प्रदेश की नई विज्ञान और प्रौद्योगिकी पॉलिसी शीघ्र होगी घोषित

प्रौद्योगिकी पॉलिसी

– विज्ञान पर्यटन और साइंस सिटी के अलावा बनेंगे रीजनल साइंस सेंटर …

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिक नीति जल्द ही घोषित की जाएगी। विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देते हुए साइंस सिटी और संभाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर के निर्माण पर फोकस किया जाएगा। इसका निर्णय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की कार्य समिति की 61वीं बैठक में लिया गया।
बीते दिनों हुई कार्य समिति की बैठक में तय किया गया है कि विज्ञान के प्रसार में अग्रणी और प्राचीन उज्जैन नगर में देश के पहले साइंटिस्ट मेमोरियल की स्थापना की जाएगी।  यह प्रस्ताव युवा वैज्ञानिकों की एक प्रतियोगिता में आया। बैठक में बताया कि देश में साइंस मेमोरियल तो हैं लेकिन उज्जैन के तारामंडल में साइंटिस्ट मेमोरियल बनाने का पहला प्रकरण है। परिषद ने प्रस्ताव पर तत्काल कार्य प्रारंभ करने की सहमति दी। बैठक में अनेक महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बताया गया कि युवा वैज्ञानिकों की एक प्रतियोगिता में इस तरह का प्रस्ताव आया है।  परिषद के महानिदेशक ने बताया कि देश में साइंस मेमोरियल तो हैं, लेकिन उज्जैन के तारामंडल में साइंटिस्ट मेमोरियल बनाने का यह पहला प्रकरण है। परिषद ने प्रस्ताव पर तत्काल कार्य प्रारंभ करने की सहमति दी। इसी तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पर्यटन विकसित करने पर भी चर्चा की गई।
विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी बनी सहमति
 विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पर्यटन विकसित करने पर भी चर्चा की गई। जबलपुर और उज्जैन में बनने वाले रीजनल साइंस सेंटर के कार्यों के अनुमोदन के दौरान तय किया गया है कि हर 300 किलोमीटर पर साइंस सेंटर और सम्भाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर बनाये जाएंगे। निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में ड्रोन ट्रेनिंग के इंतजाम किए जाएं और सभी जिलों में एक जैसी ट्रेनिंग के स्थान पर ड्रोन के अलग-अलग तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाए। महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश के जिलों को ड्रोन ट्रेनिंग के लिए प्रारंभिक तौर पर 10-10 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। परिषद द्वारा हर वर्ष युवा वैज्ञानिकों को दिए जाने वाली कनिष्ठ और वरिष्ठ स्तर की शोध अध्येतावृति को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है । इसमें क्रमश: 5 और 10 हजार की वृद्धि की गई है। मंत्री ने परिषद द्वारा स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों और एनजीओ को दिए जाने वाले अनुदान को वास्तविक बनाने के निर्देश दिए। बैठक में संभाग और जिला स्तर पर विज्ञान फिल्मों के विकास और निर्माण के साथ ही विज्ञान फिल्म फेस्टिवल आयोजित किए जाने पर भी निर्णय लिया गया।
वैज्ञानिकों का बनेगा सलाहकार बोर्ड
यह भी तय किया गया कि  देश के ख्यातिलब्ध 15 से 20 वैज्ञानिक और विशेषज्ञों का एक सलाहकार बोर्ड भी बनाया जाए। यह बोर्ड हर दो माह में रिसर्च और तकनीकी आधारित ज्ञान को साझा करेगा, जो प्रदेश में विज्ञान गतिविधियों के प्रसार में सहायक होगा। युवा और नव उद्यमियों को विज्ञान और तकनीकी का लाभ सुनिश्चित करने के लिए माह में 2 बार सेमिनार और वेबिनार किए जाएं। समिति में तय किया गया कि बांस, केला और नारियल से फाइबर बनाने की तकनीक पर काम किया जाएगा। साथ ही हेल्थ डाटा बेस तैयार करने पर भी परिषद कार्य करेगी, जिससे स्वास्थ्य बीमा पर होने वाले व्यय को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सके।
सभी जिलों के डिजिटल एटलस बनेंगे
प्रदेश के सभी जिलों के महत्वपूर्ण प्रोडक्ट और प्रोजेक्ट के अनुसार डिजीटल एटलस बनेंगे।  इस संबंध में मंत्री ने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुनियाभर से कोई भी यह जान सके कि किस उत्पाद की कहां उपलब्धता है। उन्होंने इस कार्य में कॉलेज के विज्ञान विद्यार्थियों का सहयोग लेने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत करने के भी निर्देश दिए ।
फाइबर बनाने की तकनीक पर होगा काम
प्राकृतिक खेती और एग्री बिजनेस में विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद नवाचार करेगा । बैठक में तय किया गया है कि बांस- केला और नारियल से फाइबर बनाने की तकनीक पर काम किया जाएगा । इस दौरान निर्णय लिया गया है कि परंपरागत फर्नीचर के स्थान पर मानव की जरूरत के मान से फर्नीचर उत्पादन में वैज्ञानिक और तकनीक आधारित बदलाव लाए जायेंगे। बैठक में तय किया गया है कि हेल्थ डाटा बेस तैयार करने पर भी परिषद  कार्य करेगी जिससे स्वास्थ्य बीमा पर होने वाले व्यय को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सके ।

Related Articles