश में महिला आईपीएस अधिकारियों की मैदानी स्थापना में सरकार कंजूसी दिखा रही है। आलम यह है कि प्रदेश में महिला आईपीएस अफसरों की भरमार है, लेकिन सरकार ने एसपी स्तर के अफसरों की मैदानी पदस्थापना के लिए 71 जगह होने के बाद सिर्फ चार महिला अफसरों को कमान सौंपी है।
गौरतलब है की प्रदेश में महिला आईपीएस अधिकारियों ने कई मौकों पर अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि महिलाओं के उत्थान और उनके हितैषी होने के तमाम सरकारी दावों के बावजूद जब बात महिला पुलिस अफसरों को सम्मान और मौका देने की बात आती है, तो सरकार का रुख बदल जाता है। महिला पुलिस अफसरों को मैदानी पदस्थापना देने के मामले में तो मध्यप्रदेश सरकार बेहद कंजूस है।
पीएचक्यू तक सीमित
प्रदेश में अगर महिला एसपी स्तर की आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना की बात की जाए तो आईजी और डीआईजी स्तर की एक भी महिला पुलिस अफसर को मैदानी पदस्थापना नहीं मिली है। वहीं भोपाल में डीसीपी जोन-2 के पद पर श्रद्धा तिवारी और एसपी देहात भोपाल के पद पर किरणलता केरकेट्टा की पदस्थापना है। विदिशा एसपी मोनिका शुक्ला और बैतूल एसपी शिमाला प्रसाद को भी मैदानी पदस्थापना मिली है। यानी वर्तमान में सिर्फ चार महिला पुलिस अफसरों को मैदानी पदस्थापना मिली है। डीआईजी स्तर की एक भी महिला अधिकारी को फील्ड में पदस्थ नहीं किया गया है, जबकि पीएचक्यू में कई महिला आईपीएस अफसर पदस्थ हैं। डीआईजी के 13 रेंज हैं और भोपाल-इंदौर में दो-दो पद एडीशनल पुलिस कमिश्नर के स्वीकृत हैं। आईजी स्तर की महिला पुलिस अफसर भी रेंज में पदस्थ नहीं हैं। प्रदेश में आईजी/एडीजी की पदस्थापना के लिए पुलिस के दस जोन हैं। डीआईजी, आईजी, एडीशनल पुलिस कमिश्नर और कमिश्नर को मिलाकर मैदानी पदस्थापना के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 29 होती है। इनमें एक भी महिला पुलिस अफसर की पदस्थापना वर्तमान में नही है।
71 पद लेकिन 4 महिलाएं ही पदस्थ
प्रदेश के जिलों में एसपी स्तर के अफसरों की मैदानी पदस्थापना के लिए कुल 71 पद हैं, लेकिन वर्तमान में पदस्थापना सिर्फ चार आईपीएस अफसरों की ही है। प्रदेश के भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने से दोनों जगहों पर एसपी स्तर के अफसरों यानी डीसीपी के आठ-आठ पद स्वीकृत हैं। उसके अलावा दोनों शहरों में एक-एक पद देहात एसपी के हैं। भोपाल और इंदौर को छोड़कर राज्य के 50 जिले बचते हैं। तीन पद जीआरपी एसपी के हैं। इस तरह से कुल मिलाकर 71 पद होते हैं। लेकिन इनमें से केवल 4 पदों पर ही महिला अफसर पदस्थ हैं।
17/03/2023
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