प्रदेश की उद्योग एवं निवेश-नीतियां निवेश फ्रेंडली बनीं

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– उद्योगपतियों को बताई प्रदेश में मिलने वाली सुविधाएं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हर सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद है। यहां नर्मदा, ताप्ती आदि नदियों की अपार जल राशि है, निरंतर बिजली उपलब्ध है, वन संपदा है, सडक़ों, रेलवे और वायु मार्ग का अच्छा नेटवर्क है और उद्योगों को बड़ी रियायतें हैं। मुख्यमंत्री ने आगामी 24 एवं 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में झीलों, पहाड़ों और वन संपदा से युक्त सुंदर भोपाल शहर में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करें और इन तारीखों को अविस्मरणीय बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को नई दिल्ली में जीआईएस-2025 के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मप्र मध्यप्रदेश की उद्योग एवं निवेश नीति निवेशकों के लिए बहुत फ्रेंडली है। हम स्टार्ट-अप्स को विशेष महत्व दे रहे हैं। उद्योगों में विभिन्न प्रकार की रियासतों के साथ ही इस बात का सर्वाधिक ध्यान रखा जाता है कि उनके सारे काम समय से हो जाएं। मध्यप्रदेश में जमीन दिल्ली की तुलना में एक बटे 40 गुना और मुंबई की तुलना में एक बटे 100 गुना सस्ती है। प्रदेश में सभी सेक्टर में विशेष रूप से टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश की असीमित संभावना है। हम टेक्सटाइल्स पर 200 प्रतिशत इंसेंटिव देते हैं, हमारा कॉटन उच्च गुणवत्ता का है। मेरी जापान यात्रा के दौरान यूनिक्लो कंपनी के मालिक ने भी इस बात का उल्लेख किया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम निरंतर उद्योगपतियों, निवेशकों से संवाद कर रहे हैं। प्रदेश में छोटे-छोटे स्थान पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई हैं। समाज में उद्योगपतियों का महत्वपूर्ण स्थान है। उद्योगों से रोजगार उत्पन्न होते हैं और रोजगार से लोगों की आजीविका चलती है। वे एक तरह से उद्योगपति समाज के पालक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जीआईएस-2025 के दिल्ली में इन्वेस्ट एम.पी. कर्टेन रेजर कार्यक्रम में कहा कि भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का कर्टेन रेजर केवल एक औपचारिक कार्यक्रम न होकर संभावनाओं से भरपूर, सशक्त और समृद्ध मध्यप्रदेश की एक झलक थी। हमारे निवेश के 3डी मॉडल को आज दुनिया भर के उद्योग जगत ने सराहा है। यह मॉडल निवेशकों की ड्राइव, प्रदेश के डेवलपमेंट और हमारी डिटरमिनेशन का प्रतीक है। हम निवेशकों के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाकर मध्यप्रदेश को नवाचार और औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत रहेंगे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश आगे बढ़ते हुए एक इंडस्ट्री रेडी स्टेट बन रहा है। हमने सभी सेक्टर के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है।
51 राजनयिक हुए बैठक में शामिल
इंटरैक्टिव राउंड टेबल, प्रमुख राजदूतों और राजनयिकों के साथ हुई बैइक में जीआईएस-2025 की रणनीतिक रूपरेखा प्रस्तुत कर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को मध्यप्रदेश में उपलब्ध निवेश अवसरों से अवगत कराया गया। मध्यप्रदेश की व्यापक औद्योगिक क्षमता, निवेश अनुकूल नीतियाँ, और सुदृढ़ अधोसंरचना को प्रस्तुत किया गया। बैठक में 40 देशों के 51 राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें 13 राजदूत, 4 उच्चायुक्त, 5 चार्ज द’अफेयर, 3 डिप्टी हेड्स, 6 काउंसलर, 4 प्रथम सचिव, 2 द्वितीय सचिव, और 5 आर्थिक एवं व्यापारिक विशेषज्ञ शामिल थे।
400 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आयोजन में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की जिसमें नई दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के निवेशक शामिल हुए। साथ ही 40 देशों के राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि, राजदूत, उच्चायुक्त, काउंसलर, मुख्य सचिव आर्थिक व व्यापारिक विशेषज्ञ आदि शामिल हुए। आयोजन में 15 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों से वन- टू-वन मीटिंग की गई जिसमे से जागृत कोटेचा (सीईओ, पेप्सिको भारत और दक्षिण एशिया), पुनीत डालमिया (चेयरमैन, डालमिया भारत), माधवकृष्ण सिंघानिया (ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, जेके सीमेंट), विनीत मित्तल (चेयरमैन, अवाडा ग्रुप), जीन-मार्क लेक्लरक्यू (सीईओ, सॉफलेट माल्ट), रिकान्त पिट्टी (संस्थापक, ईज माय ट्रिप), विनय व्यास (सीईओ, फ्यूजन एक्स एनर्जी), अनिल चालमालासेटी (ग्रुप सीईओ और एमडी, ग्रीनको ग्रुप), विनीत आर्य (वाइस चेयरमैन, जेबीएम समूह), राहुल मित्तल (चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर) और सुअनुसूया रे (वाइस प्रेसिडेंट कॉर्पोरेट अफेयर्स, ऐबी-इनवेव इंडिया) शामिल थे।
अनेक देशों ने दिखाई मध्यप्रदेश में निवेश की रुचि
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के कर्टन-रेजर कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूतों ने मध्यप्रदेश को संभावनाओं से भरपूर निवेश गंतव्य बताते हुए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने शिक्षा, कृषि और कौशल विकास में सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि मैक्सिको के राजदूत ने प्रदेश की नीतियों की सराहना करते हुए निवेश संभावनाओं पर सकारात्मक रुख प्रकट किया। अलबानिया के राजदूत ने शहरी नियोजन के क्षेत्र में अपनी रुचि व्यक्त की, वहीं जिम्बाब्वे के राजदूत ने कृषि क्षेत्र में साझेदारी को लेकर उत्साह दिखाया। स्लोवेनिया के राजदूत ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश और सहयोग की संभावनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। विभिन्न देशों की रुचि इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश अपनी रणनीतिक नीतियों, सुदृढ़ अधोसंरचना और निवेश-अनुकूल वातावरण के कारण वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा स्थान बन रहा है।

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